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Friday, December 31, 2010

सबसे बड़ा हत्यारा

भुजंग देश में हुयी महाबली अतिक्रूर और पीकू पकोडिया की शादी परन्तु शादी में शामिल होने आये जुफार ग्रह के राजा कागा ने कर दी पीकू पकोडिया की हत्या और गायब कर दिया उसका शव और दी चुनौती अतिक्रूर, शूतान और भोकाल को कि पीकू का शव पाने के लिए उनको जूझना होगा विश्व के महानतम हत्यारों से। इधर जुफार ग्रह पर राजा कागा ने आयोजित कर रखी की सबसे बड़ा हत्यारा प्रतियोगिता जिसमे भाग लेने आये विश्व के महानतम हत्यारों को सर काट कर लाना था शूतान, अतिक्रूर और भोकाल का। और फिर.................?

Thursday, December 30, 2010

परछाई

अनिल नाम का एक युवक जिसको हर रात सपने में दिखती थी एक भयानक परछाई। परछाई जो लेना चाहती थी उसकी जान। अनिल के उस सपने की वजह से परेशान थे अनिल और उसकी पत्नी काजल। उस परछाई के डर से अनिल ने कर दिया अपनी पत्नी तक पर हमला। अनिल को करवाया गया अस्पताल में भर्ती जहाँ डॉक्टरों ने बताया की अनिल को तो है स्मैक की लत जिसकी वजह से उसको पड़ते हैं ऐसे दौरे। अस्पताल में होने लगा अनिल इलाज। तीन महीने बाद जब उसकी तबियत ठीक हुयी तभी अचानक उसको फिर से दिखने लगी वही परछाई। और फिर.................?

Wednesday, December 29, 2010

दलदल के नीचे

पांच हत्यारे जिन्होंने एक लाश को लेजाकर फेंक दिया एक गड्ढे में। परन्तु उनको लाश फेंकते देख लिया एक रहस्यमयी शख्स ने और उनको करने लगा ब्लैकमेल। लाश का सौदा करने के लिए वो ब्लैकमेलर करता था उनसे अजीब सी डिमांड कभी मांगता उनमे से किसी के हाथ की उंगलिया, तो किसी की कटी हुयी जीभ। और उन कटे हुए अंगों को वो फिंकवा देता काली दलदल में। दलदल का रहस्य जानने जा पहुंचे वो सभी परन्तु वहां दलदल दे नीचे से आ निकली उन सबकी मौत। और फिर................?

Tuesday, December 28, 2010

तिलिस्मदेव और दिवोगा

दिव्यापुर का राजा चक्रम सिंह जिसके पास था एक अद्भुत दिव्यास्त्र दिवोगा परन्तु चक्रम सिंह की रानी दिव्यारुपा ने चक्रम सिंह से किया छल और वो दिव्यास्त्र दे दिया सेनापति दुर्जन सिंह को जिसके बल पर वो करना चाहती थी विश्व विजय। दुर्जन सिंह ने दिवोगा की मदद से चक्रम सिंह के हाथ पैर काट बना दिया उसे अपाहिज और निकल पड़ा विश्व विजय को। चक्रम सिंह का अपाहिज शरीर मिला लकडहारे हरदेव को और उसने पुकारा मदद के लिए तिलिस्मदेव को और अपने राजा के लिए हरदेव ने बलिदान कर दिए अपने हाथ पैर। तिलिस्मदेव की शक्ति प्राप्त कर चक्रम सिंह ने दुर्जन सिंह को तो कर दिया ख़त्म पर दिव्यारुपा ने छल से कर दिया चक्रम सिंह का भी अंत। तब दिव्यारुपा को समाप्त करने के लिए तिलिस्मदेव ने अपाहिज हो चुके हर देव को दे दिए स्वयं के हाथ और पैर। और फिर................?

Monday, December 27, 2010

बांकेलाल अश्वलोक में

बांकेलाल और विक्रमसिंह जो कंकड़ बाबा का शाप झेलते हुए कई योनियों में भ्रमण करने के पश्चात् आ पहुंचे अश्वलोक में जहाँ रोजाना आयोजित की जाती थी अश्वदौड़ प्रतियोगिता जिसमे जीतने वाले को मिलती थी अश्वपति की उपाधि तो हारने वाले को भेज दिया जाता था अजगर दानव केंचुआ के पास उसका भोजन बनने। इस अश्वदौड़ प्रतियोगिता में भाग लिया बांकेलाल और विक्रमसिंह ने जहाँ विक्रमसिंह जीत कर बन गए अश्वपति वहीँ बांकेलाल बन गया फिसड्डी। और बांकेलाल को भेज दिया गया अजगर दानव केंचुआ का भोजन बनने के लिए। और फिर.............?

Sunday, December 26, 2010

अजगर का तूफ़ान

स्कॉट्लैंड जहाँ बच्चों में छाया हुआ था चोक्रेट का नशा जिसे चला रहा था ब्रिटेन का कुख्यात तस्कर अजगर। अजगर का था एक और शौक ऊँटों की रेस जिसका वो करता था बड़े पैमाने पर आयोजन परन्तु उस ऊंट रेस में इस्तेमाल होता था मासूम बच्चों का जिनको अजगर दुनियाभर से अगवा करवाता। और ऊंट रेस में भाग ले रहे ऊँटों पर उन बच्चों को बाँध कर रेस करायी जाती। इस खतरनाक खेल, चोक्रेट के नशे और अजगर का खात्मा करने के लिए स्कॉट्लैंड आ पहुंचा विश्व आतंकवाद का दुश्मन नागराज। और फिर.............?

