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Sunday, October 31, 2010

कंकालदेव का अंत

धौम्यनगरी के राजा धौम्य की  बेटी राजकुमारी शिवांगनी का अपहरण कर लिया शैतान कंकालदेव ने। राजकुमारी शिवांगनी को बचाने के लिए सप्तमुनियों ने महायज्ञ द्वारा उत्पन्न किया सप्तशक्ति को। सप्तशक्ति ने बाबा तिलिस्मदेव की शक्ति की मदद से कर दिया कंकालदेव की शक्ति धूम्रकाल का संहार। इधर कंकालदेव ने सर्व शक्तिशाली पाताल की भैरवी प्राप्त करने के लिए राजकुमारी को पाताल क्योंकि सिर्फ वही प्राप्त कर सकती थी पाताल की भैरवी। इधर सप्तशक्ति भी निकल पड़ा तिलिस्मदेव की शक्ति के साथ करने कंकालदेव का अंत। और फिर........?

Saturday, October 30, 2010

हत्यारा महल

दैत्य विकटासुर जिसने भगवान शिव की कठोर तपस्या कर प्राप्त किये 2 वरदान की वो कभी भी राख का रूप ले सकता है और उसके रक्त से कई विकटासुर पैदा हो सकते हैं। परन्तु वरदान के साथ उसको मिला एक शाप भी की उसकी मृत्यु होगी अनूपगढ़ के राजवंश की चिराग के हाथों माँ पार्वती की खडग द्वारा। वरदान प्राप्त करने के पश्चात् विकटासुर तिलिस्म सम्राट असुरराज नीलासुर के साथ मिल विश्व-विजय अभियान पर निकल पड़ा और मचा दी पृथ्वी पर त्राहि-त्राहि। और फिर...........?

Friday, October 29, 2010

अभिशप्त मूर्ति

कर्णपुर कस्बे के ज़मींदार का बेटा ठाकुर भीष्मपाल सिंह अमेरिका से शिक्षा प्राप्त कर वापस कर्णपुर आया। कर्णपुर के एक प्राचीन मंदिर में थी एक अनमोल मूर्ति जिस पर बुरी नज़र पड़ गयी ठाकुर भीष्मपाल और उसके विदेशी दोस्तों की और उन्होंने चुरा ली मंदिर से वो मूर्ति। मंदिर के पुजारी ने दी उनको चेतावनी की अगर उन्होंने मूर्ति चुरायी तो वो उन सबका कर देगी सर्वनाश। परन्तु उन लोगो ने पुजारी की हत्या कर चुरा ली वो मूर्ति। और अपने इस जुर्म को छुपाने के लिए करते चले गए हत्या पर हत्या। परन्तु उन सब पर लग चुका था उस अभिशप्त मूर्ति का अभिशाप। और फिर......?

Thursday, October 28, 2010

एक कटोरा खून

भूतपूर्व राजा वीरप्रताप सिंह जिनकी महारानी मल्लिका के पास था एक नायब हीरा। मल्लिका की लाश मिली अमर और उसकी पत्नी किरण को और साथ में मिला वही नायब हीरा। अमर ने हीरा रख लिया और पहना दिया किरण के गले में इसी के साथ शुरू हो गया खौफ का सिलसिला। उस हीरे में से एक साया निकल कर समा गया किरण के शरीर पर और उस पर छाने लगी हैवानियत। अब चुड़ैल बनी किरण को चाहिए थी बस एक चीज़, एक कटोरा खून। और हर रोज़ एक कटोरा खून लेने के लिए उसने शहर में मचा दिया मौत का तांडव। और फिर.......?

Wednesday, October 27, 2010

इंद्र का वज्र

आकाश से देवराज इंद्र का वज्र गिरा पृथ्वी के आदिवासी अक्षय कुमार पर जिससे हो गयी उसकी मृत्यु अक्षय कुमार की पत्नी केशवाणी इंद्र से अपने पति की हत्या का प्रतिशोध लेने के इरादे से करने लगी भगवान ब्रह्मा की तपस्या। इधर वह इंद्र का वज्र मिल गया इन्द्रधुम्न नाम के राक्षस को और उस वज्र की मदद से उसने पृथ्वी पर मचा दिया कोहराम। इधर ब्रह्मदेव ने केशवाणी से कहा की यदि वह इंद्र से प्रतिशोध लेना चाहती है तो उसको वापस लाना होगा इंद्र का वज्र। और केशवाणी चल पड़ी इन्द्रधुम्न से वज्र वापस प्राप्त करने। और फिर.......?

