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Saturday, July 9, 2011

भेड़िया आया

आसाम के बांगडा कबीले से उनके भेड़िया देवता की सोने की मूर्ति ले उड़े काला बच्चा और उसके साथी, जिसको कुछ भेड़ियों ने मानव कन्या का खून देकर जिंदा कर दिया और उठ खड़ा हुआ भेड़िया और कर दिया खात्मा काला बच्चा और उसके साथियों को। इधर आसाम के जंगलों में जानवरों की खालों का व्यापार करने वाले किंग जबरान को जानवरों का शिकार करने के लिए मदद चाहिए थे जंगल में सभी जानवरों की सेवा करने वाले फुजो की। परन्तु जब फुजो ने उनकी मदद करने से कर दिया इनकार तो किंग जबरान के साथी क्रूटो ने जंगल में मचा दी तबाही। जब इसकी खबर भेड़ियों के ज़रिये पहुंची भेड़िया तक तो वो टूट पड़ा उन सब पर मौत बनकर। और फिर..............?

Friday, July 8, 2011

पाताल हत्यारा

भोकाल और तुरीन जो निकले हुए थे परीलोक को फिर से साफ़-सुथरा करने के अभियान में और उनको रोकने के लिए उठ खड़े हुए थे कई शैतान। भोकाल और तुरीन को इस अभियान में साथ मिला शक्तिशाली और फिजा का वहीँ एक शैतान धूम्रकाल ने भोकाल की ढाल के बाद गायब कर दी उसकी तलवार भी। भोकाल की वो तलवार जा पहुंची पाताललोक और हाथ लग गयी दुष्ट पाताल हत्यारे के जिसने भोकाल की तलवार की मदद से मचा दी पाताल लोक में तबाही तब उससे अपनी तलवार वापिस हासिल करने पहुंचा भोकाल। इधर परीलोक में फिजा ने बताया की परीलोक की परियों को कैद करके रखा गया है नरकजाल में जहाँ से उन्हें छुड़ाने चल पड़े सभी महारथी। और फिर.............?

Thursday, July 7, 2011

ढकमानघन

भूतकाल के योद्धा, शांबरी, लोहांगी, जंजीबार, बल्लार जैसे महारथी जो पृथ्वी पर वर्तमान काल में प्रकट हुए थे  और जिनमे छिड़ी थी जंग दिव्यशक्ति प्राप्त करने के लिए इस जंग में शामिल हो गए वर्तमान काल के अपराधी और कानून के रखवाले। इस जंग में जहाँ एक तरफ लोहांगी, जंजीबार, बल्लार और बलवा को गंवानी पड़ी अपनी जान वहीं  क्राइम की दुनिया के बेताज बादशाह मिस्टर क्राइम ने धोखे से चुरा लिया योद्धा का ढकमानघन और योद्धा और शांबरी को भेज दिया वापिस भूतकाल में जहाँ वो फंस गए शैतान धूमकेता के जाल में जिसने पहले से ही योद्धा की पिता तंत्राल को बना रखा था बंदी। और फिर..........?

Wednesday, July 6, 2011

जिस देश में बांके रहता है

विशालगढ़ की तलाश में भटक रहे बांकेलाल और विक्रमसिंह जब शक्तिनगर से निकले तो राजा शक्तिसिंह ने दी उन्हें एक विचित्र गाड़ी जिस पर सवार वो वे निकल पड़े अपनी मंजिल तलाशने और जा पहुंचे एक नगर में जहाँ आयोजित की जा रही थी विश्वक्रीड़ा प्रतियोगिताएं जिसमे भाग ले रहे थे देश-विदेश से कई प्रतियोगी इनमे से ही तीन प्रतियोगियों के साथ हो गया बांकेलाल का पंगा और बांकेलाल ने ठान लिया उनसे बदला लेने का। इधर विश्वक्रीड़ा प्रतियोगिताओ के विजेताओं की जान के पीछे पड़ा था एक दुश्मन हल्लू-हल्लू भी। और फिर..............?

Tuesday, July 5, 2011

प्रचंडा

राक्षसनगरी अंटागुडगुड का राजा अंजर-पंजर जिसे महर्षि शापदेऊ ने दिया शाप शक्तिविहीन हो जाने का। शक्तिविहीन अंजर-पंजर को ठीक करने का था एक ही उपाय मानव अर्क इसके लिए अंजर-पंजर की पत्नी चटोरी ने अपने भाई अंटाबंटा को भेजा मानव लाने। इधर घोड़ापछाड़ राज्य के राजा ढक्कासिंह ने अपने राज्य का बंटवारा कर दे दिया अपने दोनों पुत्रों ढीठ और ढिल्लड़ को परन्तु इस शर्त के साथ की दोनों राजकार्य संभालेंगे दुसरे के राज्य का। और अंटाबंटा ने जब किया दोनों राज्यों पर हमला तो दोनों राजकुमार नहीं कर सके उसका सामना। तब महर्षि शापदेऊ ने उन्हें बताया उपाय की उनकी मदद कर सकते है स्वयं महादेव। और फिर............?

Monday, July 4, 2011

गोल्ड हार्ट

रहस्यमय गोल्ड हार्ट जिसे चाहिए थी सोने की मशाल परन्तु कई कोशिशों के बाद में उसको हासिल करने में वो रहा नाकामयाब और लोगों ने उसके टुकड़े-टुकड़े कर फेंक दिए। तब उस पर हुआ एक जानलेवा हमला जिससे उसकी जान बचायी कैप्टन अंकार के भाई ललकार ने। तब गोल्ड हार्ट ने खोला अपना रहस्य कि कैसे एलास्का ग्रह के दुष्ट सम्राट क्लोसकी ने हार्ट नाम के एक युवक को गोल्ड हार्ट में तब्दील कर भेजा पृथ्वी पर ताकि वो ला सके पृथ्वी से विनाशकारी धातु सलोजोलियम जो गलती से जा पहुंचा था पृथ्वी पर और उसी से निर्माण हुआ था स्टेच्यु और लिबर्टी का और इसलिए उसे चाहिए थी वो मशाल और स्टेच्यु। और फिर..........?

