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Tuesday, November 30, 2010

बांकेलाल और डकारू

कंकड़ बाबा के शाप के कारण सर्पलोक से निकलकर बांकेलाल और विक्रमसिंह इस बार आ पहुंचे विचित्रलोक जहाँ की हर वस्तु थी विचित्र। विचित्र लोक में बांकेलाल की शरारत से टूट गया एक विचित्र और विशाल अंडा जिसमे से निकला शैतान डकारु जिसको लंगुरपुरी के लंगूरों ने कैद कर रखा था क्योंकि डकारु डकार जाता था उनके शबरी बाग़ में लगे फलों को। इधर लंगुरपुरी के लंगूरों ने शैतान डकारु से बचने के शबरी बाग़ के फलों की रखवाली के लिए नियुक्त किया खुराफाती बांकेलाल को। और बांकेलाल ने चल दे वहां भी अपनी खुराफात। और फिर.........?

Monday, November 29, 2010

शैतान नागलोक का

नागलोक का राजा नागदेव जो भगवान विष्णु के शाप के कारण बन गए थे पृथ्वी के रक्षक तिलिस्मदेव। इधर नागलोक पर हमला किया नागलोक के शैतान चमड़केतु ने जो लेना चाहता था नागदेव से अपनी हार का बदला परन्तु जब उसे पता चला की नागदेव बन चुका है तिलिस्मदेव और रहता है पृथ्वी पर तो वो भी आ धमका पृथ्वी के अर्जुन नगर में जहाँ चारों और चर्चा थी तिलिस्मदेव की। अर्जुन नगर पहुंचकर तिलिस्मदेव को बुलाने के लिए चमड़केतु ने वहां भी मचा दिया हाहाकार। और फिर.........?

Sunday, November 28, 2010

भोकाल तिलिस्म में

तिलिस्मी ओलम्पाक को ढूंढने और अपने-अपने मकसद को पूरा करने निकले चार महावीर, परीलोक से भोकाल, हिप्ना ग्रह से शूतान, भुजंग देश से अतिक्रूर और रहस्यमयी तुरीन परन्तु तिलिस्मी ओलम्पाक की तलाश करते-करते बिछड़ गए चारों और पहुँच गए तिलिस्म के अन्दर जहाँ उनको करना है एक से बढ़कर एक खतरे का सामना और तोडना है तिलिस्मी ओलम्पाक का तिलिस्म और फिर.........?

Saturday, November 27, 2010

खूनी खिलौने

राजनगर की नारका जेल से फरार हुआ खतरनाक अपराधी बौना वामन जिसका हथियार थे खिलौने जिनकी मदद से वो बड़े से बड़ा कारनामा भी कर सकता थाजेल से फरार होकर वह चुराने लगा सुपर कमांडो ध्रुव की खिलौने की मूर्ति ध्रुव ने बौना वामन को रोकने की कोशिश की परन्तु उसके अद्भुत खूनी खिलौनों के आगे वो भी रहा नाकाम यहाँ तक की ध्रुव की दोस्त नताशा और चंडिका को भी अपने खिलौनों के बल पर बौना वामन ने बना लिया अपना गुलाम और फिर.........?

Friday, November 26, 2010

नीलकमल

राक्षस वर्तासुर जो समुद्र के नीचे रहता और मानवों का भक्षण करने के लिए समुद्र से निकलकर उनको एक अनोखे नीलकमल का लालच दे समुद्र के अन्दर ले जाता. ऐसे ही उसने एक सुन्दर लड़की पुष्पांगी पर मोहित होकर उसको भी कर लिया कैद, अपनी बेटी को बचाने की गुहार लिए पुष्पांगी का पिता सेठ बंसीलाल जा पहुंचा अपने राजा महिपाल के दरबार में जहाँ पुष्पांगी को बचाने के लिए निकल पड़ा राजकुमार वीरपाल. इधर समरपुरी के राजा समरसेन को भी चाहिए था नीलकमल जिससे वो अपने पुत्र को ठीक कर सके. और फिर............?

Thursday, November 25, 2010

परछाइयों का चोर

देवालय नगर में मचा हुआ था एक रहस्यमय चोर का आतंक जो लोगों के सामान के साथ चुरा लेता था उनकी परछाइयाँ भी. इस रहस्यमय चोर कालभूत ने लोगो की परछाइयाँ चुरा कर बना ली थी अपनी परछाइयों की सेना जिस पर वार करने का मतलब था उस परछाई के निर्दोष मालिक पर वार करना. इस परछाइयों के चोर कालभूत ने मचा दिया देवालय में हाहाकार. तब इससे निबटने के लिए राजा विष्णुव्रत ने लगायी गुहार बाबा तिलिस्मदेव से. और फिर........?