Saturday, December 25, 2010

बांकेलाल प्रेतलोक में

कंकड़ बाबा के शाप के कारण विभिन्न योनियों से होता हुआ इस बार बांकेलाल पहुंचा प्रेतलोक। जहाँ पहुँचते ही प्रेत बने बांकेलाल को मिल गयी सजा। प्रेतलोक और भूतलोक में थी टक्कर और इसका कारण थे भूतलोक से निकाले गए तीन दुष्ट भूत भाई को किसी न किसी भूत-प्रेत को सताते रहते। प्रेतलोक ने दी थी भूतलोक को चेतावनी की अगर उनका कोई प्रेत गायब हुआ तो वो भूतलोक पर कर देंगे आक्रमण। बांकेलाल ने प्रेतलोक से अपने अपमान का बदला लेने के लिए चली चाल और उस चाल में उसने मिला लिया जिन्न बने विक्रमसिंह को। और फिर.................?

Friday, December 24, 2010

मौत का पंजा

बम्बई के खंडाला बायोलोजिकल रिसर्च सेंटर की छात्रा एनी जिसने की खोज रक्ताल्पता दूर करने की दवा की खोज परन्तु एनी की सफलता को अपना बनाकर उस दवा के फॉर्मूले को  हथियाने के लिए उसके सीनियर डॉक्टर घोष ने एनी के हाथ और जीभ काट कर कर दिया उसका क़त्ल। परन्तु एनी की आत्मा ने उन सबसे बदला लेने के लिए मचा दिया कोहराम और उसका मौत का पंजा टूट पड़ा डॉक्टर घोष और उसके साथियों पर मौत बनकर। और फिर............?

Thursday, December 23, 2010

कहर की देवी

संगमपुर के राजा संजय सिंह जिसके पुत्र को हो गयी एक अज्ञात बीमारी जिसका इलाज था चरचैंडा लोक के टसुए के फूल जिसको लेने गए राजा संजय सिंह और वहां के रक्षकों को मात दे फूल ले आये। राजा संजय सिंह के इस कृत्य से क्रोधित चरचैंडा लोक की रानी चुड़ैल ने भेजे अपने शैतान दोजख और प्रचंडा को संगमपुर में हाहाकार मचाने परन्तु तिलिस्मदेव ने कर दिया उनका खात्मा। अपने शैतानों की मौत की खबर पाकर क्रोध से पागल कहर की देवी चुड़ैल आ पहुंची अपनी शैतानों की विशाल सेना लेकर पृथ्वी पर। और फिर.............?

Wednesday, December 22, 2010

फौलाद

जूनियर इंजिनियर फौलाद जिसको थी ब्रेन ट्यूमर की बीमारी। खुद की बीमारी और बीवी और बेटी की चिंता से परेशान फौलाद खुद को ख़त्म करने के लिए पावर जेनेरेटिंग स्टेशन की बिजली अपने ऊपर ले ली। परमाणु ने उसको तो बचा लिया परन्तु इस हादसे से बुरी तरह जल गया उसका शरीर परन्तु साथ थी साथ उसमे समां गयी अद्भुत शक्ति किसी को भी छू देने भर से जला देने की शक्ति। अपनी इस शक्ति के बल पर उसने ठान लिया बीवी-बेटी के लिए पैसा कमाने का परन्तु उसको रोकने आ पहुंचा परमाणु। अब आमने सामने थे वंडरमैन परमाणु और थंडरमैन फौलाद। और फिर..................?

Tuesday, December 21, 2010

विकांडा

विकासनगर के महाराज विकास मोहन के खजाने की प्रदर्शनी में हो रही थी रहस्यमय चोरियां। भोकाल, शूतन और अतिक्रूर भी रहे नाकाम चोर को पकड़ने में। महाराज विकास मोहन ने खजाने को सुरक्षित करवाया तांत्रिक टिल्लू के मन्त्रों से। परन्तु उसके बाद रहस्यमय ढंग से गायब हो गए स्वयं महाराज विकास मोहन और विकासनगर पर हमला किया रहस्यमय शैतान विकांडा ने। जो राजकोष में घुसकर चुरा ले जाता खज़ाना। महाबली भोकाल ने उसको पकड़ कर कारागृह के करवा दिया कैद। फिर तीनो महावीरों की मुलाकात हुयी खूबसूरत पीकू पकोडिया से जिससे शादी करने के निर्णय कर अतिक्रूर उसको ले आया राजमहल। और उसी रात एक रहस्यमय साये ने कारागृह में बंद विकांडा को कर दिया आज़ाद और कर लिया कैद भोकाल, शूतान और अतिक्रूर को। और फिर.................?

Monday, December 20, 2010

तिरंगा नहीं बनेगा कफ़न

14 वर्षीय लड़का बीच सड़क पर ताबूत लेकर आया और मांग की पागलखाने में बंद मालती नाम की महिला को उसके पास लाने की। मालती के आने पर वो लड़का सुनाता है कहानी इंस्पेक्टर देवनाथ की जिसकी आँखों के सामने हत्या कर दी गयी एक रिपोर्टर मोहन आप्टे की और इस हत्या की गवाह मोहन आप्टे की बेटी कनिका को बचाता है इंस्पेक्टर देवनाथ और हत्यारे नेता किर्तिमंडल को गिरफ्तार करने निकलता है परन्तु उससे पहले ही अपने खिलाफ एक मात्र गवाह को ख़त्म करने के लिए भेज देता है किर्तिमंडल अपने आदमियों को इस चक्कर में मारा जाता है इंस्पेक्टर देवनाथ और उसका बेटा बचती है तो उसकी पत्नी मालती जिसको इन्साफ दिलाने का प्रण लेता है खुद किर्तिमंडल का बेटा गुड्डू। और फिर.....................?