Sunday, July 3, 2011

छलावा शुक्राल

हर जन्म का महावीर योद्धा शुक्राल जिसको इस वर्तमान युग में उसके पिछले जन्म की दास्तान सुना रहे थे प्रोफ़ेसर राणा, अब उनके मन में था एक ही सवाल की हर युग का नायक आज क्यों बना हुआ है एक खलनायक एक हत्यारा। तब शुक्राल ने उसे सुनाई अपनी कहानी की कैसे वो था एक बारूद की कंपनी में काम करने वाला मामूली वर्कर जिसे उसके मालिक ठक्कर साज़िश रचकर फंसाया हत्या के इलज़ाम में ताकि वो उसके लिए कर सके जुर्म। अब शुक्राल को लेना था ठक्कर से बदला और दिखानी थी वही वीरता जिसके लिए वो बना था हर जन्म का योद्धा। और फिर...........?

Saturday, July 2, 2011

अदृश्य हत्यारा

राजनगर के प्रोफ़ेसर श्रीकांत वर्मा ने किया एक अद्भुत अविष्कार जिसके लिए उसके पीछे पड़ गए आतंकवादी संगठन का सरगना किलर किंग। परन्तु प्रोफ़ेसर श्रीकांत वर्मा ने अपना अविष्कार उनको देने से अच्छा मौत को गले लगाना समझा। इधर शहर के रक्षा मंत्री धर्मेश तिवारी पर हुआ कातिलाना हमला, रहस्यमय हमलावर को रोकने आये नागराज भी रह गया आश्चर्यचकित जब वो हमलावर रक्षा मंत्री को मार कर हो गया अदृश्य। इधर किलर किंग को पता चला की वो रहस्यमय अदृश्य हत्यारा और कोई नहीं प्रोफ़ेसर श्रीकांत वर्मा ही है तब उसने बनायीं एक योजना। और पूरी दुनिया पर मंडराने लगा अदृश्य हत्यारों का खतरा। और फिर................?

Friday, July 1, 2011

गोजो और वज्र

अग्निलोक के अग्निमंदिर से अग्निमशाल चुरा ले गया महाचांडाल वज्र और एक बार फिर आक्रमण कर दिया राक्षस लोक के खूंखारा पर। इधर पृथ्वी पर भी आया हुआ था संकट रेगिस्तान के शैतान रतालू का जिसने देव नीलाभ का कर लिया अपहरण और उसकी प्रेयसी श्वेतम को साथ मिला गोजो का जो नीलाभ को छुड़ाने निकल पड़ा रेगिस्तान के सम्राट रतियम के महल में। इधर खूंखारा में भी वज्र को रोकने के लिए महागुरु पक्षक भी कर रहे थे गोजो को बुलाने की तैयारी। और फिर...........?

Thursday, June 30, 2011

चांडाल चौकड़ी

दिव्योग नगर, जहाँ अपनी माँ के साथ रहता था शमशान में मुर्दे जलाने वाला चांडाल टिंडे उस नगर पर छा गया एक दुष्टात्मा का प्रकोप जिसने टिंडे के शरीर पर कब्ज़ा कर मचा दिया हाहाकार इसलिए नगरवासियों ने दुष्टात्मा को भागने के टिंडे पर किये अत्याचार जिसके सदमे में चली गयी उसकी माँ की जान उसके बाद टिंडे हो गया नगर से गायब। और प्रत्येक वर्ष नगर के एक पर्वत की चोटी पर बनने लगे रहस्यमय शिल्प जो चार वर्ष पश्चात हो गए जीवित और लौट आया चांडाल, तीन अन्य शैतानो के साथ और उन चांडाल चौकड़ी ने मच दिया नगर में कोहराम जिसको रोकने में रहे नाकाम राजकुमार दिव्योगा तब उसने मदद के लिए पुकारा तिलिस्मदेव को। और फिर...........?

Wednesday, June 29, 2011

सावधान

राजनगर में हंगामा मचाया पांच आतंकवादियों ने जो करवा रहे थे हर जगह बम विस्फोट। उनमे से एक आतंकवादी कुली को पकड़ लिए जांबाज़ इंस्पेक्टर विनय ने। अपने साथी के पकड़े जाने से परेशान उसके बाकि साथियों ने किया फैसला अपने साथी को ख़त्म करने का परन्तु उन्हें रोकने आ गया परमाणु पर उनकी फुर्ती के आगे वो कुछ न कर सका। इधर पुलिस हिरासत में बंद आतंकवादी कुली के ज़रिये बाकि आतंकवादियों तक पहुँचने की इंस्पेक्टर विनय की योजना पर फिर गया पानी जब उस आतंकवादी ने कर ली आत्महत्या। और फिर................?

Tuesday, June 28, 2011

बुलडॉग

झोपड़पट्टी में रहने वालों की सहायतार्थ मुंबई पुलिस ने आयोजित किया सूरज और डोगा का मुकाबला जिसमे सूरज के गुरु धनिया चाचा ने डोगा के रूप में भाग लिया परन्तु उनके भागते समय उसको रोकने आये इंस्पेक्टर जंगबहादुर का क़त्ल कर दिया स्मगलर बुलडॉग के आदमियों ने जिसका इलज़ाम लगा डोगा के ऊपर। डोगा को अब करना था अपने आपको बेगुनाह साबित इसके लिए उसे पहुंचना था असली अपराधी बुलडॉग तक जिस तक डोगा को पहुंचा सकते थे डोगा द्वारा ही पकडवाए गए गुंडे। अब डोगा को सबसे पहले पुलिस के गिरफ्त से छुड़ाना था उनमे से किस एक गुंडे को ताकि उसके ज़रिये वो पहुँच सके बुलडॉग तक। और फिर..........?

Monday, June 27, 2011

अश्वराज और कल्पतरु

अश्वराज ने अश्वनाद का अंत कर कल्पतरु को तो बचा लिया परन्तु यह भी थी एक चाल अश्वनाद की क्योंकि कल्पतरु को तो वो पहले ही भेज चुका था महातिलिस्म में जहाँ से अब उसे वापस लाना था अश्वराज को। इधर अश्वलोक में चल रहे महायुद्ध में अश्वखब्ती के पुत्रों को मुंह तोड़ जवाब दे रही थी कुदुमछुम्बी जिसने अश्वखब्ती के पुत्र नाल का काट दिया था एक हाथ। इसलिए अश्वखब्ती के पुत्र खुर्रा ने चली एक चाल और धोखे से अगुवा कर लिया कुदुमछुम्बी को। और फिर..........?