Wednesday, November 24, 2010

बांकेलाल सर्पलोक में

बांकेलाल और विक्रमसिंह, कंकड़बाबा के शाप के कारण विभिन्न योनियों में भ्रमण करते हुए इस बार आ पहुंचे सर्पलोक में जहाँ चल रही थी मूंछ प्रतियोगिता जिसमे विजयी हुए राजा विक्रमसिंह और बांकेलाल को बनना पड़ा हंसी का पात्र जिससे खफा हो बांकेलाल ने सर्पलोक के राजा अमर विषपुरी से बदला लेने के लिए सफाचट कर दी उनकी मूंछे. उन्ही दिनों सर्पलोक में छाया हुआ था बाजलोक के बाज मानवों का आतंक जो सर्पलोक के सर्पों को उठा ले जाते और सर्पलोक के सर्प उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाते. और फिर...........?

Tuesday, November 23, 2010

अतिक्रूर

भुजंग देश के भोजपुर गाँव में फैली महामारी जिसकी वजह से गाँव छोड़कर नगर आना पड़ा गाँव के शमशान में काम करने वाले चांडाल कपालफोड़ और उसके पुत्र अतिक्रूर को. परन्तु नगर में आकर भी कम नहीं हुयी उनकी मुसीबतें. कपालफोड़ को एक शैतान गजोख ने धोखे से राजा न्यायप्रिय की हत्या के जुर्म में पहुंचवा दिया कारागार में. अतिक्रूर को मिला सहारा शमशान भूमियों के प्रभु मशानराज और गुरु कालकोपडा का जिन्होंने अतिक्रूर को दी असीम ताकत. अब अतिक्रूर को शैतान गजोख को ख़त्म कर छुड़ाना था अपने इत कपालफोड़ को. और गजोख को ख़त्म करने के लिए चाहिए था अमोद्य शस्त्र दंताक जिसकी तलाश में आतिक्रूर आ पहुंचा था तिलिस्मी ओलम्पाक. और फिर............?

Monday, November 22, 2010

जादू का शहंशाह

इजिप्ट में फैला हुआ था आश्चर्य का माहौल क्योंकि इजिप्ट के चोर, लुटेरे, हत्यारे इत्यादि अचानक दिन दहाड़े हो रहे थे गायब इस वजह से खौफ में जी रहे थे इजिप्ट के सभी अपराधी. ऐसे में इजिप्ट में कदम रखा विश्व आतंकवाद के दुश्मन नागराज में जो आया था फराहों के राजा तूतेन खामेन की तलाश में. इधर तूतेन खामेन भी अपराधियों को गायब कर उनको ममियों में तब्दील कर खड़ी कर रहा था अपनी सेना. नागराज को भी मिल गयी थी अपनी नागसेना में एक नयी नागिन सौडांगी. और फिर.........?

Sunday, November 21, 2010

डायन

अपने बेटे बादल को बचाने के लिए सेठ गिरधारी लाल ने पैसों के दम पर अस्पताल में इलाज करवा रहे ब्रजेश का गुर्दा निकलवाकर अपने बेटे को लगवा दिया जिससे ब्रजेश की चली गयी जान, खुद को बचाने के लिए सेठ गिरधारी लाल और उसके बड़े बेटे इंस्पेक्टर गजराज ने ब्रजेश के भाई और बहन की भी कर दी हत्या. जब इस बात का पता चला उनके बड़े भाई तांत्रिक देवराज को तो उसने अपनी शक्ति के बल पर मचा दिया सेठ गिरधारीलाल के परिवार पर खौफनाक कोहराम जिससे बचने के लिए सेठ गिरधारी लाल ने सहारा लिया प्रेत बाधा मिटाने वाली एक डायन का परन्तु देवराज ने उस डायन को भी कर लिया अपने वश में और उसी डायन की मदद से मचा दिया पूरे शहर पर मौत का आतंक. और फिर..........?