Sunday, December 19, 2010

कब खुलेगा ताबूत

भरी दोपहर में एक 14 साल का लड़का भीड़ भरी सड़क पर खींच कर ला रहा था एक ताबूत जिसमे क्या था यह जानने के लिए हो गए सभी उत्सुक। परन्तु वो ताबूत खोलने न दिया उस लड़के ने बल्कि मांग में पागलखाने में बंद एक महिला को उसके सामने लाने की। जब उस महिला मालती को उसके सामने लाया गया तो उसने सबके सामने पढनी शुरू की एक डायरी जिसमे छिपा था राज़ इंस्पेक्टर देवनाथ का वो देवनाथ जो एक अपराधी के हाथों नहीं बचा सका था रिपोर्टर मोहन आप्टे की जान। बचा सका था तो बस मोहन आप्टे की मासूम बेटी कनिका को जिसको उसे अब दिलाना था इन्साफ। और फिर...................?

Saturday, December 18, 2010

जादूगरनी

जादूगरों के देश अघोरा का राजकुमार दुष्ट जादूगर पीड़ा जो मोहित हो उठा आम्रपाली की राजकुमारी दिव्या पर और उसका हाथ मांगने जा पहुंचा आम्रपाली के राजा अजीतसिंह के पास परन्तु अजीतसिंह ने अपने ब्रह्मास्त्र से कर दिया उसका वध जब इसका पता चला जादूगर पीड़ा की बहन जादूगरनी डंकनी को तो उसने आम्रपाली से प्रतिशोध लेने के लिए खायी कसम की राजकुमारी दिव्या का विवाह करेगी अपने भाई की लाश के साथ और फिर उसने आम्रपाली पर ढा दिया कहर और उठा ले गयी राजकुमारी दिव्या को। अपनी बेटी को उस दुष्ट जादूगरनी से बचाने के लिए राजा अजीतसिंह ने पुकारा तिलिस्मदेव को। और फिर................?

Friday, December 17, 2010

डड्डू

शहर में सिर उठाया एक नए अपराधी डड्डू ने जिसकी राह में आ गया इंस्पेक्टर विनय। अपनी राह के इस रोड़े को हटाने के लिए डड्डू ने भेजा अपने खूंखार हत्यारे को परन्तु वो नहीं जानता था की इंस्पेक्टर विनय का दूसरा रूप है वंडरमैन परमाणु जो हर दुश्मन को देता है मुंह तोड़ जवाब। अपने पर हुए हमले के बाद डड्डू और उसके गैंग की खोज में लग गया परमाणु और जा पहुंचा डड्डू के अड्डे डड्डू-फोर्ट में जहाँ उसकी ही फिराक में बैठे थे खतरनाक हत्यारे। और फिर...............?

Thursday, December 16, 2010

अतिक्रूर और गजोख

फुचांग को समाप्त करने के बाद तुरीन वापस चली गयी ओसाक ग्रह और अतिक्रूर जा पंहुचा अपने देश गजोख का खात्मा करने। इधर पृथ्वी पर भी बुरी नज़र डाली सरपालू ग्रह के तीन शैतानों दादा, गोगा और मन्ना जो चाहते थे पृथ्वी पर कब्ज़ा करना और उन्होंने पृथ्वी पर आकर मचा दी तबाही। परन्तु उनको रोकने के लिए अभी पृथ्वी पर मौजूद थे भोकाल, शूतान और अतिक्रूर जैसे महाबली। और फिर..................?

Wednesday, December 15, 2010

किरीगी का कहर

रक्षजाति का आखिरी राक्षस चंडकाल जो करना चाहता था पूरे ब्रह्माण्ड पर राज इसके लिए उसे चाहिए था हिमालय के एक मठ में रखा सा-सुंग का लाल हीरा। इसके लिए उसने मदद ली माफिया बॉस फरारी की। लाल हीरे की सुरक्षा करता था अमर योद्धा निन्जा किरीगी जो फरारी के हीरा चुराने के बाद हो गया जीवित और ग़लतफ़हमी में हीरा चुराने का अपराधी मान बैठा सुपर कमांडो ध्रुव को। इधर ध्रुव भी कर रहा था चंडकाल से टकराने की तैयारी जिसमे उसकी मदद को आये ध्रुव के पुराने दोस्त धनंजय और जिंगालू। चंडकाल भी लाल हीरा पाकर बन गया परम शक्तिशाली और किरीगी ने भी हीरे की तलाश में ढा दिया राजनगर में अपना कहर। और फिर....................?

Tuesday, December 14, 2010

बौना राक्षस

आरामनगर के राजा गिरगिट सिंह का विशेष सलाहकार लाल बुफ्फक्कड़ जो था बेहद शातिर और चालक उसको मिल गया एक बौना राक्षस जिसने उसकी नाक में कर दिया दम। लाल बुफ्फक्कड़ ने एक साधू की मदद से बना लिया उस बौने राक्षस को अपना गुलाम और उसकी शक्ति से अपने राजा गिरगिट सिंह को घोषित कर दिया पागल। और फिर.................?