Sunday, June 26, 2011

भेड़िया

पेशेवर शिकारी काला बच्चा जिसने दुनिया के अलग-अलग कोने से बुलवाया अपने- अपने हुनर में माहिर 6 लोगों को और इन्हें बताया आसाम के जंगल के बांगडा कबीले के बारे में जहाँ था एक रहस्यमय भेड़िया मुख पहाड़ जिसमे रखी थी एक बेशकीमती मानव भेड़िये की एक आदमकद सोने की मूर्ति जिसे कबीले से चुराने निकले सातों धुरंधर, और बांगडा कबीले में चालाकी से जा पहुंचे और बांगडा कबीले के वार्षिक महोत्सव में जीतकर भेड़िये की मूर्ति ले उड़े, परन्तु उनका पीछा कर रही थी भेड़िया पर बलि चढ़ाई जाने वाली लड़की जीना। और फिर.........?

Saturday, June 25, 2011

महानायक

अश्वराज, गोजो और भोकाल पर आक्रमण किया महाशैतान खलनायक के तीन रूपों रक्तपिशाच, चिकोता और गंडीसा ने और अपहरण कर ले गए घोड़ीलेखा, बिजलिका, तुरीन और राजकुमारी श्वेता को। उन शैतानों को खत्म करने के लिए शक्ति अस्त्र लेने निकले तीनों महावीर और कई खतरों का सामना कर प्राप्त की शक्ति कंटास्त्र, गुगली और ढोकला और शक्ति प्राप्त कर तीनों ने सौंप दी वो शक्ति अपने गुरुओं को परन्तु यह थी एक चाल खलनायक की क्योंकि उसने ही भेजा था तीनों को शक्ति प्राप्त करने ताकि उनसे शक्ति हथिया कर वो निर्माण कर सके महा शक्ति का जिसके द्वारा वो मचा सके पृथ्वी पर हाहाकार। अब खलनायक को रोकना था इन तीनों महानायक को। और फिर............?

Friday, June 24, 2011

खलनायक

पृथ्वी पर तीन अलग-अलग जगह आक्रमण हुआ रक्तपिशाच, चिकोता और गंडीसा का जिन्हें रोकने आए अश्वसम्राट अश्वराज, सप्तशक्ति धारक गोजो और महाबली भोकाल परन्तु अपने दुश्मनों पर नहीं पा सके विजय और रक्तपिशाच, चिकोता और गंडीसा ने अपहरण कर लिया घोड़ीलेखा, बिजलिका, तुरीन और राजकुमारी श्वेता को तब अश्वमुनि ने अश्वराज को, महर्षि तप्तमुखी ने गोजो को और तांत्रिक टिल्लू ने भोकाल को बताया उन शैतानों से निबटने का उपाय। और अश्वराज निकल पड़ा शक्ति कंटास्त्र लेने, गोजो निकला शक्ति गुगली लाने और भोकाल चल पड़ा महाशक्ति ढोकला हासिल करने। और फिर............?

Thursday, June 23, 2011

प्रलयंकारी योद्धा

वर्तमान काल में आ चुके भूतकाल के महारथियों योद्धा, शांबरी, लोहांगी, जंजीबार, बल्लार में छिड़ी थी जंग जिसमे शामिल हो चुके थे वर्तमान के दो गैंगस्टर बलवा और डायमंड। इस भयानक युद्ध में कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए इंस्पेक्टर भारत और ख़ुफ़िया एजेंट बेडमेन भी कर रहे थे मुकाबला। वहीं भूतकाल के योद्धाओं और उनके बीच हो रही जंग का रहस्य जानने के लिए भूतकाल में पहुंचा तपराज भी कर रहा था खतरों का सामना। और फिर...........?

Wednesday, June 22, 2011

महायोद्धा

परीलोक को फिर से बसाने निकले भोकाल और तुरीन की राह में कांटे बिछाने आ गए थे कचरा, मैला, चोरबालू, अचम्भा, वज्रकली और धूम्रकाल जैसे शैतान परन्तु जब वो भोकाल को रोकने में रहे नाकाम तो कचरा, मैला, चोरबालू ने सवोर्ग के राजा शक्तिशाली को बहका कर बना दिया भोकाल का दुश्मन और भिड़ा दिया आपस में परन्तु सारी ग़लतफ़हमी दूर कर दोनों आपस में बन गए मित्र और खड़े हो गए उन शैतानों के खिलाफ। इधर सारे शैतान भी हो चुके थे एकजुट भोकाल और उसके मित्रों को ख़त्म करने के लिए। इधर धूम्रकाल ने चली एक और चाल और भोकाल की ढाल के बाद चुरा ली उसकी तलवार, परन्तु उसके साथ ही रहस्यमय ढंग से भोकाल भी हो गया गायब। और फिर.........?

Tuesday, June 21, 2011

खून मांगे खून

आतंकवादी सरगना जंगबहादुर सिंह जिसने पूरे देश में मचा रखा था आतंक उसको रोकने आया एक जादूगर और उसका साथी तूफ़ान जिसने एक-एक कर जंग बहादुर सिंह के चारों साथियों मैक, जोहान, जिंगारो और रेडी को सबक सिखाकर कर दिया कानून के हवाले जब जादूगर पहुंचा जंगबहादुर तक तो पता चला की जादूगर तो है उसी का बीटा विजय बहादुर सिंह जो अपनी माँ की तलाश में आया है परन्तु अपने माँ का पता जानने से पहले ही जंगबहादुर सिंह हो गया फरार। यह खबर पता चलते ही सारे लोग और पुलिस हो गयी जादूगर के खिलाफ और उसे पकड़ लिया पुलिस ने। और फिर.........?