Tuesday, October 26, 2010

तिलिस्मदेव और कंकालदेव

धौम्यनगरी के राजा धौम्य की  बेटी राजकुमारी शिवांगनी पर कुदृष्टि डाली शैतान कंकालदेव ने परन्तु शिवांगनी की रक्षा के लिए मौजूद थे सप्तमुनी। सप्तमुनी की शक्तियों से खुद को विफल होता देख कंकालदेव ने जगाया धूम्रकाल को और उसने अपनी अद्भुत शक्तियों द्वारा कर लिया राजकुमारी शिवांगनी का अपहरण। राजकुमारी को बचाने के लिए सप्तमुनियों ने महायज्ञ द्वारा उत्पन्न किया सप्तशक्ति को। परन्तु वह भी रहा नाकाम, तब सप्तमुनियों ने आह्वाहन किया उसका जो कर सकता था इन शैतानी शक्तियों का सामना, तिलिस्मदेव। और फिर........?

Monday, October 25, 2010

नागराज और तूफ़ान-जू

विश्व आतंकवाद को ख़त्म करने निकला नागराज आ पहुंचा चीन जहाँ उसका निशाना है गैंगस्टर कोया-कोया हितेची। कोया-कोया हितेची जिसके पास है दो खतरनाक साथी तूफान और जू जिसके आगे मौत भी सर झुकाती है। कोया-कोया हितेची करना चाहता है चीन के प्रधानमंत्री लिफेंग का अपहरण जिसकी सुरक्षा की ज़िम्मेदारी है कमांडो वान पर। कमांडो वान की मदद के लिए पहुंचा नागराज और टकरा गया मौत के दूतों तूफान-जू से। और फिर............?

Sunday, October 24, 2010

बांकेलाल कंकाललोक में

कंकड़बाबा से मिले शाप के कारण राक्षसलोक से निकल कर बांकेलाल और विक्रमसिंह आ पहुंचे कंकाललोक में जहाँ की दो बस्तियों कुकुरमुत्ता और म्याऊंमुत्ता में थी दुश्मनी। कुकुरमुत्ते, म्याऊंमुत्तों का सर काटकर खा जाते थे उनका दिमाग। इसलिए म्याऊंमुत्तों ने अपने गुरु से प्राप्त कर रखा था वरदान की रात्रि के समय वे अपना सिर सुरक्षित रखने के लिए खुद ही काट कर फलों की शक्ल में पेड़ों पर लटका सकते थे। इसलिए कुकुरमुत्तों ने म्याऊंमुत्तों को हराने के लिए बनायीं योजना और कर दिया सभी म्याऊंमुत्तों को बेहोश। परन्तु शरारती बांकेलाल ने चल दी एक चाल और सभी म्याऊंमुत्तों का सिर कर दिया गायब। और फिर.........?

Saturday, October 23, 2010

जौंक

इंस्पेक्टर विनय को मिला केस जुआखाने पैरासाईट में चल रही धांधली का जिसमे जुआखाने से जीतने वाले जुआरियों को पैरासाईट के ही गुंडे लूट लेते थे। इंस्पेक्टर विनय ने कुछ लुटेरों को पकड़ लिया तो पैरासाईट के मालिक डायमंड किलर ने खुद को बचाने और अपने आदमियों को जेल में ही मरवाने के लिए भेजा जौंक को। जौंक एक ऐसा इंसान जो सामने वाले के शरीर की सारी एनर्जी चूस लेता था। परमाणु अपनी नयी साथी प्रलयंका के साथ उसको रोकने पहुंचा तो जौंक ने चूस ली उनकी ही एनर्जी। और फिर........?