Monday, December 13, 2010

बारह घोड़ों का रथ

खांडवप्रस्थ का राजा अश्वप्रस्त जिसकी जंगल में शिकार के दौरान कर दी हत्या राक्षस खोपड़दंत ने। खोपड़दंत जिसको था गुमान अपनी आश्चर्यजनक गति का। देवर्षि नारद ने उसे बताया की ब्रह्माण्ड में उसकी गति से भी तेज है भगवान सूर्य के बारह घोड़ों के रथ की गति। यह सुनकर बारह घोड़ों के रथ को प्राप्त करने का विचार लिए उसने की भगवान विष्णु की तपस्या और प्राप्त किया वरदान की उसकी मृत्यु नहीं हो सकती थी किसी भी दैवीय शक्ति से। वरदान प्राप्त कर खोपड़दंत ने बंदी बना लिया सूर्य भगवान की पुत्री सुर्यदा को। इधर राजा अश्व्प्रस्त की मृत्यु की पश्चात खोपड़दंत से बदला लेने के लिए आ पहुंचा राजकुमार अतुलप्रस्त परन्तु रहा नाकाम तब उसने लिया मदद के लिए एक ही नाम, तिलिस्मदेव। और फिर.................?

Sunday, December 12, 2010

चीखता कब्रिस्तान

भयानक रात के सन्नाटे में एक कब्रिस्तान पर आये 5 लुटेरे तारी, रुस्तम, काले, विक्की और बन्ने खां जिन्हें तलाश थी अपने साथी द्वारा छिपाए खजाने की जो उसने कब्रिस्तान के किसी कब्र में छुपा दी थी। खजाने की तलाश करते हुए उनको मिला कब्रिस्तान में समाधिरत एक तांत्रिक जिसकी उन्होंने कर दी हत्या। परन्तु मरने के बाद भी उस तांत्रिक का शव उठ खड़ा हुआ और बन बैठा उन पांचो की मौत का दूत। और फिर............?

Saturday, December 11, 2010

भोकाल और फुचांग

तिलिस्मी ओलम्पाक को तोड़ने के बाद शूतान अपने पिता मेस्मर को लेकर निकल पड़ा अपने ग्रह हिप्ना के लिए जहाँ उनको सबक सिखाना था शैतान कास्कोर को और अतिक्रूर निकल पड़ा भुजंग देश शैतान गजोख को ख़त्म करके अपने पिता को छुड़ाने और तुरीन और भोकाल को तलाश थे फुचांग की जिसने कैद कर रखा था भोकाल की माँ को। चारों शूरवीर निकल पड़े अपने पर हुए ज़ुल्म का बदला लेने। और फिर.............?

Friday, December 10, 2010

बांकेलाल वानरलोक में

कंकड़ बाबा के शाप के कारण इस बार वानरलोक पहुंचा अकेला बांकेलाल जिसने अनजाने में बचा ली वानरलोक की राजकुमारी बान्दरी की जान इस वजह से बांकेलाल से प्रेम करने लगी राजकुमारी बान्दरी। बांकेलाल जो जब इसका पता चला तो उसने बनायीं योजना वानरलोक के राजा सूगरीब को सबक सिखाने की। इधर वानरलोक में मचा हुआ था मगरदानव डंडा का आतंक जो खाते थे वानरलोक की कन्याओं का कलेजा। इधर मगरदानव डंडा निकला राजकुमारी बान्दरी का कलेजा लाने उधर उससे पहले ही बांकेलाल भगा ले गया राजकुमारी बान्दरी को। और फिर................?

Thursday, December 9, 2010

हाहाकार

साइंस एण्ड टेक्नोलोजी इंस्टिट्यूट (SATI) जहाँ रिसर्च करते थे कई महान वैज्ञानिक। वहीँ पर कार्यरत थी शैतान प्रवति की वैज्ञानिक मैडम फ़ॉक्स जिसने की खोज ऐसे जिन्स की जो अच्छे-भले इंसान को बना देती थी शैतान। मैडम फ़ॉक्स से मिलकर उसकी वैम्पायर टेबलेट की मदद से अपराध सम्राज्ञी वैम्पायर डॉल ने तैयार की सुपर क्रिमिनल्स की सेना जिन्होंने दिल्ली में मचा दिया हाहाकार। उन सुपर क्रिमिनल्स को रोकने आया परमाणु परन्तु मैडम फ़ॉक्स और वैम्पायर डॉल के जाल में फंसकर वो खुद भी बन गया शैतान। और फिर....................?

Wednesday, December 8, 2010

लाश के टुकड़े

गोविन्द, अस्थाना, मंजरेकर और विपुल चार दोस्त जिसमे से गोविन्द को था भूत-प्रेतों के होने का भरोसा परन्तु बाकि तीनो को नहीं था भूत-प्रेतों पर विश्वास। अपनी बात को साबित करने के लिए गोविन्द तीनो को ले गया एक सुनसान जगह जहाँ अचानक दिखाई दी एक लड़की की आत्मा, डर के कारण अस्थाना ने उस आत्मा पर चला दी गोली। परन्तु वो कोई आत्मा नहीं एक लड़की थी जिसकी हत्या के बाद बचने के लिए चारों ने उसकी लाश फेंक दी खाई में। परन्तु उन सबको बार-बार दिखने लगी उस लड़की की लाश, डर और गुस्से के कारण उन लोगों ने कर दिए उस लाश के टुकड़े। और फिर..............?