Saturday, November 20, 2010

हवलदार दामू

हवलदार दामू, वैसे तो ये पुलिस में हवलदार थे परन्तु थे अव्वल दर्जे के मुर्ख. एक तरफ चोर नटवर से परेशान तो दूसरी तरफ अपनी पत्नी की हरकतों से हैरान और तो और अपने पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर ज्वालासिंह की डांट से बचने और चोर नटवर को पकड़ने के लिए कोई न कोई जुगत लगाते रहते. इस बार नटवर को पकड़ने के लिए जेम्स बांड कोरेस्पोंड़ेंस कोचिंग स्कूल से उठा लाये चोर को पकड़ने के तरीके. और फिर..........?

Friday, November 19, 2010

मौत बेचने वाले

अमेरिका में नशीले पदार्थ बेचने का धंधा करने वाले जैक ने अपना माल बेचने के लिए सौदा किया बम्बई के सेठ जगत नारायण के साथ जो बम्बई में नशीले पदार्थों का धंधा चलता था. सेठ जगत नारायण को अपना माल बेचने के लिए ज़रूरत थी कोल्ड ड्रिंक बूथ चलाने वाले आशाराम पंडित की मदद की परन्तु वो इसके लिए तैयार नहीं था. इसलिए सेठ जगत नारायण ने अपहरण कर लिया उसकी बेटी अलका का. अपनी बेटी को बचाने के लिए आशाराम पंडित ने ली पुलिस की मदद और साथ में उसकी मदद और मौत बेचने वालो को सबक सिखाने को तैयार हो गया राजा. और फिर.......?

Thursday, November 18, 2010

चंद्रकला

नवीनगढ़ के राजा नवीन कुमार को जंगल में मिली राजकुमारी से दिखने वाली एक लड़की चंद्रकला जो अपनी याददाश्त खो चुकी थी. राजा नवीन कुमार उसे ले आये महल में उसी रात से महल में फैलना शुरू हो गया एक चुड़ैल का आतंक. इधर कोणार्क वन में संदीप मुनि के आश्रम में शिक्षा प्राप्त कर रहा था राजा नवीन कुमार का बिछुड़ा हुआ पुत्र सूरज जो अपने पिता के बारे में जानने के बाद उनसे मिलने चल पड़ा. और फिर..........? 

Wednesday, November 17, 2010

तिलिस्मदेव और तिलिस्मासुर

विशाल राज्य कल्पतरु और उसके आस पास के पच्चीस राज्यों में छाया हुआ था तिलिस्मासुर का आतंक जो राज्यों के नागरिकों को उठा ले जाता बलि देने के लिए. सभी राजाओं ने तलाश शुरू की तिलिस्मासुर की और कल्पतरु राज्य के शक्तिशाली राजा कल्पतरु ने उसे ढूंढ़ निकला परन्तु तिलिस्मासुर ने उसको ही कर दिया ख़त्म और प्राप्त कर ली अद्भुत शक्ति जिसके संपर्क में आते ही प्रत्येक इंसान जानवर में बदल जाता. अपनी इस शक्ति के बल पर निकल पड़ा तिलिस्मासुर विश्वविजय पर. इधर तिलिस्मासुर का खत्म करने और अपने पिता की मृत्यु का बदला लेने के लिए राजकुमार धनुषधम्बी ने पुकारा तिलिस्मदेव को. और फिर.......?

Tuesday, November 16, 2010

हत्यारा जादू

मशहूर कैबरे डांसर जूली के कमरे में दाखिल हुआ एक शख्स आनंद जिसको जूली और उसके साथियों ने मार कर फेंक दिया था वह दोबारा उसके सामने आ खड़ा उनसे अपनी हत्या का बदला लेने की धमकी दे डाली. और फिर आनंद एक एक कर जूली और उसके साथियों ब्रजमोहन, प्रेम कपूर, रुस्तम और सेठ धनराज की अपने काले जादू की मदद से करने लगा हत्याएं. उन सभी ने उससे बचने की कोशिश की पर मौत से न बच सका कोई. और फिर.........?

Monday, November 15, 2010

अण्डरवर्ल्ड

शहर के एक बड़े बैंक में हमला किया कुत्तों के झुण्ड ने और लूट ले गए बैंक में रखा सारा पैसा. परमाणु ने उसको रोकने की कोशिश की तो वे राबर्स कुत्ते परमाणु को भी चकमा देकर भाग निकले. परमाणु, इंस्पेक्टर विनय के रूप में लग गया उन लुटेरे कुत्तों को ढूंढने में परन्तु इससे पहले की वो पहुँच पाता उन खतरनाक कुत्तों तक उन कुत्तों ने ही कर दिया हमला इंस्पेक्टर विनय पर. और फिर............?

