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Friday, March 25, 2011

खोपड़ी का महल

मांसभक्षी राक्षसों की जाती थड़ा जिनमे फ़ैल गयी एक विचित्र बीमारी। बीमारी से बचने का जब उन थड़ा राक्षसों को नहीं मिला कोई उपाय तो अपने देवता को खुश करने के लिए राक्षसराज घड़ा ने किया निर्णय उनको मानव खोपड़ी से बना महल भेंट करने का। मानव खोपड़ी एकत्रित करने के लिए राक्षसराज ने भेजा राक्षस रिक्षा को जिसने सुवर्णपुरी नगर में मचा दिया मौत का तांडव। सुवर्णपुरी के राजगुरु की शक्ति ने नष्ट कर दिया रिक्षा को तो इससे क्रोधित हो राक्षसराज घड़ा ने अपनी सेना सहित कर दिया सुवर्णपुरी पर आक्रमण। तब राक्षसों के हमले से बचने और अपने नगर की रक्षा के लिए राजा स्वर्णसिंह ने पुकारा तिलिस्मदेव को। और फिर.........?

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