Tuesday, December 7, 2010

खून की प्यासी

अग्निद्वीप की खुबसूरत रानी देवालिका जिसकी तमन्ना थी हमेशा खुबसूरत और जवान बने रहने की इसके लिए सौन्दर्य की देवी वीनस ने बताया उपाय की यदि वो हर सप्ताह एक कन्या के रक्त से स्नान करे तो हमेशा खुबसूरत और जवान रहेगी। खून की प्यासी रानी प्रजा की लड़कियों को मारकर करने लगी स्नान परन्तु प्रजा के विद्रोह करने पर उसने निकला दूसरा उपाय और अपने राजगुरु के दैत्य पक्षी आंकुरा की मदद से करने लगी दुसरे देशो से लड़कियों का अपहरण। और उस शैतान पक्षी ने मगध राज्य में मचा दिया कोहराम। और फिर..........?

Monday, December 6, 2010

ऑलपिन

टैंडा और गैंडा दो खूंखार हत्यारे, ज़हरीली ऑलपिनों के खिलाड़ी जिनका काम था लोगो के बीच दंगा भड़काकर लूटपाट करवाना। इन दोनों खूनी भाइयों को पकड़ने के मिशन पर निकला इंस्पेक्टर विनय जिस पर हुआ कातिलाना हमला। इंस्पेक्टर विनय, वंडरमैन परमाणु बनकर जा पहुंचा टैंडा के ठिकाने और कर दिया उसका खात्मा। भाई की मौत का बदला लेने के लिए परमाणु की जान का दुश्मन बन गया ऑलपिन का खिलाड़ी गैंडा। और फिर...............?

Sunday, December 5, 2010

तिलिस्म टूट गया

ओसाक ग्रह के बागी फुचांग के रचे खौफनाक खेल में विजयी होकर अपने-अपने मकसद को पूरा करने तिलिस्मी ओलम्पाक को तोड़ने निकले चार महारथी भोकाल, शूतान, अतिक्रूर और तुरीन। कई खतरों का सामना कर चारों ने मिलकर तोड़ा तिलिस्मी ओलम्पाक का तिलिस्म तब खुला रहस्य की तुरीन और कोई नहीं ओसाक ग्रह की राजकुमारी सोफिया है जिसके पिता की हत्या कर दी थी फुचांग ने। अब उन चारों महारथियों का था एक ही लक्ष्य फुचांग का खात्मा। और फिर.............?

Saturday, December 4, 2010

मौत का पैगाम

सेठ भगवानदास को मिला एक ख़त, एक मौत का पैगाम की अगले दिन ठीक 12 बजे हो जाएगी उसकी मौत। सेठ भगवानदास ने कर लिए अपनी सुरक्षा के सभी इंतज़ाम परन्तु ठीक 12 बजे आख़िरकार मौत ने उसके घर दस्तक दे ही दी। उसके बाद ऐसे ही मौत के पैगाम ने मचा दिया शहर में हंगामा क्योंकि ऐसे ही मौत के पैगाम मिले और कुछ लोगों को और वे सभी भी मौत के पैगाम के अनुसार मारे गए। मौत का पैगाम भेजकर मौत देने वाले अपराधी का पता लगाने का ज़िम्मा उठाया सी.बी.आई. इंस्पेक्टर राहुल ने। और फिर.......?

Friday, December 3, 2010

नागराज और बुगाकू

नागराज के कट्टर दुश्मनों थोडांगा और मिस किलर ने नागराज को ख़त्म करने के लिए बनायी जोड़ी, जहाँ थोडांगा ने प्राप्त किया नागलोक से प्रलयंकारी शक्तिखड़ग वहीं मिस किलर ने अपनी वैज्ञानिक शक्तियों की मदद से बनाया खतरनाक फाईटर बुगाकू। और शक्तिखड़ग लेकर बुगाकू निकल पड़ा अपने शिकार की तलाश में जो थे नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव। इधर नागराज तलाश कर रहा मासूम बच्चों से भीख मंगवाने वाले पंगा दादा की और ध्रुव एक बार फिर कर रहा था सामना उससे टकरा चुके अब तक के सभी दुश्मनों से। बुगाकू ने कर लिया नागराज और ध्रुव को कैद। और फिर.............?

Thursday, December 2, 2010

दस कोड़ों की सजा

राजा अजीतसिंह जो थे तो बहुत न्यायप्रिय परन्तु अपने इकलौते पुत्र रंजीतसिंह पर करते थे आँख मूँद कर विश्वास। राजकुमार रंजीतसिंह जिसने राज्य की एक गरीब लड़की को अपने प्रेम जाल में फांस रखा था। जब वो लड़की रूही राजकुमार के बच्चे की माँ बनाने वाली थी तो राजकुमार ने उसको दे दिया धोखा, फरियाद लेकर जब रूही और उसका पिता हीरा राजा तक पहुंचे तो रंजीतसिंह ने हीरा को ही दिलवा दी दस कोड़ों की सजा जिससे हो गई उसकी मृत्यु। तब रूही जा पहुंची भगवान के मंदिर इन्साफ की गुहार लिए। और फिर........?

Wednesday, December 1, 2010

पपुआ

एडवेंचर की तलाश में तंजानिया की भयानक जंगल में आ पहुंचे दुनिया भर से एडवेंचर सेल के दस यात्री परन्तु वो थे तंजानिया की जंगल में भरे खतरों से अनजान और जा फंसे उस भयानक जंगल में जहाँ उनको करना पड़ा एक से बढ़कर एक खतरों का सामना और उन खतरों में सबसे बड़े खतरे पपुआ के शिकंजे में जा फंसे वे सभी। और फिर.............?