Friday, October 22, 2010

खौफनाक खेल

ओसाक ग्रह का बागी फुचांग जिसने महाराज गर्बोच की कर दी हत्या। महारानी रसिया राजकुमारी सोफिया को लेकर भाग निकली। बड़ी होने पर जब सोफिया जब फुचांग से बदला लेने की इच्छा लिए महर्षि गाजोबाजो के पास मदद के लिए गयी तो गाजोबाजो ने धोखे से उसको फुचांग के हवाले कर दिया। फुचांग को सोफिया की ज़रूरत थी क्योंकि उसकी मदद से ही वो तोड़ सकता था तिलिस्मी ओल्म्पाक, अब उसको थी ऐसे महावीरों की तलाश जिसको वो भेज सके तिलिस्मी ओल्म्पाक और इसलिए फुचांग ने विकासनगर के राजा विकास मोहन की मदद से आयोजन किया खौफनाक खेल का। और फिर.............?

Thursday, October 21, 2010

दिव्यास्त्रों का चोर

ब्रहमऋषि नगर का शक्तिशाली राजा देवनागरी की मृत्यु के पश्चात रानी पन्ना ने संभाल ली राज्य की बागडोर। परन्तु राज्य की सुरक्षा की लिए उसको ज़रूरत थी एक दिव्यास्त्र की इसके लिए उसने अपने इष्टदेव की तपस्या कर प्राप्त किया दिव्यास्त्र परन्तु वह दिव्यास्त्र चुरा ले गया जादूगर कांय-कांय-छु। इष्टदेव ने रानी को दी थी चेतावनी की यदि वह दिव्यास्त्र खो जाता है तो 10 दिन के अन्दर उसको वापस प्राप्त करना आवश्यक है अन्यथा रानी पन्ना की हो जाएगी मृत्यु। इसलिए रानी पन्ना ने राज्य में की घोषणा की जो कोई दिव्यास्त्र ढूंढ़ लायेगा उसको राज्य का उत्तराधिकारी बना दिया जायेगा। और तब राज्य में रहने वाले तीन भाई चल दिया उस दिव्यास्त्र को प्राप्त करने। और फिर..........?

Wednesday, October 20, 2010

आखिरी दांव

राजनगर स्पोर्ट्स मीट के कुछ खिलाडियों पर कर रहा था हमला एक नकाबपोश चैम्पियन किलर। सुपर कमांडो ध्रुव ने उसको रोकने की कोशिश की परन्तु चैम्पियन किलर ने ध्रुव की दोस्त नताशा का ही अपहरण कर लिया। इधर अपने ऊपर हो रहे हमलों से परेशान जर्मनी के चार खिलाड़ी गैलीलो, जेरी, सारादोना और ड्रेज़लर खेल प्रतियोगिता को बीच में ही छोड़ जर्मनी वापस लौट गए, उनके पीछे नताशा को साथ लिए चैम्पियन किलर और उसके पीछे सुपर कमांडो ध्रुव भी जा पहुंचा जर्मनी। और फिर..............?

Tuesday, October 19, 2010

शिव का शाप

भगवान शिव ने अपने वाहन नंदी की एक गलती पर क्रोधित हो दे दिया उसको मृत्युलोक भोगने का शाप। नंदी ने जन्म लिया राजा चंद्रमणिध्वज के यहाँ सुनंदी के रूप में। सुनंदी का शरीर था बैल जैसा इसलिए उसके सभी मित्र उसको चिढ़ाते अतः परेशान होकर सुनंदी भगवान शिव की अराधना में लग गया। इधर दुष्ट जादूगर शतानीक भी कर रहा था चंद्रमणिध्वज से बदला लेने और अपने गुरु चुड़ैल राक्षस को उसकी कैद से छुड़ाने के लिए देवता कालभैरव की पूजा। जब उसको पता लगा सुनंदी की तपस्या के बारे में तो वह उसकी तपस्या भंग करने चल पड़ा।

