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Sunday, February 28, 2010

जौहर

शहर में एक जौहरी को लूट लिया एक स्मगलर ने। लूटेरों की तलाश में मारे-मारे फिर रहे थे पुलिस के दो जासूस कड़कसिंह और फड़कसिंह। इधर लूट की तहकीकात करने पहुंचा दनादन अख़बार का प्रेस रिपोर्टर जौहर। और इन लूटेरों को पकड़ने के लिए अपने एक साथी कप्तान तिरंगा के साथ फ़ैलाने लगा अपना जाल। और फिर.............?

Saturday, February 27, 2010

जासूस टोपीचंद के कारनामे

जासूस टोपीचंद बहुत ही चालाक और बुद्धिमान जासूस जिसके पास थी एक अद्भुत टोपी जिसमे लगा हुआ था एक अत्याधुनिक कंप्यूटर जो किसी भी समस्या का हल चुटकी में निकाल देता है और जासूस टोपीचंद के पास था एक अनोखा रोबोट कुत्ता जो उसके कहने पर बड़े से बड़ा काम कर सकता है। इनकी मदद से जासूस टोपीचंद ने दिखाए कई हैरतअंगेज़ कारनामे। और फिर.........?

Friday, February 26, 2010

काठ की नगरी

कंचन शिखर की राजकुमारी रत्नप्रभा जो विवाह करना चाहती थे अपने सपनों के राजकुमार से। एक बार एक अनोखे उड़न यान की सवारी करते हुए कोशाम्बी नगरी की ऊपर से गुजर रही थी वह उसे दिख गया उसके सपनो काराजकुमार। और राजकुमार नरवाहन दत्त भी मोहित हो गया राजकुमारी पर और उसकी तलाश करने निकल पड़ा और जा पहुंचा एक अद्भुत काठ की नगरी जहाँ के सभी निवासी लकड़ी के बने हुए थे। और फिर...........?

Thursday, February 25, 2010

झगडा एक रोटी का

नन्द गाँव का गरीब ब्राह्मण मुरलीधर अपनी पत्नी मंथरी के साथ रहता और गाँव में भिक्षा मांग कर गुजरा चलाता। एक दिन मिल गयी उसको अच्छी भिक्षा, दोनों पति पत्नी ने बनाया साथ मछली खाने का कार्यक्रम और बनाई चार रोटियां परन्तु एक रोटी ले गया चूहा और बाकि बची तीन रोटियों में से कौन एक ज्यादा खायेगा इसका फैसला करनेके लिए रखी एक शर्त की जो अगले दिन देर से उठेगा वो दो रोटियां खायेगा। और फिर...............?

Wednesday, February 24, 2010

अनोखी ट्रेन डकैती

कुछ खतरनाक लुटेरों ने बनाया चलती हुए ट्रेन को लूटने का प्लान उसके लिए उन्होंने लगायी अनोखी तरकीब और ट्रेन में लगा दिया स्पीडो बम जिसकी वजह से ट्रेन की स्पीड कम होते ही बम फट जाना था। एक मुसाफिर की गलतीकी वजह से हो गया हादसा और फट गया स्पीडो बम। इधर राजधानी सुपर डीलक्स एक्सप्रेस के ड्राईवर जॉन को निकाल दिया गया तो उसने खायी कसम की इस ट्रेन को भी वो उड़ा देगा स्पीडो बम से। और फिर............?

Tuesday, February 23, 2010

बात का धनी

राजा चन्द्रगुप्त, जो प्रजा का हाल-चाल मालूम करने के लिए भेष बदल कर राज्य में घुमा करता था एक दिन एक गरीब लक्कड़हारे के बुद्धिमता पूर्ण बाते सुनकर इतना अधिक प्रभावित हुआ की अपनी प्रजा और मंत्रियों की बुद्धिमता को परखने के लिए लक्कड़हारे द्वारा पूछी गयी एक पहेली का जवाब माँगा और महामंत्री से जवाब न पाता होने पर पदसे इस्तीफा देने को कह दिया। और फिर............?