Tuesday, November 30, 2010

बांकेलाल और डकारू

कंकड़ बाबा के शाप के कारण सर्पलोक से निकलकर बांकेलाल और विक्रमसिंह इस बार आ पहुंचे विचित्रलोक जहाँ की हर वस्तु थी विचित्र। विचित्र लोक में बांकेलाल की शरारत से टूट गया एक विचित्र और विशाल अंडा जिसमे से निकला शैतान डकारु जिसको लंगुरपुरी के लंगूरों ने कैद कर रखा था क्योंकि डकारु डकार जाता था उनके शबरी बाग़ में लगे फलों को। इधर लंगुरपुरी के लंगूरों ने शैतान डकारु से बचने के शबरी बाग़ के फलों की रखवाली के लिए नियुक्त किया खुराफाती बांकेलाल को। और बांकेलाल ने चल दे वहां भी अपनी खुराफात। और फिर.........?

Monday, November 29, 2010

शैतान नागलोक का

नागलोक का राजा नागदेव जो भगवान विष्णु के शाप के कारण बन गए थे पृथ्वी के रक्षक तिलिस्मदेव। इधर नागलोक पर हमला किया नागलोक के शैतान चमड़केतु ने जो लेना चाहता था नागदेव से अपनी हार का बदला परन्तु जब उसे पता चला की नागदेव बन चुका है तिलिस्मदेव और रहता है पृथ्वी पर तो वो भी आ धमका पृथ्वी के अर्जुन नगर में जहाँ चारों और चर्चा थी तिलिस्मदेव की। अर्जुन नगर पहुंचकर तिलिस्मदेव को बुलाने के लिए चमड़केतु ने वहां भी मचा दिया हाहाकार। और फिर.........?

Sunday, November 28, 2010

भोकाल तिलिस्म में

तिलिस्मी ओलम्पाक को ढूंढने और अपने-अपने मकसद को पूरा करने निकले चार महावीर, परीलोक से भोकाल, हिप्ना ग्रह से शूतान, भुजंग देश से अतिक्रूर और रहस्यमयी तुरीन परन्तु तिलिस्मी ओलम्पाक की तलाश करते-करते बिछड़ गए चारों और पहुँच गए तिलिस्म के अन्दर जहाँ उनको करना है एक से बढ़कर एक खतरे का सामना और तोडना है तिलिस्मी ओलम्पाक का तिलिस्म और फिर.........?

Saturday, November 27, 2010

खूनी खिलौने

राजनगर की नारका जेल से फरार हुआ खतरनाक अपराधी बौना वामन जिसका हथियार थे खिलौने जिनकी मदद से वो बड़े से बड़ा कारनामा भी कर सकता थाजेल से फरार होकर वह चुराने लगा सुपर कमांडो ध्रुव की खिलौने की मूर्ति ध्रुव ने बौना वामन को रोकने की कोशिश की परन्तु उसके अद्भुत खूनी खिलौनों के आगे वो भी रहा नाकाम यहाँ तक की ध्रुव की दोस्त नताशा और चंडिका को भी अपने खिलौनों के बल पर बौना वामन ने बना लिया अपना गुलाम और फिर.........?

Friday, November 26, 2010

नीलकमल

राक्षस वर्तासुर जो समुद्र के नीचे रहता और मानवों का भक्षण करने के लिए समुद्र से निकलकर उनको एक अनोखे नीलकमल का लालच दे समुद्र के अन्दर ले जाता. ऐसे ही उसने एक सुन्दर लड़की पुष्पांगी पर मोहित होकर उसको भी कर लिया कैद, अपनी बेटी को बचाने की गुहार लिए पुष्पांगी का पिता सेठ बंसीलाल जा पहुंचा अपने राजा महिपाल के दरबार में जहाँ पुष्पांगी को बचाने के लिए निकल पड़ा राजकुमार वीरपाल. इधर समरपुरी के राजा समरसेन को भी चाहिए था नीलकमल जिससे वो अपने पुत्र को ठीक कर सके. और फिर............?

Thursday, November 25, 2010

परछाइयों का चोर

देवालय नगर में मचा हुआ था एक रहस्यमय चोर का आतंक जो लोगों के सामान के साथ चुरा लेता था उनकी परछाइयाँ भी. इस रहस्यमय चोर कालभूत ने लोगो की परछाइयाँ चुरा कर बना ली थी अपनी परछाइयों की सेना जिस पर वार करने का मतलब था उस परछाई के निर्दोष मालिक पर वार करना. इस परछाइयों के चोर कालभूत ने मचा दिया देवालय में हाहाकार. तब इससे निबटने के लिए राजा विष्णुव्रत ने लगायी गुहार बाबा तिलिस्मदेव से. और फिर........?

Wednesday, November 24, 2010

बांकेलाल सर्पलोक में

बांकेलाल और विक्रमसिंह, कंकड़बाबा के शाप के कारण विभिन्न योनियों में भ्रमण करते हुए इस बार आ पहुंचे सर्पलोक में जहाँ चल रही थी मूंछ प्रतियोगिता जिसमे विजयी हुए राजा विक्रमसिंह और बांकेलाल को बनना पड़ा हंसी का पात्र जिससे खफा हो बांकेलाल ने सर्पलोक के राजा अमर विषपुरी से बदला लेने के लिए सफाचट कर दी उनकी मूंछे. उन्ही दिनों सर्पलोक में छाया हुआ था बाजलोक के बाज मानवों का आतंक जो सर्पलोक के सर्पों को उठा ले जाते और सर्पलोक के सर्प उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाते. और फिर...........?