Monday, October 18, 2010

दुश्मन जादूगर

शक्तिपुर जहाँ पर फैला हुआ था दहशत का माहौल क्योंकि उस नगर पर आतंक मचा रखा था दुष्ट राक्षस दन्तक ने जो नगर के नवजात बच्चों को उठा ले जाता। परन्तु इस बार अपने बच्चे की रक्षा के लिए आया उसका पिता और उस बच्चे की माँ ने मदद के लिए पुकारा बाबा तिलिस्मदेव को। तिलिस्मदेव की शक्तियों की मदद से बच्चे के पिता प्रतापसिंह ने कर दिया दन्तक का वध। पर जब दन्तक की मौत का पता चला उसके दुष्ट जादूगर भाई चमड़क को तो उसने अपने भाई की मौत की वजह तिलिस्मदेव को ही कर लिया कैद। और फिर..........?

Sunday, October 17, 2010

खतरनाक कैदी

अपराध जगत का बादशाह वुल्फमैन जेल की कैद को तोड़कर हो गया फरार। शहर की सारी पुलिस फ़ोर्स उसको शिकारी कुत्ते की तरह तलाश कर रही है परन्तु वह खतरनाक कैदी वुल्फमैन पुलिस के सारे इंतज़ाम को धता बता कर भाग निकला। वुल्फमैन को वापस जेल की सलाखों के पीछे पहुँचाने की ज़िम्मेदारी उठाई थी इंस्पेक्टर विक्रम कुलकर्णी ने जिसने एक बार पहले भी अपनी बहादुरी से वुल्फमैन का अपराध साम्राज्य नेस्तोनाबूद किया था। आज एक बार फिर वही वुल्फमैन उसके सामने था एक नयी चुनौती के रूप में। और फिर.........?

Saturday, October 16, 2010

देवता की मणि

विशालगढ़ में चर्चा का विषय बने हुए थे कंकड़ बाबा जो 20 वर्षों से तपस्यारत थे बांकेलाल के शैतानी दिमाग ने राजा विक्रमसिंह द्वारा भंग करवा दिन कंकड़ बाबा की तपस्या। इससे क्रोधित होकर कंकड़ बाबा ने विक्रमसिंह और बांकेलाल को दे दिया शाप की उन्हें प्राणिजगत की 84 लाख योनियों की यात्रा करनी पड़ेगी। कंकड़ बाबा के शाप के कारण बांकेलाल और विक्रमसिंह विशालगढ़ से हो गए गायब और जा पहुंचे राक्षसलोक में जहाँ दोनों बन चुके थे राक्षस। राक्षस लोक में उन दिनों दो राज्यों में छिड़ी हुयी थी दुश्मनी और उस दुश्मनी के बीच में आ फंसे बांकेलाल और विक्रमसिंह। और फिर...........?

Friday, October 15, 2010

चैम्पियन किलर

राजनगर में हो रही थी 'स्पोर्ट्स मीट' जिसकी ग्रेंड मोटरसाइकिल रेस में भाग लिया सुपर कमांडो ध्रुव ने। जीत की कगार में ध्रुव पर रहस्यमय चैम्पियन किलर ने रेसर गैलीलो के धोखे से कर दिया हमला। और साथ में चैम्पियन किलर ने दे डाली स्पोर्ट्स मीट में भाग ले रहे तीन और खिलाडियों को अपाहिज कर डालने की धमकी। ध्रुव उस हमले से तो बच गया पर चैम्पियन किलर भाग निकला। अब ध्रुव की ज़िम्मेदारी थी बाकि खिलाडियों को चैम्पियन किलर के हमले से बचाने की। और फिर..................?

Thursday, October 14, 2010

बौने का जादू

क्रूर और अत्याचारी दुष्काल जिसने पूरे नगर और गाँव में मचा रखा था आतंक उसके आतंक को समाप्त किया राजकुमारी पल्लवी ने। उस वक़्त तो दुष्काल भाग निकला परन्तु जल्द ही वापस लौटा अपने साथ लेकर एक विचित्र बौना शांतनु। जिसकी असीम शक्ति के बल पर उसने राजकुमारी पल्लवी को पराजित कर तहस-नहस कर दिया उसका राज्य। राजकुमारी पल्लवी जान बचाती हुयी भाग निकली और उसको मिली महर्षि विश्वकर्मा की आत्मा जिसने पल्लवी को बताया की उनकी मौत का कारण दुष्काल ही है जो उनको मारकर उनके परम शक्तिशाली शिष्य शांतनु को धोखे से अपना गुलाम बना कर ले गया। अब दुष्काल और बौने शांतनु को रोकने के लिए महर्षि विश्वकर्मा ने शुरू कर दिया महायज्ञ। और फिर................?