Monday, June 20, 2011

बांकेलाल और सुनहरी मृग

भविष्य से आया एक डाकू भयंकर सिंह और कर लिया डाकू डरपोक सिंह के दल पर कब्ज़ा और अपने भविष्य के अस्त्रों से उसने कई नगरों में मचा दिया आतंक। इधर बांकेलाल और विक्रमसिंह भटक रहे थे विशालगढ़ की तलाश में और भटकते-भटकते जा पहुंचे शक्तिनगर जहाँ के राजा को लगा हुआ था बंदर काट रोग जिसका इलाज था सुनहरी मृग की कस्तूरी। सुनहरी मृग मिलते थे पंगा घाटी पर जहाँ से सुनहरी मृग को लाने वाले को मिलना था दो हज़ार स्वर्ण मुद्राओं का इनाम। इनाम पाने के लिए बांकेलाल चल पड़ा सुनहरी मृग लाने पंगा घाटी।

Sunday, June 19, 2011

मुकाबला

मुंबई में पिछले दिनों झुग्गी-झोपड़ी में हुए अग्निकांड के पीड़ितों के सहायता के लिए मुंबई पुलिस ने रखा एक चैरिटी कुश्ती का मुकबला जिसमे एक तरफ लड़ना था लायन जिम के होनहार शिष्य सूरज को तो दूसरी तरफ था रात का रक्षक डोगा। इधर शहर में अपना स्मगलिंग का धंधा चला रहे बुलडॉग का माल पकड़ लिया इंस्पेक्टर जंगबहादुर ने। उधर शुरू हुआ सूरज और डोगा का मुकाबला और मुकाबले के बाद भागते हुए डोगा को रोकने आया इंस्पेक्टर जंगबहादुर परन्तु इससे पहले की डोगा जंगबहादुर से बचता कि जंगबहादुर को गोली मार दी बुलडॉग के आदमियों ने और इंस्पेक्टर जंगबहादुर की हत्या का इलज़ाम लग गया डोगा पर। अब डोगा को करना था अपने आपको निर्दोष साबित। और फिर...........?

Saturday, June 18, 2011

नागराज और तूतेनतू

दुनिया भर के बहुमूल्य हीरों को चुराने निकला एक रहस्यमय चोर तूतेनतू जो आंधी की तरह आता और हीरा चुराकर तूफ़ान की तरह निकल जाता। हीरों की सुरक्षा के सारे इंतज़ाम उसके सामने बौने लगते यहाँ तक की नागराज भी उसको रोकने में रहा नाकाम। तूतेनतू ने दुनिया भर के बेशकीमती हीरों के साथ-साथ चुरा लिया नागमणि द्वीप की देवी की मणि, नागराज फिर उसे रोकने में रहा नाकाम क्योंकि उस पर नहीं होता था किसी भी वार का असर, मौत भी नहीं छू पाती उसे, वो तूतेनतू ले उड़ा देवी की मणि और राजकुमारी विसर्पी को। अब नागराज को पता लगाना था तूतेनतू और उसकी अविजित शक्ति का रहस्य और वापस लाना था देवी की मणि। और फिर............?

Friday, June 17, 2011

तिलिस्मदेव और महाकाल

रक्षनगर का राक्षसराज महाकाल जो कर रहा था भगवान शिव की तपस्या ताकि उनसे वरदान प्राप्त कर देवराज इंद्र से अपने अपमान का बदला ले सके। देवराज इंद्र ने इसके लिए मांगी मदद धर्मराज से जो निकल पड़े शिव जी का रूप धरकर महाकाल के पास। इधर माता पार्वती ने महाकाल को दिया उसका इच्छुक वरदान और धर्मराज को शिव का रूप लिए हुए देख उसे दिया शाप पृथ्वी पर भांड बनने का जो तभी टूट सकता था जब वो करे महाकाल का अंत। धर्मराज ने पृथ्वी पर रूप लिया एक युवक का जो था युवराज धरमसिंह का जिससे प्रेम करती थी भांडपुरी की राजकुमारी रूपकंवारी और जिसको मारना चाहते थे भांडपुरी के राजा बहरूप सिंह। इधर असली धरमसिंह भी आ पहुंचा भांडपुरी जो अपने हमशकल को देख उसको सबक सिखाने के लिए जा मिला महाकाल से। और फिर..........?

Thursday, June 16, 2011

लाश कहां गई

विजयगढ़ रियासत के भूतपूर्व राजा छत्रपालसिंह ने अपनी हवली कर दी नीलाम जिसे ख़रीदा सेठ बकरावाला ने और हवेली की कीमत सोने के रूप में भिजवा दी राजा छत्रपालसिंह के पास। उस सोने को हथियाने का प्लान बनाया 5 लुटेरों ने और जा पहुंचे उस हवेली पर जहाँ उन्होंने कर दिया छत्रपालसिंह का क़त्ल परन्तु सोना हासिल करने से पहले ही पुलिस ने हवेली पर मार दी रेड और मार गिराया एक लुटेरे गिरहकट को जो जनता था सोने तक पहुँचने का रास्ता। बाकि के लुटेरे भाग निकले परन्तु जब पुलिस इंस्पेक्टर राठौर वापस पहुंचा गिरहकट की लाश तक तो लाश हो चुकी थी गायब जिसका कोई नहीं लगा पाया सुराग। हवेली सेठ बकरावाला को कर दी गयी सुपुर्द। और हवेली से सोना ढूंढने करने के लिए सेठ बकरावाला और बाकी लुटेरे बनाने लगे अपनी योजनायें परन्तु एक नकाबपोश एक-एक कर करने लगा उनकी हत्याएं। और फिर..........?

Wednesday, June 15, 2011

शुक्राल और कलयुग

सतलुज देश जहाँ एक पहाड़ की चोटी पर रखा था एक तांत्रिक की चमत्कारी खोपड़ी और एक दिव्य तलवार जिसे पाने के फ़िराक में था दुष्ट कलयुग और सतलुज देश के राजा सतलुज। सतलुज की तरफ से लड़ रहा था उनके महामंत्री का पुत्र वीर योद्धा शुक्राल जिसने कलयुग के पुत्र महाक्रोधी का कर दिया वध। इधर कलयुग ने भी कर दिया राजा सतलुज का अंत और हासिल कर ली वो चमत्कारी खोपड़ी और वो दिव्य तलवार हाथ लगी शुक्राल के। सतलुज की मौत के बाद सेनापति दो दांत ने राजा बनना चाहा परन्तु महामंत्री ने कर दिया इन्कार। इस बात से खफा हो सेनापति जा मिला दुष्ट कलयुग के साथ और शुक्राल से दिव्य तलवार हासिल करने के लिए उसने चली एक चाल और सतलुज देश के निवासियों को भड़का दिया शुक्राल के खिलाफ। और फिर ..........?