Tuesday, November 23, 2010

अतिक्रूर

भुजंग देश के भोजपुर गाँव में फैली महामारी जिसकी वजह से गाँव छोड़कर नगर आना पड़ा गाँव के शमशान में काम करने वाले चांडाल कपालफोड़ और उसके पुत्र अतिक्रूर को. परन्तु नगर में आकर भी कम नहीं हुयी उनकी मुसीबतें. कपालफोड़ को एक शैतान गजोख ने धोखे से राजा न्यायप्रिय की हत्या के जुर्म में पहुंचवा दिया कारागार में. अतिक्रूर को मिला सहारा शमशान भूमियों के प्रभु मशानराज और गुरु कालकोपडा का जिन्होंने अतिक्रूर को दी असीम ताकत. अब अतिक्रूर को शैतान गजोख को ख़त्म कर छुड़ाना था अपने इत कपालफोड़ को. और गजोख को ख़त्म करने के लिए चाहिए था अमोद्य शस्त्र दंताक जिसकी तलाश में आतिक्रूर आ पहुंचा था तिलिस्मी ओलम्पाक. और फिर............?

Monday, November 22, 2010

जादू का शहंशाह

इजिप्ट में फैला हुआ था आश्चर्य का माहौल क्योंकि इजिप्ट के चोर, लुटेरे, हत्यारे इत्यादि अचानक दिन दहाड़े हो रहे थे गायब इस वजह से खौफ में जी रहे थे इजिप्ट के सभी अपराधी. ऐसे में इजिप्ट में कदम रखा विश्व आतंकवाद के दुश्मन नागराज में जो आया था फराहों के राजा तूतेन खामेन की तलाश में. इधर तूतेन खामेन भी अपराधियों को गायब कर उनको ममियों में तब्दील कर खड़ी कर रहा था अपनी सेना. नागराज को भी मिल गयी थी अपनी नागसेना में एक नयी नागिन सौडांगी. और फिर.........?

Sunday, November 21, 2010

डायन

अपने बेटे बादल को बचाने के लिए सेठ गिरधारी लाल ने पैसों के दम पर अस्पताल में इलाज करवा रहे ब्रजेश का गुर्दा निकलवाकर अपने बेटे को लगवा दिया जिससे ब्रजेश की चली गयी जान, खुद को बचाने के लिए सेठ गिरधारी लाल और उसके बड़े बेटे इंस्पेक्टर गजराज ने ब्रजेश के भाई और बहन की भी कर दी हत्या. जब इस बात का पता चला उनके बड़े भाई तांत्रिक देवराज को तो उसने अपनी शक्ति के बल पर मचा दिया सेठ गिरधारीलाल के परिवार पर खौफनाक कोहराम जिससे बचने के लिए सेठ गिरधारी लाल ने सहारा लिया प्रेत बाधा मिटाने वाली एक डायन का परन्तु देवराज ने उस डायन को भी कर लिया अपने वश में और उसी डायन की मदद से मचा दिया पूरे शहर पर मौत का आतंक. और फिर..........?

Saturday, November 20, 2010

हवलदार दामू

हवलदार दामू, वैसे तो ये पुलिस में हवलदार थे परन्तु थे अव्वल दर्जे के मुर्ख. एक तरफ चोर नटवर से परेशान तो दूसरी तरफ अपनी पत्नी की हरकतों से हैरान और तो और अपने पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर ज्वालासिंह की डांट से बचने और चोर नटवर को पकड़ने के लिए कोई न कोई जुगत लगाते रहते. इस बार नटवर को पकड़ने के लिए जेम्स बांड कोरेस्पोंड़ेंस कोचिंग स्कूल से उठा लाये चोर को पकड़ने के तरीके. और फिर..........?

Friday, November 19, 2010

मौत बेचने वाले

अमेरिका में नशीले पदार्थ बेचने का धंधा करने वाले जैक ने अपना माल बेचने के लिए सौदा किया बम्बई के सेठ जगत नारायण के साथ जो बम्बई में नशीले पदार्थों का धंधा चलता था. सेठ जगत नारायण को अपना माल बेचने के लिए ज़रूरत थी कोल्ड ड्रिंक बूथ चलाने वाले आशाराम पंडित की मदद की परन्तु वो इसके लिए तैयार नहीं था. इसलिए सेठ जगत नारायण ने अपहरण कर लिया उसकी बेटी अलका का. अपनी बेटी को बचाने के लिए आशाराम पंडित ने ली पुलिस की मदद और साथ में उसकी मदद और मौत बेचने वालो को सबक सिखाने को तैयार हो गया राजा. और फिर.......?

Thursday, November 18, 2010

चंद्रकला

नवीनगढ़ के राजा नवीन कुमार को जंगल में मिली राजकुमारी से दिखने वाली एक लड़की चंद्रकला जो अपनी याददाश्त खो चुकी थी. राजा नवीन कुमार उसे ले आये महल में उसी रात से महल में फैलना शुरू हो गया एक चुड़ैल का आतंक. इधर कोणार्क वन में संदीप मुनि के आश्रम में शिक्षा प्राप्त कर रहा था राजा नवीन कुमार का बिछुड़ा हुआ पुत्र सूरज जो अपने पिता के बारे में जानने के बाद उनसे मिलने चल पड़ा. और फिर..........? 