Wednesday, October 13, 2010

राजमहल का चोर

नगर में फैला हुआ था कच्छ दैत्यों का आतंक जो हर पूर्णिमा की रात्रि आते और नगर में मचाते आतंक। उनके आतंक से बचने के लिए राजा शांतनु हर पुर्णिमा की रात्रि को प्रजा के एक युवक को उन राक्षसों के सुपुर्द कर देता। परन्तु एक बार किसी दुसरे देश विक्रमगढ़ के राजकुमार चन्द्रभान ने एक रात बचा लिया राक्षसों के शिकार युवक तापू को। इससे क्रोधिक होकर कच्छ राक्षसों ने नगर में हाहाकार मचा कर अपहरण कर लिया राजमहल समेत राजा शांतनु को। यह सब जानकर राजकुमार चन्द्रभान ने ठान लिया नगरवासियों को राक्षस के आतंक से बचाने का। और फिर............?

Tuesday, October 12, 2010

बेचा हुआ खजाना

सिटी म्यूजियम में डाका डाला लुटेरों के एक दल ने और वहां से खजाना लूटकर छिपा दिया एक जंगल में परन्तु खजाना छिपाने के बाद वे पुलिस द्वारा मारे गये। वह खजाना मिला देवनाथ नाम के एक चित्रकार को पुलिस ने उसको पकड़ लिया परन्तु उसने पुलिस को खजाने का पता बताने से अच्छा चौदह साल जेल में गुजारना स्वीकार किया। परन्तु जेल में उसकी हो गई स्थिति खराब। मृत्यु की कगार में उसने खजाने का राज अपनी बेटी को दे दिया एक अपनी चार पेंटिंग्स के रूप में। परन्तु उसकी बेटी ने उन पेंटिंग्स को बेच दिया। और फिर............?

Monday, October 11, 2010

मक्खी

भारतीय स्टेट बैंक में धावा बोला बैंक लुटेरों ने लोगों ने लुटेरों को रोका तो उन लुटेरों की मदद को आयीं खतरनाक मक्खियों का झुण्ड। परमाणु भी रहा नाकाम उन लुटेरों को पकड़ने में और फंस गया उन मक्खियों के जाल में। इस अनोखी डकैती का केस मिला इंस्पेक्टर विनय को और वो लग गया उन लुटेरों और रहस्यमयी मक्खियों की तलाश में। इधर लुटेरों के सरदार किंग मक्खी को भी थी परमाणु की तलाश उसको ख़त्म करने के लिए। और फिर...............?

Sunday, October 10, 2010

बांकेलाल और तिलिस्मदेव

देवपुत्र करण और राक्षस केकड़ा के युद्ध के बीच में टांग अड़ाने के कारण बांकेलाल को मिल गया देवपुत्र का वरदान वहीँ राक्षस केकड़ा ने खायी कसम बांकेलाल से बदला लेने की। इधर खुराफाती बांकेलाल को सूझ गयी एक और योजना राजा विक्रमसिंह को मारकर चक्रवती सम्राट बनने की और उसने विक्रमसिंह को उकसाया अश्वमेघ यज्ञ करने के लिए और उसने जानबूझकर यज्ञ के घोड़े को भेज दिया उस रास्ते जहाँ था विशालगढ़ से ज्यादा शक्तिशाली राज्य चोखट नगरी। परन्तु चोखट नगरी पर मंडरा रहा था जादूगर ज़िमजमाजम और राक्षस केकड़े का आतंक और उनसे निबटने की ज़िम्मेदारी आई बेचारे बांकेलाल के ऊपर। बांकेलाल ने उनसे निबटने के लिए तिलिस्मदेव का आह्वाहन और जब बांकेलाल को पता चला तिलिस्मदेव की अपार शक्ति का तो देवपुत्र के वरदान की मदद से तिलिस्मदेव की ही सारी शक्ति छीनने की योजना बना ली बांकेलाल ने। और फिर.............?

