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Tuesday, March 8, 2011

मैं हूँ डोगा

सूरज, जो पड़ा मिला था डाकू हलकान सिंह को कूड़े के ढेर के बीच, बचपन से जिसने देखी थी सिर्फ दरिंदगी उसके जीवन में रौशनी की किरण बनकर आई सोनिका उर्फ़ सोनू परन्तु वो भी उससे बिछड़ गयी उसकी मौत का बदला लेने के लिए ही सूरज ने अपने जिस्म को जिम में तपा कर बना दिया था फौलाद इसमें उनका साथ दिया लायन जिम के गुरु अदरक चाचा और उसके भाइयों ने। परन्तु लायन जिम की थी दुश्मनी उन्ही की एक शिष्य किलोटा के किलर्स जिम के बदमाशों से। किलर्स जिम के लड़ाकों ने लायन जिम पर ढा दिया मौत का कहर। इसी का बदला लेने के लिए सूरज को बनना पड़ा डोगा। इधर डोगा को भी कानून तोड़ने के सजा देने के लिए तैयार था मुंबई पुलिस का जांबाज़ इंस्पेक्टर चीता। और फिर............?

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