Pages

Showing posts with label जासूस टोपीचंद. Show all posts
Showing posts with label जासूस टोपीचंद. Show all posts

Wednesday, April 13, 2011

हिंसा की जड़

शहर के युवाओं में फ़ैल रही थी एक रहस्यमय बीमारी जिसकी वजह से वह हो जाता था अचानक हिंसात्मक और कर देता था किसी पर भी हमला। इस रहस्य को नहीं सुलझा पाई पुलिस तो उन्होंने मदद ली जासूस टोपीचंद की। जासूस टोपीचंद लग गया युवाओं में फ़ैल रही हिंसा की जड़ तक पहुँचने में परन्तु तभी हो गया टोपीचंद के साथी काबुलीवाला का सामना एक और हिंसात्मक लड़के से जिसे पकड़ कर काबुलीवाला ले आया अपने घर। उसके बाद अचानक काबुलीवाला ही हो गया हिंसात्मक प्रवति का शिकार और उसने कर दिया टोपीचंद पर ही हमला। और फिर.........?

Monday, May 17, 2010

अनोखा जलदैत्य

जासूस टोपीचंद अपने साथियों काबुलीवाला और रोबोडॉग पिंटू के साथ जा पहुंचा कश्मीर छुट्टी मनाने वहां पर उनसे मदद मांगने आ पहुंचे लद्दाख सीमा पर तैनात मिलिट्री सेना। जिनको चाहिए थी मदद लद्दाख में घूम रहे अज्ञात अन्तरिक्ष विमानों और सरोवर में आतंक फैला रहे जलदैत्य को रोकने के लिए। उस जलदैत्य के सामने जो भी आता वह हिल-डुल भी नहीं पाता और बन जाता पत्थर की मूर्ती। इस मुसीबत से निपटने का बीड़ा उठाया जासूस टोपीचंद ने। और फिर..........?

Sunday, March 28, 2010

मंदिर का हीरा

भारत और बर्मा के निकट दिव्यगढ़ के पहाड़ की चोटी पर बना अग्निदेव का मंदिर जिसमे अग्निदेव की मूर्ति में लगा हुआ था एक अनमोल हीरा। उस हीरे को चुराने के लिए कई विदेशी अपराधी लगे हुए थे परन्तु कोई भी उस हीरे को चुरा नहीं पाया। उस हीरे को चुराने का काम सेठ धरमदास ने न्युयोर्क के शातिर चोर पीटरसन को दे दिया। उधर इस हीरे की सुरक्षा के लिए दिव्यगढ़ के महाराज ने बुलाया जासूस टोपीचंद को। और फिर.............?

Thursday, March 25, 2010

रहस्यमय ज्वालामुखी

हिंद महासागर के बीचोंबीच बने एक द्वीप पर स्थित 'जाराकिरी ज्वालामुखी' पर हो रही थी कुछ संदिग्धहलचल। इस ज्वालामुखी का रहस्य जानने के लिए भेजा गया जासूस टोपीचंद को। टोपीचंद जासूस जापहुंचा जाराकिरी ज्वालामुखी पर जहाँ उसका सामना हुआ रहस्यमयी मशीनी तितलियों से। और फिर...........?

Tuesday, March 9, 2010

पेट्रोल की खेती

जासूस टोपीचंद को आया एक अमीर सेठ द्वारकाचंद का बुलावा जो टोपीचंद को भेजना चाहते थे के मिशन पर देशद्रोहियों का पाता लगाने परन्तु ये थी दुश्मनों की एक चाल क्योंकि वह अपना एक ख़ास मकसद पूरा करवाना चाहते थे टोपीचंद के द्वारा। टोपीचंद उनके जाल में फंसकर जा पहुंचा मनाली के सुन्दर वन में जहाँ उसका सामना हुआ अजीबोगरीब प्राणियों से। और फिर.................?

Wednesday, March 3, 2010

जासूस टोपीचंद और सितारों की फौज

दुनिया भर के वैज्ञानिक चिंतित थे नदियों, समुन्द्रों के पानी में भारी कमी आ जाने की वजह से वही दूसरी और शहर के छोटे बच्चे करने लगे थे अजीबोगरीब बातें की उनसे मिलने के लिए आकाश से तारे आते और उनके साथ खेलते हैं। इन रहस्यों को सुलझाने का बीड़ा उठाया जासूस टोपीचंद ने और उसकी मुठभेड़ हुयी एक बहुत बड़े और रहस्यमयी सितारों की फौज से। और फिर...............?

Saturday, February 27, 2010

जासूस टोपीचंद के कारनामे

जासूस टोपीचंद बहुत ही चालाक और बुद्धिमान जासूस जिसके पास थी एक अद्भुत टोपी जिसमे लगा हुआ था एक अत्याधुनिक कंप्यूटर जो किसी भी समस्या का हल चुटकी में निकाल देता है और जासूस टोपीचंद के पास था एक अनोखा रोबोट कुत्ता जो उसके कहने पर बड़े से बड़ा काम कर सकता है। इनकी मदद से जासूस टोपीचंद ने दिखाए कई हैरतअंगेज़ कारनामे। और फिर.........?