Saturday, October 9, 2010

नागराज और थोडांगा

विश्व आतंकवाद का दुश्मन नागराज जंगल के बेताज बादशाह थोडांगा का आतंक समाप्त करने आ पहुंचा अफ्रीका जहाँ उसकी मुलाकात हुयी फोरेस्ट आफिसर डेनियल और सिसी से परन्तु थोडांगा के सेवक जिपा उठा ले गया डेनियल और सिसी को। नागराज ने डेनियल को तो बचा लिया और चल पड़ा सिसी को बचने थोडांगा की घाटी। इधर थोडांगा के गुरु एलिफेंटा ने भी ढूंढ़ निकाला वो रास्ता जिसके ज़रिये पहुंचा जा सके काबुकी के खजाने तक। थोडांगा चल पड़ा सिसी को लेकर काबुकी का खज़ाना प्राप्त करने इधर नागराज भी चल पड़ा उसके। और फिर..............?

Friday, October 8, 2010

अक्ल का करिश्मा

धर्मपुर गाँव का भोला-भाला लड़का माधव जिसकी सारी ज़मीन-जायदाद पर गाँव के ज़मींदार हुकमसिंह ने कब्ज़ा कर लिया था और माधव को नौकर बनने पर मजबूर कर दिया। माधव को एक महात्मा ने बताया  कि  अगर उसको दिख जाये नीलकंठ पक्षी। नीलकंठ पक्षी की तलाश में माधव जा पहुंचा जंगल जहाँ नीलकंठ ने उसको भेज दिया उत्तर दिशा की और जहाँ उसकी किस्मत चमक सकती है। और वो चल दिया अपनी किस्मत पलटने। और फिर...............?

Thursday, October 7, 2010

विचित्रसेना की तबाही

विराटनगर में हंगामा मचाया ज़मीन से निकलने वाले विचित्र जीवों ने और विराटनगर के सभी पुरुषों को खींच ले गए ज़मीन के अन्दर। राजा  विराटचन्दन ने की उनको रोकने की कोशिश पर रहे नाकाम। ये सब कर रही थी पुरुषों से नफरत करने वाली विचित्रसेना। जब इसका पता चला महर्षि कुंज्जक के आश्रम में शिक्षा ग्रहण कर रहे विराटचन्दन के पुत्र राजकुमार महाबली को तो महर्षि कुंज्जक ने उसको विचित्रसेना को ख़त्म करने का बताया उपाय, तिलिस्मदेव। और राजकुमार महाबली लग गया तिलिस्मदेव की तपस्या में। और फिर............?

Wednesday, October 6, 2010

बांकेलाल और धरती जकड़

शैतान राक्षस धरती जकड़ जिसने पूरी पृथ्वी को अपनी मुट्ठी में जकड़ लिया जिससे पूरी पृथ्वी पर आने लगे भूकंप के झटके। धरती जकड़ करना चाहता था तीनो लोकों पर राज इसके लिए उसने दी पृथ्वी के सभी राजाओं को चेतावनी अपने आगे घुटने टेकने की। सारे राजा-महाराजा आ पहुंचे विशालगढ़ विक्रमसिंह से मदद मांगने और विक्रमसिंह ने दी खुराफाती बांकेलाल को धरती जकड़ को पकड़ने का काम परन्तु खुराफाती बांकेलाल को मिल गया मौका एक और खुराफात करने का और वो जाकर मिल गया धरती जकड़  से। और फिर.............?

Tuesday, October 5, 2010

ब्लैक आउट

पूरे शहर पर हुआ ब्लैक आउट यानि पूरा शहर डूब गया अँधेरे में इसी के साथ एक बिल्डिंग की पच्चीसवीं मंजिल पर स्थित सेंट्रल बैंक पर हमला किया ब्लैक आउट गिरोह के लुटेरों ने और बंदी बना लिया वहां मौजूद लोगों को। पुलिस दल के साथ इंस्पेक्टर विनय भी रहा जब उनको पकड़ने में नाकाम तब विनय आया पामाणु बनकर और भागते हुए लुटेरों को पकड़ लिया। ब्लैक आउट गिरोह के मुखिया बी.ओ. को जब पता चला अपने आदमियों की नाकामी का तो उसने उन्हें ख़त्म करने भेजा मुंह से आग फेंकने वाले आग-फूं को। और फिर...........?