Tuesday, June 14, 2011

महाबली गोजो

अर्जुननगर की राजकुमारी श्रीजा पर किया हमला शिलाजीत नामक शैतान ने जिसे भेजा था राजकुमारी श्रीजा से विवाह करने के इच्छुक दुष्ट राजा दुर्जनमुख ने। श्रीजा को बचाने आया गोजो परन्तु वह भी कुछ न बिगाड़ सका शिलाजीत का क्योंकि शिलाजीत था एक अमर शैतान। शिलाजीत ने अपहरण कर लिया श्रीजा का और गोजो को बताया महर्षि तेजस्वी ने की शिलाजीत को समाप्त करने के लिए उसे लाना होगा अमर खंजर जिसे प्राप्त करने के लिए गोजो को सर्वप्रथम काला कबीला में आयोजित प्रतियोगिता को जीतना था। और गोजो चल पड़ा अमर खंजर प्राप्त करने। और फिर..........?

Monday, June 13, 2011

अश्वराज और अश्वनाद

अश्वराज निकला हुआ था अश्वमेध के घोड़े कल्पतरु को वापस लाने जिसे अश्वराज के ताऊ श्री अश्वखब्ती ने पकड़ कर अश्वनाद के पास भेज दिया था ताकि उसकी बलि चढ़ा सके। और इधर अश्वखब्ती ने आक्रमण कर दिया था अश्वराज के राज्य पर जहाँ उसका सामना कर रहे थे अश्वऋषि द्वारा भेजे महारथी। इधर अश्वऋषि सुना रहे थे अश्वखब्ती की दुश्मनी के बारे में कि कैसे उसकी दुष्ट प्रवति के चलते उसके पिता अश्वहस्ती ने उसे सम्राट बनाने के बजाय अपने छोटे पुत्र तारपीडो को सम्राट बना दिया था इसी का बदला वो लेना चाहता था पूरी सूर्यवंशी राज्य से। और फिर...............?

Sunday, June 12, 2011

वैम्पायर

सुपर कमांडो ध्रुव का सामना हुआ एक आतंकवादी से जिससे उसे पता चला की राजस्थान के पोखरन में होने वाले परमाणु बम के परिक्षण में आतंकवादी करने वाले है कुछ हरकत। ध्रुव भी निकल पड़ा पोखरन जहाँ उसके पिता और बहन श्वेता पहले से ही गए हुए थे। आतंकवादी सरगना बाबा खान ने बम के साथ कर दी कुछ छेड़खानी जिसके फलस्वरूप खुल गया उनकी गुफा में एक रहस्यमय छेद। ध्रुव की बहन जब चंडिका बन पहुंची उस गुफा में तो उस पर हुआ एक अज्ञात हमला और वो हो गयी बेहोश। इधर ध्रुव भी इन रहस्यों को सुलझाते हुए पहुँच गया पोखरन के किले में जहाँ जहाँ उसकी टक्कर हुए एक नकाबपोश से। इधर पोखरन में आ पहुंचा एक रहस्यमय शख्स जो जिसको भी काट लेता वो बन जाता खुनी वैम्पायर। और फिर...........?

Saturday, June 11, 2011

बांकेलाल और बकासुर

विशालगढ़ की खोज में भटक रहे बांकेलाल और विक्रमसिंह को एक वन में मिल गयी एक राक्षसी छप्पन जो बांकेलाल से शादी करने के लिए उठा ले गयी बांकेलाल को। इधर वन में तपस्या कर रहे बकासुर ने देवता से चालाकी से प्राप्त कर लिया गदासुर और जा पहुंचा राक्षसों की  बस्ती। राक्षसी छप्पन अपने पिता राक्षसराज बदमिजाज़ के कहने पर बकासुर से शादी के लिए हो गयी तैयार और बांकेलाल को कर दिया आज़ाद। बांकेलाल और विक्रम सिंह फिर जा पहुंचे मासूम नगर जहाँ महाराज कठोर सिंह ने बांकेलाल और विक्रमसिंह को दे दी सजा। बांकेलाल न कठोर सिंह से बदला लेने के लिए बनायीं योजना और राक्षसों और मासूम नगर में युद्ध करवा कर गदासुर हथियाने के लिए चल पड़ा राक्षस बस्ती। और फिर..........?

Friday, June 10, 2011

महारथी

प्राचीन काल से कलयुग में आये महारथियों योद्धा, शांबरी, लोहांगी और कलयुग के दो गैंगस्टरों बलवा और डायमंड व इंस्पेक्टर भारत के बीच छिड़ी थी युद्ध। जिसमे बलवा ने योद्धा और शांबरी की दुश्मन लोहांगी को मिला लिया अपने साथ। डायमंड चाहता था बलवा का खात्मा इसके लिए उसने शांबरी को कैद कर योद्धा से किया था बलवा की मौत का सौदा। इधर बलवा की लगातार हार होने से वर्ल्ड क्राइम आर्गेनाइजेशन का प्रतिनिधि बेडमेन भी जा पहुंचा योद्धा से टक्कर लेने। योद्धा जिसको इंस्पेक्टर भारत के रूप में एक साथी मिल चुका था उसकी तलाश में लोहांगी भी जा पहुंची योद्धा के पास। योद्धा को बेडमेन ने हरा कर लिए किडनैप। इधर इस जंग में कूद पड़े दो और महारथी जंजीबार और बल्लार। और फिर.........?

Thursday, June 9, 2011

अशान्ति

सोने की मशाल जो थमी थी महानगर के स्टेच्यु ऑफ़ लिबर्टी के हाथों में उस बहुमूल्य मशाल के पीछे पड़ा था स्मगलर कंगोरा और एक रहस्यमय गोल्ड हार्ट जो पहले सैंडमैन बनकर तो अब आयरनमैन बनकर मशाल प्राप्त करने की कोशिश में लगा था। मशाल की ही सुरक्षा में डटा हुआ था कैप्टेन अंकार। इधर महानगर के लोगों में भी चर्चा का विषय बना हुआ था गोल्ड हार्ट जो किसी भी वस्तु को छू ले तो वो बन जाती थी सोने की। इस बात का पता लगने के बाद हर कोई लग गया था गोल्ड हार्ट के पीछे। और फिर...........?