Sunday, November 14, 2010

शूतान

हिप्ना गृह के प्रोका देश का नेक राजा टोस्कर परन्तु उसका साला कास्कोर बहुत नीच और बदमाश उसने अपने मित्र राक्षस डाकोर की सहायता से टोस्कर को दे दिया ज़हर। टोस्कर को बचाने के लिए जब राजवैद्य मेसमर को बुलवाया गया तो कास्कोर और डाकोर ने उसको भी घायल कर भेज दिया मोहनिद्रा अवस्था में। और उसके बेटों मीतान और जीतान की कर दी हत्या। बच गया तो सिर्फ छोटा बेटा शूतान जिसने डाकोर से बदला लेने के इरादे से शरण ली अपने पिता के गुरु पासेगुर के पास जिन्होंने शूतान को सिखाई अनोखी सम्मोहन कला। सम्मोहन विद्या सिखने के बाद शूतान को पता चला की डाकोर उसके पिता के शरीर को लेकर जा चुका है तिलिस्मी ओलम्पाक में। इस तरह डाकोर से बदला लेने की इच्छा लिए सम्मोहन सम्राट शूतान भी जा पहुंचा तिलिस्मी ओलम्पाक। और फिर..........?

Saturday, November 13, 2010

आवाज़ की तबाही

राजनगर के साउंड रिसर्च सेंटर के प्रोफ़ेसर काले और उनकी टीम ने किया विज्ञान की दुनिया में एक अनोखा अविष्कार अल्ट्रासोनिक गन परन्तु उस अविष्कार को चुरा लिया किसी रहस्यमय शख्स ने और बन बैठा ध्वनिराज। ध्वनिराज जिसके हाथों में फिट था अल्ट्रासोनिक गन और उस गन की बदौलत उसने राजनगर को अपनी गन के निशाने पर ले मचा दिया हाहाकार। ध्वनिराज को रोकने की ज़िम्मेदारी ली राजनगर के रखवाले सुपर कमांडो ध्रुव ने और वह चल पड़ा ध्वनिराज की अल्ट्रासोनिक पॉवर से टक्कर लेने। और फिर.........?

Friday, November 12, 2010

राजा और काला हीरा

बम्बई के महालक्ष्मी रेसकोर्स में चल रही डर्बी रेस में हुआ हादसा और राजा के घोड़े चेतक का सवार टोनी अचानक गिर पड़ा रेस के मैदान में। इस हादसे की वजह से रेस कर दी गयी रद्द। जाँच पर पता चला की जानबूझकर चेतक को रेस हराने के लिए चली गयी थी एक चाल इसलिए रेस का दोबारा होना तय किया गया। परन्तु चेतक को रेस हरवाकर खुद जीतने की चाहत में अपराधियों ने राजा के घोड़े चेतक का ही कर लिया अपहरण। अब राजा को ढूँढना था अपने घोड़े को फ़ाइनल रेस से पहले। और फिर........?

Thursday, November 11, 2010

राजा और बैंक लुटेरे

सिटी बैंक में हुयी 20 लाख की डकैती और साथ में मिली बैंक ड्राइवर काशीनाथ की लाश। पुलिस ने लुटेरों की तलाश के लिए मदद ली जासूस राजा से। राजा अपराधियों का पता लगाता हुआ जा पहुंचा मोटर मैकेनिक अशोक शिंदे तक जिसकी माँ और बहन का  भी उन लुटेरों ने कर लिया था अपहरण क्योंकि उसने ही उन लुटेरों की मदद की थी डकैती डालने में। और तब पुलिस और राजा उसकी मदद से तलाशने लगे डकैतों का सुराग। और फिर.........?

Wednesday, November 10, 2010

शाप का अंत

परीलोक के सबसे सुन्दर परी स्वर्णनखा जिसको अपनी खूबसूरती पर था बेहद घमंड इसी घमंड की वजह से एक सन्यासी द्वारा उसको मिला कुरूपता का शाप और वह स्वर्णनखा से बन गयी शूलनखा और परीलोक में मचाने लगी हंगामा। परीरानी ने जब उसको रोकने के लिए उठाये कदम तो शूलनखा की मदद को आया राक्षस खूंखार जो उससे करता था प्रेम। फिर दोनों मिलकर चल पड़े पृथ्वी की और जहाँ शूलनखा ने पृथ्वी के मानवों को दिया शाप की पृथ्वी का समस्त जल हो जाये विषैला। जल के विषैले होने के कारण पृथ्वी पर मच गया हाहाकार। और फिर..........?