Monday, October 4, 2010

कालभैरव

सेठ दौलतराय का बिगडैल बेटा के.पी. जिसने मस्ती में अपनी कार के नीचे कुचल दिया बच्चे को। बच्चे की माँ को इन्साफ दिलाने का इरादा लिए इंस्पेक्टर राघव ने गिरफ्तार कर लिया के.पी. और उसके दोस्तों को परन्तु सेठ दौलतराय ने पैसे के दम पर उनको छुड़ा लिया। तब खून के इलज़ाम से बचने के लिए के.पी. और उसके दोस्तों ने कर दिया उस बच्चे की माँ का भी क़त्ल और लाश दफनाते हुए उनकी मुलाकात हुए दुष्ट तांत्रिक कालभैरव से जिसने के.पी. का साथ दिया और अपनी तांत्रिक शक्तियों की मदद से इंस्पेक्टर राघव और उसके परिवार पर मुसीबत बनकर टूट पड़ा। और फिर............?

Sunday, October 3, 2010

काला पहाड़

एक नगर में प्रवेश किया एक साधु ने जो नगर के लोगों के घर से भीक्षा मांग कर अपना गुजारा करते। परन्तु वह कुछ नहीं बोलते। नगर के लोग उन मौनी बाबा से कुछ पूछते तो वह कोई उत्तर न देते। अचानक एक दिन उस साधू ने कर दी एक बच्चे की हत्या। जिससे क्रोध में आकर नगर वासियों ने मौनी बाबा को बहुत पीटा परन्तु मौनी बाबा ने उफ तक न कि और जब उस नगर में फैसी जब महामारी तब मौनी बाबा ने ही नगर वासियों को उबारा। तब अचानक एक दिन बोल पड़े मौनी बाबा और उन्होंने बताया की उन्होंने मौन व्रत धारण किया था ताकि वो प्राप्त कर सके काले पहाड़ पर रखा कमंडल और उससे कर सके एक राक्षस का अंत। और फिर.........?

Saturday, October 2, 2010

हीरों का महल

हिरण्यकश्यप देश का राजा हिरण्यमणि जिसकी रानी मल्लिकामणि को था हीरों से प्रेम, मल्लिका की इच्छा थी की एक भव्य हीरों का महल बनवाया जाये। रानी मल्लिका की अकस्मात् मृत्यु के पश्चात् हिरण्यमणि ने निर्णय किया हीरों के महल के निर्माण का। उसके लिए धन इकठ्ठा करने के लिए प्रजा पर अत्याचार करने से भी नहीं चूका जिससे प्रजा में उसके खिलाफ फ़ैल गया रोष। इधर हिरण्यमणि के हीरों के महल पर नज़र थी पड़ोसी राज्यों के राजाओं, राक्षस नगरी और जादूगर चकोरा  की। इसलिए महल के पूरा होते ही उस पर धावा बोल दिया सभी ने और मचा दी मार-काट। और फिर.................?

Friday, October 1, 2010

बुलेटप्रूफ

स्मगलिंग की दुनिया का किंग सेठ बोन बोन जिसका सोने से लगा जहाज परमाणु बनकर इंस्पेक्टर विनय ने हिरासत में ले लिया। अब उस सोने को पुलिस की हिरासत से छुड़ाने के लिए सेठ बोन बोन ने बुलवाया अपने सबसे ताकतवर आदमी बुलेटप्रूफ को। बुलेटप्रूफ जिसपर नहीं होता था गोलियों का भी असर इंस्पेक्टर विनय को परास्त कर ले उड़ा सारा सोना। इंस्पेक्टर विनय परमाणु के रूप में लग गया बुलेटप्रूफ की तलाश में। और फिर................?