Wednesday, June 8, 2011

अश्वराज और तुम

अश्वलोक में अश्वराज द्वारा आयोजित अश्वमेध यज्ञ के घोड़े कल्पतरु को पकड़ लिया अश्वराज के ताऊ अश्वखब्ती ने और उसको बलि के लिए भेज दिया अश्वनाद के पास। कल्पतरु को वापस लाने निकला अश्वराज जिसके राह रोके खड़ा था 'तुम'। इधर अश्वलोक पर कब्ज़ा करने के लिए आक्रमण कर दिया अश्वखब्ती और उसके पुत्रों ने जिसका जवाब देने के लिए युद्धभूमी पर आ खड़ी हुयी अश्वराज की पत्नी कुदुमछुम्बी जिसने काट डाला अश्वखब्ती के पुत्र नाल का एक हाथ। और फिर...........?

Tuesday, June 7, 2011

शक्तिशाली

परीलोक को फिर से बसाने और परीलोक पर राज करने वाले शैतानों कचरा, मैला और चोरबालू का अंत करने आ पहुंचे भोकाल और तुरीन और करने लगे एक एक कर तीनों शैतानों के दर्जन सेवकों का सफाया। भोकाल को ना हारते देख तीनों ने रची एक साजिश और कचरा ने भोकाल का रूप धर परीलोक के पड़ोसी राज्य सवोर्ग पर फैला दी गंदगी जिससे सवोर्ग का राजा शक्तिशाली भोकाल का दुश्मन बन निकल पड़ा उसकी खोज में। इधर कुछ और रहस्यमय शक्तियां अचम्भा और वज्रकली भी लग गयी थी भोकाल की जान के पीछे। वज्रकली को चाहिए था भोकाल का शक्तिपंख इसके लिए उसने अचम्भा की कैद से आज़ाद कराया परी फिज़ा को और करने लगी भोकाल से सौदा। इधर शक्तिशाली भी आ पहुंचा था भोकाल से टक्कर लेने। और फिर...........?

Monday, June 6, 2011

प्रेतयुद्ध

ऊंटा कस्बे में लगा हुआ था हॉरर शो नाम का म्यूजियम जिसकी फीस थी खून की एक बूँद और जिसमे होती थी दर्शकों के साथ भयानक घटनाएं जब इसकी शिकायत की गयी पुलिस को तो वो भी नहीं कर पाई कुछ। इधर हॉरर शो की मालकिन कमूई को इंतज़ार था आनंद के म्यूजियम में आने का। आनंद जब आया म्यूजियम में तो कमूई ने अघोरी के साथ मिल दे दी उसे एक भयानक मौत। उसके बाद ऊंटा कस्बे में शुरू हो गया मौत का खेल तब आया फिर वही आनंद और उसने खाई कसम कमूई को रोकने की। और फिर शुरू हो गया प्रेत युद्ध। और फिर.........?

Sunday, June 5, 2011

भूतराजा

राजनगर की पर आया एक भयंकर भूकम्प जिससे राजनगर की धरती फटी और उसमे से निकला एक प्रेत यंत्र जिसको प्राप्त किया इरी ने परन्तु उस प्रेत यंत्र के पीछे पड़ा था भूतराजा ताकि वो उसकी मदद से आत्माओं को अपना गुलाम बना सके। परन्तु इरी ने उसे कर दिया परास्त। तब भूतराजा ने इरी की गुफा में फैला दी रहस्यमय बीमारी जिसकी चपेट में आ गए गुफा में रहने वाले सारे प्रेत और खुद इरी। अब इस बीमारी का इलाज कर सकता था केवल हिमालय पर रहने वाले इरी के महागुरु जिनको लेने के लिए निकला प्रेत अंकल। और फिर...............?

Saturday, June 4, 2011

जाली नोट

राजापुरी के गटर में अपना निवास बना चुके फाइटर टोड्स की बिजली काट दी बिजली कर्मचारियों ने फाइटर टोड्स ने जब की उनकी पिटाई तो उन्होंने कहा की बिजली लगवानी है तो देने पड़ेंगे रूपये। बेचारे फाइटर टोड्स रुपयों के लिए जा पहुंचे बैंक जहाँ उन्हें पता चला रुपया तो कहते हैं कागज के टुकड़ों को जिनको कंप्यूटर्र अपने कंप्यूटर पर ही छाप सकता है। पर भोले भाले फाइटर टोड्स ने नासमझी में छाप दिया 15 रूपये का नोट और चल पड़े बाज़ार में। उस 15 रूपये के नोट की क्वालिटी देख पड़ गया उनके पीछे जाली नोटों का धंधा करने वाला दादुपति और उसने फाइटर टोड्स को दिया अपने साथ व्यापार करने का न्योता। फाइटर टोड्स को जो नहीं आया रास परन्तु कंप्यूटर्र आ गया दादुपति के झांसे में और बाकि फाइटर टोड्स से लड़कर वो चला गया दादुपति के पास। और फिर.............?

Friday, June 3, 2011

कत्ले आम

शहर में आतंकवादी हमले करवा रहे जंग बहादुर सिंह को रोकने के लिए आ पहुंचे थे जादूगर और तूफ़ान जिन्होंने ऐसा हंगामा खड़ा किया की जंग बहादुर और उसके साथियों का हो गया जीना हराम। जादूगर ने जंग बहादुर सिंह के तीन साथियों मैक, जिंगारो और जोहान को सबक सिखाकर पहुँचाया जेल अब उसके निशाने पर था जंग बहादुर का चौथा साथी रेडी। इधर रेडी को भी जब मिली जादूगर के आने की खबर तो उसने जादूगर के स्वागत के लिए मचा दिया कत्ले आम। और फिर............?

Thursday, June 2, 2011

खूंखार

शहर का मशहूर डॉक्टर खंख्खार जिसकी प्रसिद्धि ने तीन डॉक्टरों इमलीस पूरी, डॉक्टर कसईया और डॉक्टर झंड को बना दिया उसका दुश्मन। डॉक्टर खंख्खार को बरबाद करने के लिए उन्होंने रची एक साजिश और डॉक्टर खंख्खार के अस्पताल में जाकर एक दवाई में मिला दिए रेबीज के कीटाणु जिसकी वजह से चली गयी एक मरीज की जान। लोगों के आरोप के कारण खुद को बेक़सूर साबित करने के लिए डॉक्टर खंख्खार ने खुद पी ली वो दवा और वो खुद बन गया एक खूंखार। जब उसे पता चला की उसकी इस दशा की वजह हैं वो तीन डॉक्टर तो डॉक्टर खूंखार चल पड़ा उन्हें मौत देने। और फिर...........?