Monday, February 22, 2010

एक से बढ़कर एक

रौनकपुर गाँव में रहने वाले तीन भाई अतरसिंह, चतरसिंह और मटरसिंह तीनो निहायत ही मुर्ख थे और हमेशा एकदुसरे को नीचा दिखाने में लगे रहते। किशनपुर गाँव से एक बार रौनकपुर के सरपंच के नाम पंचायती फैसला करने का न्योता आया तो तीनो झूठ बोलकर सरपंच बनकर एक दुसरे को नीचा दिखाने और गाँव वालों पर रौब गांठने के चक्कर में चल पड़े। और फिर..................?

Sunday, February 21, 2010

शीशे का महल

राक्षसराज त्रिमुखासुर ने मचाई ऐसी तबाही की पूरा कलिंग राज्य और उसके अधीन समस्त गाँव में त्राहि-त्राहि मच गयी ऐसे ही एक गाँव शिवपुर का एक बहादुर और नौजवान युवक केशव को पता चला की त्रिमुखासुर राक्षस ने पूरे गाँव को तहस-नहस कर दिया और उसकी माँ को भी मार दिया तो त्रिमुखासुर से बदला लेने चल पड़ा केशव उसकी तलाश में उधर त्रिमुखासुर ने अपहरण कर लिया कलिंग की राजकुमारी पुष्पा को और फिर..............?

Saturday, February 20, 2010

नागराज का इंसाफ

नागराज, अमेरिका के आतंकवादी सरगना विलियम की तलाश में न्यूयोर्क आया जहाँ विलियम तक पहुचने का रास्ता जनता था डान जो शिकागो की जेल में बंद था, नागराज ने फ्लोरिडा की मदद से डान को जेल छुड़ाया और तीनो चल पड़े विलियम और उसके जुर्म के साम्राज्य को ख़त्म करने। विलियम के अड्डे पर पहुचने के लिए उन्हें करना था कई तरह के खतरों से सामना। और फिर..............................?

Friday, February 19, 2010

ख़ूनी यात्रा

अमेरिका के कुख्यात आतंकवादी सरगना विलियम की तलाश में नागराज जा पहुंचा न्यूयोर्क। जहाँ उसे विलियम तक पहुचने के लिए जरूरत थी डान की जो शिकागो के एक सुरक्षित जेल में बंद था। उसे साथ मिला फ्लोरिडा का जो खुद डान की तलाश कर रही थी। दोनों ने मिलकर डान को जेल से छुड़ाया और तब पता चला की डान को फ्लोरिडा के पिता की हत्या के जुर्म में विलियम ने फंसाया था। अब नागराज, फ्लोरिडा और डान चल पड़े विलियम को ख़त्म करने एक ख़ूनी यात्रा पर। और फिर.......................................?

Thursday, February 18, 2010

शैतानों के नाना

आठवीं कक्षा के छात्र चंगू और मंगू एक नंबर के शैतान जिनकी शरारतों से पूर स्कूल रहता था परेशान। उनकी क्लास का लड़का हरिया जिससे उनकी एक न बनती उसके साथ चंगू और मंगू ने के की ऐसी शरारत कि हरिया की मास्टर जी ने कर दी पिटाई। तब हरिया ने उनसे बदला लेने की ठानी और अपने दोस्त जोगेंदर के साथ बनाई चंगू-मंगू से बदला लेने की योजना। और फिर........?