Tuesday, November 9, 2010

जंतर-मंतर छू

चाइल्ड केयर मैटरनिटी होम में जन्म लिया एक नवजात बच्चे ने परन्तु उसकी देखभाल करने वाली नर्स की हो गयी हत्या। फिर तो जैसे रोज़ का सिलिसिला हो गया जो भी नर्स उस बच्चे की देखभाल के लिए रखी जाती उसकी हो जाती हत्या। इस अजीब केस को सुलझाने का ज़िम्मा आया इंस्पेक्टर अमर के पास और उसने पता लगाया की वो नवजात बच्चा ही शैतानी रूप धरकर करता था वो हत्याएं। यह जानकर उस बच्चे को कर दिया गया थाने में बंद। परन्तु वो बच्चा रहस्यमय ढंग से वहां से भी हो गया गायब। और फिर........?

Monday, November 8, 2010

बांकेलाल देवलोक में

कंकड़बाबा के शाप के कारण बांकेलाल और विक्रमसिंह जा पहुंचे देवलोक में परन्तु देवलोक के द्वार पर ही विक्रमसिंह के उपहास के कारण बांकेलाल ने फेंक दिया अपना देवमुकुट। देवमुकुट न होने की वजह से बांकेलाल को देवलोक में प्रवेश नहीं होने दिया गया, इसको अपना अपमान समझ खुराफाती बांकेलाल ने ठान लिया सभी देवों से बदला लेने का। इधर बांकेलाल का देवमुकुट मिला असुरलोक के असुरराज हाहाकारी को और उस देवमुकुट की मदद से हाहाकारी देवलोक में घुसकर करना चाहता था देवराज इंद्र की पुत्री इंद्रजा का अपहरण, परन्तु उससे पहले बांकेलाल ने ही देवों से बदला लेने के लिए कर लिया इंद्रजा का अपहरण। और फिर...............?

Sunday, November 7, 2010

आतंक

अमीर सेठ गिरधारीलाल का बेटा बादल जिसके दोनों गुर्दे हो चुके थे ख़राब और उसके ब्लड ग्रुप का दूसरा गुर्दा मिलना हो रहा था मुश्किल। ऐसे में दुर्घटना का शिकार हो अस्पताल में भर्ती हुआ एक लड़का ब्रजेश जिसका ब्लड ग्रुप मैच करता था बादल के साथ। सेठ गिरधारी लाल और उसके परिवार ने अस्पताल के डॉक्टर के साथ मिलकर ब्रजेश का गुर्दा निकाल कर लगा दिया बादल को। इस ऑपरेशन से चली गयी ब्रजेश की जान जब यह बात पता चली ब्रजेश के भाई अतुल और बहन पिंकी को तो सेठ गिरधारी लाल और उसके बड़े बेटे इंस्पेक्टर गजराज ने उनका भी कर दिया क़त्ल। परन्तु उससे पहले ही पिंकी बुला चुकी थी अपने सबसे बड़े भाई तांत्रिक देवराज को। और फिर सेठ गिरधारी लाल के परिवार पर छाने लगा मौत का आतंक। और फिर......?

Saturday, November 6, 2010

भोकाल

परीलोक जहाँ हमला किया राक्षसराज बोझ और भरकम ने और मार-काट मचा उठा ले गए परीलोक की सभी परियों को। परीलोक न नन्हा राजकुमार आलोप किसी तरह बच गया अकेला और अपनी माँ परीरानी ओसिका को ढूंढ़ता हुआ जा पहुंचा परीलोक के महागुरु भोकाल के पास जो स्वयं भी राक्षसों के हमले से घायल हो गए थे। महागुरु भोकाल ने दी राजकुमार आलोप को अपनी प्रलयंकारी तलवार और ढाल और साथ में दी अपनी प्रलयंकारी शक्ति की जब भी वो पुकारेगा भोकाल का नाम तो मिल जाएगी उसको प्रलयंकारी शक्ति। और इस भोकाल शक्ति को लेकर आलोप जा पहुंचा था तिलिस्मी ओलम्पाक अपनी माँ की तलाश में। और फिर............?