Wednesday, June 1, 2011

शुक्राल और जबरदस्ता

जालसाज़ और शातिर जबरदस्ता जिसने बनाई एक कुटिल योजना जिसके तहत वो किसी भी राज्य में हमला करने भेज देता अपने साथी राक्षस लसूडा को और जब कोई उसका सामना न कर पता तो खुद उसको हरा कर राज्य के निवासियों पर बनाता अपनी साख और राज्य में विद्रोह करवा कर किसी गरीब निवासी को बना देता वहां का राजा। ऐसे ही कई राज्यों में अपना जाल बिछाता और कब्ज़ा जमाता हुआ वह जा पहुंचा गुल्लीनगर परन्तु वहां पर था जांबाज़ सेनापति शुक्राल जिसने राक्षस लसूडा को दिखा दिए दिन में तारे। ये देख जबरदस्ता ने अपने आदेश के गुलाम सभी गरीब राजाओं के सेना लेकर कर दिया गुल्लीनगर पर हमला। और फिर............?

Tuesday, May 31, 2011

गोजो और मंकोट

मकोड़ा राज्य जहाँ के राजा मंकोट को पराजित कर गोजो ने बना लिया था उसे अपना वाहन। उस मंकोट की पुत्री राजकुमारी मंकरा तक जब पहुंची मंकोट के पराजित होने की बात तो वो क्रोध में चल पड़ी पृथ्वी पर गोजो से बदला लेने। इधर पृथ्वी पर पिंजोरा राज्य पर आया हुआ था संकट पूरा राज्य धस रहा था ज़मीन के अन्दर और इस संकट से पिंजोरा को उबारने में तत्पर था सप्तशक्ति धारक गोजो। और फिर...........?

Monday, May 30, 2011

कुत्ता फ़ौज

मुंबई में अंडरवर्ल्ड गैंग और सड़क छाप गैंग के बीच छिड़ी हुयी थी जंग जिसमे सड़क छाप गैंग के गुंडों ने अंडरवर्ल्ड की नाक में कर रखा था दम। इधर इन दोनों गैंगों को रोकने के लिए लगे हुए थे दो जांबाज़ एक मुंबई पुलिस का इंस्पेक्टर चीता तो दूसरी तरफ रात का रक्षक डोगा। इंस्पेक्टर चीता को भी होने लगा था डोगा और सूरज के एक होने का शक इस शक को यकीन में बदलने के लिए उसने जॉइन कर ली अदरक चाचा की लायन जिम। इधर अंडरवर्ल्ड लीडर डैंग, सड़क छाप गैंग से परेशान होकर बना रहा था उनके खिलाफ योजना। और फिर............?

Sunday, May 29, 2011

ब्लैक बेल्ट

दिल्ली में आतंक मचाने वाले आतंकवादियों ने कुतुबमीनार पर लगाया एक खतरनाक नर्व बम। नर्व बम से दिल्ली को बचाने के लिए परमाणु छोड़ आया उस नर्व बम को अन्तरिक्ष की गहराइयों में। उसके बाद दिल्ली में मचने लगी तबाही जिसे मचा रहा था ब्लैक बेल्ट। परमाणु ने उसे रोका तो उसने बताया की उसके ग्रह साइक्लोन में पृथ्वी से फेंके गए नर्व बम द्वारा तबाही मच गयी उसी का बदला लेने के लिए वो आया है पृथ्वी पर और जब ब्लैक बेल्ट को पता चला की उसके ग्रह पर तबाही मची परमाणु के कारण तो वो बन गया परमाणु की जान का दुश्मन और उसने परमाणु को साइक्लोन ग्रह के बर्फ के नीचे कर दिया दफ़न। तब परमाणु की जान बचायी उसकी दोस्त प्रलयंका ने और प्रोफ़ेसर की मदद से परमाणु ने कर लिया ब्लैक बेल्ट को कैद। परन्तु ब्लैक बेल्ट के निर्माताओं ने उसे फिर से  कर दिया आज़ाद और एक बार फिर उठ खड़ा हुआ ब्लैक बेल्ट तबाही मचाने के लिए। और फिर...........?

Saturday, May 28, 2011

बलवा

राजनगर में आगमन हो चुका था प्राचीन काल के महारथियों का जहाँ योद्धा और शांबरी वापस अपने काल में जाने के लिए भभूत देव के पास पहुँच चुके थे वहीं इन दोनों की दुश्मन लोहांगी ढूंढ़ रही थी योद्धा को। इधर राजनगर में अपराधों का शहंशाह बलवा ढा रहा था कहर जिसको रोकने में लगा हुआ था योद्धा। बलवा को भी मिल गयी थी लोहांगी के रूप में एक खतरनाक साथिन। वहीं एक और अपराधी डायमंड किलर बनाना चाहता था योद्धा को अपना साथी ताकि वो राजनगर से पत्ता साफ़ कर सके बलवा का इसलिए उसने अपहरण कर लिया योद्धा की साथिन शांबरी का और योद्धा से किया बलवा की जान का सौदा। और फिर...........?

Friday, May 27, 2011

खूनी ब्रिगेड

पूरे देश में जंग बहादुर सिंह नाम का आतंकवादी करवा रहा था जगह-जगह बम विस्फोट। जंग बहादुर के साथ थे उसके चार साथी मैक, जोहान, जिंगारो और रेडी। ऐसे में शहर में आगमन हुआ जादूगर और उसके साथी तूफ़ान का जिन्होंने इन आतंकवादियों पर बोल दिया धावा और मैक को करवा दिया सलाखों के पीछे। अब उसका निशाने पर था बाकि के आतंकवादी। इधर जोहान और जिंगारो के खूनी ब्रिगेड को भी थी तलाश जादूगर की ताकि उसको हटा सके अपने रास्ते से। और फिर..........?