Wednesday, February 17, 2010

मृग कुंड

विक्रमगढ़ का पराक्रमी राजा विक्रमसिंह जिसका पुत्र होने पर राज ज्योतिषी शंकरानंद ने की उसकी भविष्यवाणी की राजकुमार 20 वर्ष तक ही जीवित रहेगा। राजा विक्रमसिंह ने जब शंकरानंद से पूछा राजकुमार की आयु बढ़ाने का उपाय तो उसने इनकार कर दिया क्योंकि राजकुमार की उम्र बढ़ाने से था पूरे राज्य को खतरा परन्तु राजा विक्रमसिंह ने पुत्र मोह में शंकरानंद पर दबाव डाला उपाय बताने के लिए। उपाय था 20 वर्ष तक हर वर्ष राजकुमार को मृग रक्त के कुंड से स्नान करवाना। 20 वर्ष पश्चात् राजकुमार ऋतूध्वज की आयु तो बढ़ गयी परन्तु एक दिन अचानक वो बन गया शैतान। और फिर................?

Tuesday, February 16, 2010

ज़ालिम शहजादी

कैमूर के रहमदिल और नेक बादशाह कैमूर ने जब अपनी शहजादी के निकाह के लिए उससे बात की तो शहजादी मेहरू ने रखी एक शर्त की वो उससे शादी करेगी जो उसके एक सवाल का जवाब देगा और जो जवाब नहीं दे पाया उसका सर काटकर महल की दीवार पर लटकवा दिया जायेगा। कई शहजादो को मेहरू की शर्त से हार मानकर अपनी जान गंवानी पड़ी। तब बादशाह शमशाद लालपोश के सबसे छोटे शहजादे अल्मास रूह्बख्श ने उस ज़ालिम शहजादी के सवाल का जवाब देने और उसको सबक सिखाने की ठानी। और फिर.................?

Monday, February 15, 2010

एक रात के मेहमान

राजनगर से अपनी पढाई ख़त्म करके वापस अपने घर सुंदरगढ़ जा रहे इन्द्रजीत और उसका दोस्त फ़ोकट राम की गाड़ी के ब्रेक रास्ते में अचानक ख़राब हो गए। रास्ते में मिली एक रहस्यमय कार और एक भुतहा औरत जो उन दोनों को ले गयी एक पुरानी हवेली में जहाँ उनके साथ घटी अजीबोगरीब घटनाएँ। और फिर.............?

Sunday, February 14, 2010

रुद्राक्ष की माला

प्रतापगढ़ में रहने वाला गरीब लक्कड़हारा रामबली जो बहुत ही बुद्धिमान था राजा प्रतापसेन ने उसकी बुद्धिमानी देखकर उसको अपना विशेष सलाहकार बना लिया। परन्तु दुर्भाग्यवश राजा प्रतापसेन की हो गयी असमय मृत्यु और राज्य का कोई और उत्तराधिकारी न होने के कारण प्रतापगढ़ के महामंत्री ने की घोषणा की मरते समय राजा की दी हुयी रुद्राक्ष की माला राजा का हाथी जिसके भी गले में डालेगा उसको ही राजा चुन लिया जायेगा। और फिर...........?

Saturday, February 13, 2010

खूनी खिलौना

राजनगर शहर में हो रही थी मशहूर व्यक्तियों की रहस्यमय हत्याएं। हर हत्या स्थल पर पाया जाता था एक खिलौना। इन हत्याओं का रहस्य सुलझाने में लग गया विख्यात जासूस मिथुन। परन्तु जासूस मिथुन के ही पीछे पड़ गए वे खतरनाक अपराधी और एक दिन जासूस विजय को भी अपने घर में मिला वही खूनी खिलौना। और फिर.............?

Friday, February 12, 2010

दौलत बुरी बला

माधव, शंकर और कृष्णा तीन परम मित्र जिनकी दोस्ती की मिसाल दूर-दूर तक फैली हुयी थी। एक दिन उनके पास आया कीमती पत्थरों का एक व्यापारी धर्मराज और उन तीनो मित्रों को बताया कीमती पत्थरों के एक खजाने का पता। तीनो मित्र चल दिए खजाने को पाने पर मार्ग में ही शंकर और माधव के मन में आ गया लालच। और फिर....................?