Wednesday, November 17, 2010

तिलिस्मदेव और तिलिस्मासुर

विशाल राज्य कल्पतरु और उसके आस पास के पच्चीस राज्यों में छाया हुआ था तिलिस्मासुर का आतंक जो राज्यों के नागरिकों को उठा ले जाता बलि देने के लिए. सभी राजाओं ने तलाश शुरू की तिलिस्मासुर की और कल्पतरु राज्य के शक्तिशाली राजा कल्पतरु ने उसे ढूंढ़ निकला परन्तु तिलिस्मासुर ने उसको ही कर दिया ख़त्म और प्राप्त कर ली अद्भुत शक्ति जिसके संपर्क में आते ही प्रत्येक इंसान जानवर में बदल जाता. अपनी इस शक्ति के बल पर निकल पड़ा तिलिस्मासुर विश्वविजय पर. इधर तिलिस्मासुर का खत्म करने और अपने पिता की मृत्यु का बदला लेने के लिए राजकुमार धनुषधम्बी ने पुकारा तिलिस्मदेव को. और फिर.......?

Tuesday, November 16, 2010

हत्यारा जादू

मशहूर कैबरे डांसर जूली के कमरे में दाखिल हुआ एक शख्स आनंद जिसको जूली और उसके साथियों ने मार कर फेंक दिया था वह दोबारा उसके सामने आ खड़ा उनसे अपनी हत्या का बदला लेने की धमकी दे डाली. और फिर आनंद एक एक कर जूली और उसके साथियों ब्रजमोहन, प्रेम कपूर, रुस्तम और सेठ धनराज की अपने काले जादू की मदद से करने लगा हत्याएं. उन सभी ने उससे बचने की कोशिश की पर मौत से न बच सका कोई. और फिर.........?

Monday, November 15, 2010

अण्डरवर्ल्ड

शहर के एक बड़े बैंक में हमला किया कुत्तों के झुण्ड ने और लूट ले गए बैंक में रखा सारा पैसा. परमाणु ने उसको रोकने की कोशिश की तो वे राबर्स कुत्ते परमाणु को भी चकमा देकर भाग निकले. परमाणु, इंस्पेक्टर विनय के रूप में लग गया उन लुटेरे कुत्तों को ढूंढने में परन्तु इससे पहले की वो पहुँच पाता उन खतरनाक कुत्तों तक उन कुत्तों ने ही कर दिया हमला इंस्पेक्टर विनय पर. और फिर............?

Sunday, November 14, 2010

शूतान

हिप्ना गृह के प्रोका देश का नेक राजा टोस्कर परन्तु उसका साला कास्कोर बहुत नीच और बदमाश उसने अपने मित्र राक्षस डाकोर की सहायता से टोस्कर को दे दिया ज़हर। टोस्कर को बचाने के लिए जब राजवैद्य मेसमर को बुलवाया गया तो कास्कोर और डाकोर ने उसको भी घायल कर भेज दिया मोहनिद्रा अवस्था में। और उसके बेटों मीतान और जीतान की कर दी हत्या। बच गया तो सिर्फ छोटा बेटा शूतान जिसने डाकोर से बदला लेने के इरादे से शरण ली अपने पिता के गुरु पासेगुर के पास जिन्होंने शूतान को सिखाई अनोखी सम्मोहन कला। सम्मोहन विद्या सिखने के बाद शूतान को पता चला की डाकोर उसके पिता के शरीर को लेकर जा चुका है तिलिस्मी ओलम्पाक में। इस तरह डाकोर से बदला लेने की इच्छा लिए सम्मोहन सम्राट शूतान भी जा पहुंचा तिलिस्मी ओलम्पाक। और फिर..........?

Saturday, November 13, 2010

आवाज़ की तबाही

राजनगर के साउंड रिसर्च सेंटर के प्रोफ़ेसर काले और उनकी टीम ने किया विज्ञान की दुनिया में एक अनोखा अविष्कार अल्ट्रासोनिक गन परन्तु उस अविष्कार को चुरा लिया किसी रहस्यमय शख्स ने और बन बैठा ध्वनिराज। ध्वनिराज जिसके हाथों में फिट था अल्ट्रासोनिक गन और उस गन की बदौलत उसने राजनगर को अपनी गन के निशाने पर ले मचा दिया हाहाकार। ध्वनिराज को रोकने की ज़िम्मेदारी ली राजनगर के रखवाले सुपर कमांडो ध्रुव ने और वह चल पड़ा ध्वनिराज की अल्ट्रासोनिक पॉवर से टक्कर लेने। और फिर.........?

Friday, November 12, 2010

राजा और काला हीरा

बम्बई के महालक्ष्मी रेसकोर्स में चल रही डर्बी रेस में हुआ हादसा और राजा के घोड़े चेतक का सवार टोनी अचानक गिर पड़ा रेस के मैदान में। इस हादसे की वजह से रेस कर दी गयी रद्द। जाँच पर पता चला की जानबूझकर चेतक को रेस हराने के लिए चली गयी थी एक चाल इसलिए रेस का दोबारा होना तय किया गया। परन्तु चेतक को रेस हरवाकर खुद जीतने की चाहत में अपराधियों ने राजा के घोड़े चेतक का ही कर लिया अपहरण। अब राजा को ढूँढना था अपने घोड़े को फ़ाइनल रेस से पहले। और फिर........?