Thursday, May 26, 2011

जलजला

महानगर की स्टेच्यु ऑफ़ लिबर्टी की सोने की मशाल जिसको ले उड़ा था कुख्यात स्मगलर कंगोरा और जिसके पीछे पड़ा था विचित्र सैंडमैन उनको अपनी बहादुरी से रोका मशाल की सुरक्षा में लगे कैप्टेन अंकार ने और मशाल को एक बार फिर वापिस हासिल किया। इधर सैंडमैन का रूप त्याग कर गोल्ड हार्ट ने विचित्र गेंद का रूप और वो फिर निकल पड़ा मशाल को हथियाने। परन्तु वो गोल्ड हार्ट जिस भी धातु से टकराता उसे बदल देता सोने में इसलिए सभी लोग पीछे पड़ गए उसके। इधर कंगोरा भी निकल पड़ा था फिर से मशाल को हथियाने। और गोल्ड हार्ट ने भी अख्तियार कर लिया एक नया रूप। और फिर..........?

Wednesday, May 25, 2011

अश्वराज और मैं

अश्वराज ने अश्वलोक में आयोजित किया अश्वमेध यज्ञ परन्तु अश्वराज के ताऊश्री अश्व्खब्ती ने अश्वमेध के घोड़े कल्पतरु का कर लिया अपहरण। अश्वराज निकला कल्पतरु को वापस लाने और टकरा गया अश्व्खब्ती के पुत्र अखोर से जिसमे एक रहस्यमय शक्ति अश्वमेध ने अश्वराज की मदद की और अखोर का खात्मा कर दिया। अखोर की मृत्यु की खबर सुन अश्व्खब्ती ने कर दिया अश्वराज पर आक्रमण और अश्वराज को मरणासन्न छोड़ कल्पतरु की बलि देकर अखोर को पुनः जीवित करने के लिए कल्पतरु को भेज दिया शैतान अश्वनाद के पास और अपने 49 पुत्रों सहित अश्वलोक पर कर दिया आक्रमण। और फिर............?

Tuesday, May 24, 2011

महागुरु भोकाल

परीलोक पर कब्ज़ा किये हुए थे तीन शैतान कचरा, मैला और चोरबालू। इन खतरों को समाप्त कर फिर से परीलोक को बसाने के लिए पृथ्वी से भोकाल और तुरीन को ले आये महागुरु भोकाल। भोकाल निकल पड़ा परीलोक की सफाई पर परन्तु उसका रास्ता रोकने आये तीनों शैतानों के सेवक। भोकाल के आ जाने से उन तीन शैतानों के अलावा भी कुछ और शक्तियां उठ खड़ी हुयी और उनमे से एक ध्रूमकाल ने छीन ली भोकाल से उसकी ढाल। इधर महागुरु भोकाल ने भोकाल को दिए शक्ति पर जिसके पीछे पड़ी थी वज्रकली और उसने भेज शक्ति पर लेन  क्रूराकृति को। इधर भोकाल को सुनाई दी एक रहस्यमय परी फिज़ा की चीख जिसका पीछा करते हुए भोकाल जा पहुंचा महागुरु भोकाल के एक हमशकल अचम्भा के महल में और छुड़ा लाया फिजा को। और फिर........?

Monday, May 23, 2011

नागराज और मिस किलर

विषविज्ञान के छात्रों का एक दल घने जंगलों में कर रहे थे विचित्र सापों की खोज किन्तु एक विचित्र सांप के हमले में सभी मारे गए बच गयी सिर्फ एक लड़की जीनी जिसको बचाया नाग सम्राट नागराज ने। इधर नागराज की पुरानी दुश्मन मिस किलर बना रही थे एक शैतानी योजना। उधर जीनी जब पहुंची अपने पिता प्रोफ़ेसर दिवाकर के पास तो उस विचित्र सांप की फुंफकार जो जीनी के पैरों पर लगी थी उससे उन्होंने बनाया सुपर गोंद चेपिकोल जिसने पूरी दुनिया में धूम मचा दी। चेपिकोल की प्रसिद्धि के कारण हुआ प्रोफ़ेसर दिवाकर की कंपनी पर हमला। जिसके सदमे से पागल हो गए प्रोफ़ेसर दिवाकर। उसके बाद दुनिया पर मंडराने लगा ऐसे अपराधियों का खतरा जो अपराध करने के लिए इस्तेमाल कर रहे थे इसी सुपर गोंद का।  इन खतरों से निबटने के लिए निकला नागराज। और फिर.........?

Sunday, May 22, 2011

इंसाफ का खुदा

शहर में हो रही थी आतंकवादी घटनाएँ जिसे अंजाम दे रहा था माफिया डॉन जंग बहादुर अपने चार साथियों मैक, जोहान, जिंगारो और रेडी के साथ। जिनके खिलाफ जंग बहादुर की पत्नी सुमित्रा ने आवाज़ उठाई तो उन्होंने कर दिया उसका मुंह बंद। परन्तु सुमित्रा ने बुलवा लिया था लंदन में पढने गए अपने बेटे को। इधर शहर में दाखिल हुआ एक रहस्यमय शख्स और टूट पड़ा इन आतंकवादियों पर अपनी सम्मोहन विद्या की जादूगरी के साथ। जब इस जादूगर की खबर लगी मैक को तो लग गया जादूगर की तलाश में परन्तु जादूगर और उसका साथी तूफ़ान एक-एक कर मैक के खूनी ब्रिगेडों का करने लगे सफाया। और फिर...........?

Saturday, May 21, 2011

तिलिस्मदेव और जहरबुझा

विजय नगर जहाँ मचा हुआ था हाहाकार जिसका कारण था विजय नगर की गर्भवती महिलाओं के कोख से नवजात बच्चों का गायब हो जाना। उन बच्चों को कोख से गायब करने वाली शक्ति उनके ज़रिये कर रही थी जीवित कब्रों में दफ़न मुर्दों को और इस भयानक कार्य को कर रहा था शैतान ज़हरबुझा। उन जीवित किये मुर्दों से जहरबुझा ने विजय नगर में मचा दिया कोहराम। तब उन मुर्दों से टक्कर लेने आया विजय नगर के सैनिकों को प्रशिक्षण देने वाला वीर दर्भाकुश परन्तु दर्भाकुश भी न बिगाड़ पाया उन मुर्दों का तब उसने मदद के लिए पुकारा तिलिस्मदेव को। और फिर...........?