Friday, November 5, 2010

नगीना का जाल

नागमणि द्वीप के महात्मा कालदूत जिन्होंने नागराज को बताया कि नागमणि द्वीप की कैद से भाग निकली की खतरनाक अपराधी नाग तंत्रिका नगीना अपने साथियों बिच्छूधड़ा, मकड़ाखाटू और केकड़ा कंट को लेकर। नागराज भी नागमणि द्वीप से अपने साथियों सर्पराज, सिंहनाग, नागप्रेती, नागदेव और नागार्जुन के साथ निकला नगीना की तलाश में। इधर भारत में फैला हुआ था स्नोकी ज़हर का बोलबाला जिसको चला रहे थे अपराध जगत का किंग कोबरा और प्रोफ़ेसर नागमणि। नागराज आ टकराया उनसे तब किंग कोबरा ने उसको ख़त्म करने भेजा नाग तंत्रिका नगीना को। और नगीना ने फैलाया अपना जाल। और फिर..........?

Thursday, November 4, 2010

कोकोरम का खज़ाना

प्रोफ़ेसर सागर ने कंकाल द्वीप पर आमंत्रित किया जौहर, तिरंगा, कड़कसिंह-फड़कसिंह को परन्तु कंकाल द्वीप पहुँचने पर उन्हें पता चला की प्रोफ़ेसर सागर का ब्लैक शार्क गिरोह ने कर लिया है अपहरण। इससे पहले कि  वे प्रोफ़ेसर को छुड़ाने का कोई प्रयास कर पाते ब्लैक शार्क गिरोह ने कर लिया तिरंगा और कड़कसिंह-फड़कसिंह का भी अपहरण परन्तु जौहर उनसे बचकर और भेष बदल कर उन अपराधियों के साथ ही शामिल हो गया और जा पहुंचा ब्लैक शार्क के अड्डे पर जिनको तलाश थी कोकोरम के खजाने की। और फिर....?

Wednesday, November 3, 2010

जौहर कंकाल द्वीप में

 कंकाल द्वीप में रहने वाले प्रोफ़ेसर सागर ने टेलीग्राम द्वारा बुलवाया दैनिक अख़बार के रिपोर्टर जौहर को और साथ में कप्तान तिरंगा और पुलिस जासूस कड़कसिंह-फड़कसिंह को भी। परन्तु जिस चार्टर्ड विमान द्वारा उनको ले जाया जा रहा था उसमे एक व्यक्ति ने करना चाहा उन चारों का अपहरण। उससे किसी तरह बचते-बचाते चारों पहुँच तो गए कंकाल द्वीप पर उन्हें पता चला की प्रोफ़ेसर सागर का हो चूका है ब्लैक शार्क गिरोह द्वारा अपहरण। और फिर........?

Tuesday, November 2, 2010

तिलिस्मी ओलम्पाक

महाबली फूचांग जिसने खौफनाक खेल रचकर ढूंढे 4 महारथी भोकाल, शूतान, अतिक्रूर और तुरीन और इन चारों को भेज दिया तिलिस्मी ओलम्पाक की खोज में। चारों महारथी आ पहुंचे अनजान और अद्भुत जगह जहाँ कदम-कदम पर करना पड़ रहा था उनको खतरों का सामना। तिलिस्मी ओलम्पाक की खोज में इन चारों की बहादुरी का लुत्फ़ उठा रहे थे पृथ्वी के सभी राजा-महाराजा। विकासनगर की नन्ही राजकुमारी भी तिलिस्मी ओलम्पाक में जाने की जिद लिए जा पहुंची फूचांग के पास जहाँ उसको पता चल गया फूचांग के षड्यंत्र का परन्तु फूचांग ने उस मासूम को भी भेज दिया खतरों के बीच तिलिस्मी ओलम्पाक में। और फिर........?

Monday, November 1, 2010

डायमंड किलर

पैरासाइट के जालसाजी के केस में उलझे इंस्पेक्टर विनय की टक्कर हुयी डायमंड किलर से जिसके पास था अद्भुत इंसान जौंक जो सामने वाले के शरीर से उसकी एनर्जी चूस जाता। जौंक ने चूस ली वंडरमैन परमाणु की भी एनेर्जी। और डायमंड किलर ने जौंक की मदद से शहर में शुरू कर दी डायमंड्स की लूट। इधर परमाणु के जन्मदाता प्रोफ़ेसर ने परमाणु को लौटाई उसकी खोयी एनेर्जी और एक बार फिर परमाणु निकल पड़ा जौंक और डायमंड किलर से टकराने। और फिर...........?