अश्वलोक का खुनी दरिंदा लुटेरा अश्वखुर्राट जो किसी भी नगर पर हमला बोलकर सभी को मार देता और उनकी सारी संपत्ति लूट अश्वमानवों का भक्षण करता। अश्वखुर्राट नाम की इस मुसीबत का पता लगाने के लिए कई राज्यों ने भेजे अपने गुप्तचर अश्वकोष्ठ से चला रक्ताम्बर जो मीलों दूर तक देख सकता था, अश्वलीद से निकला मीलों दूर तक सूंघ सकने वाला कालाखोर, सभी पशु पक्षियों की भाषा जानने वाला अश्वांधरी का राजकुमार अश्ववट, नीलीघाटी का विलक्षण बुद्धि का स्वामी राजा नीलकंठ और अश्वोक से मीलों तक सुन सकने वाला महाबली श्रव्यशक्ति परन्तु इन पांचों वीरों को बंदी बना लिया अश्वखुर्राट ने। तब इन सभी को मुक्ति दिलाने और अश्वखुर्राट का खात्मा करने निकला सूर्यवंशी राजकुमार अश्वराज। और फिर..........?
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