कई राज्यों में अपना आतंक मचा रखा था चोर तिलिस्मी और उसके साथियों ने जो विचित्र ढंग से आते और सारा खज़ाना लेकर उसी अंदाज़ में चम्पत हो जाते। आसपास के सभी राजा थे परेशान इस चोर तिलिस्मी से। इधर विशालगढ़ की तलाश करते-करते बांकेलाल और विक्रमसिंह जब एक नगर में आ पहुंचे तो वहां के राजा कील-कील कांटा बांकेलाल को चोर तिलिस्मी समझ बना लिया बंदी क्योंकि बांकेलाल का चेहरा मिलता था चोर तिलिस्मी से। यातनाओं से बचने के लिए बांकेलाल ने बना डाली एक कुटिल योजना। और फिर...........?
No comments:
Post a Comment