Thursday, February 11, 2010

गूलर का फूल

मीरपुर के राजा उदयभान सिंह के नवजात पुत्र को डंस लिया एक सांप ने जिसके इलाज के लिए चाहिए था गुलर का फूल का रस। गूलर के फूल को लाने की ज़िम्मेदारी उठाई खलील खान ने और जा पहुंचा परीलोक की रानी के पास। वहां से फूल लेकर वो वापस लौट ही रहा था की एक जादूगरनी आ पहुंची खलील खान से फूल छीनने और इस छीना-झपटी में गूलर का फूल कहीं खो गया। और फिर..............?

Wednesday, February 10, 2010

मौत की चिंगारियां

एक खतरनाक अपराधी प्रोफ़ेसर नारमन का पीछा करते हुए 2 सीक्रेट एजेंट जा पहुंचे हर्बल द्वीप पर जहाँ उनका सामना हुआ अद्भुत और रहस्यमय शेर दानव से और वे दोनों एजेंट मारे गए तब इस शेर दानव का रहस्य और उस अपराधी प्रोफ़ेसर नारमन का पता लगाने के लिए गगन और ताहिरा को जाना पड़ा हर्बल द्वीप पर। और फिर...............?

Tuesday, February 9, 2010

मुर्ख ज़मींदार

रामपुर गाँव का ज़मींदार जालिमसिंह जो गाँव के गरीब किसानो पर करता था खूब अत्याचार पर था अव्वल दर्जे का मुर्ख, उसी गाँव में रहता था गोपाल नाम का एक मेहनती किसान जो था बहुत चालाक और अकलमंद और दुसरे गरीब लोगों की करता था मदद। इसलिए जालिमसिंह को उससे थी सख्त नफरत। गोपाल ने भी सोच लिया जालिमसिंह को सबक सिखाने की। और फिर...............?

Monday, February 8, 2010

खूनी खोज

नागराज, विश्व आतंकवाद का दुश्मन। यूरोप और दक्षिण अमेरिका के सबसे बड़े आतंकवादी विलियम की तलाश में जा पहुंचा न्यूयोर्क। और उस तक पहुचने का एक मात्र रास्ता जानता था सिर्फ एक व्यक्ति 'डान', पर डान बंद था शिकागो के सर्वाधिक सुरक्षित जेल में। उसे जेल से छुड़ाने चल पड़ा नागराज और इसमें उसका साथ दिया फ्लोरिडा नाम के लड़की ने जिसे थी खुद डान की तलाश क्योंकि डान ने की थी उसके पिता की हत्या, और शरू हो गई एक खूनी खोज। और फिर.............................?

Sunday, February 7, 2010

ठग उस्ताद ठेंगा प्रसाद

ठगनगरी, जहाँ का राजा ठगराज बहुत ही बड़ा ठग था परन्तु उसका बेटा ठेंगा प्रसाद बुद्धिमान तो था परन्तु ठगी के नाम से दूर ही रहता इसलिए राजा को एक आँख न सुहाता। अपने बेटे से परेशान राजा ठगराज ने कर दिया ऐलान की जो कोई भी उसको ठग कर दिखायेगा राजा उसको अपना सारा राजपाट सौंप देगा। ये ऐलान सुनकर ठेंगा प्रसाद ने ठान ली राजा ठगराज को ठगने की। और फिर.............?

Saturday, February 6, 2010

प्रलयंकारी मूर्ति

राजा धर्मप्रिय जो बहुत ही न्यायप्रिय था कुछ साहूकारों की झूठ की वजह से एक निर्दोष किसान को दंड दे बैठाजब सच्चाई का पता चला तो दुखी होकर उसने झूठ बोलने वाले को मृत्युदंड देने की घोषणा कर दीइस वजह से जिन व्यापारियों का सामान सच बोलने से नहीं बिकता था धर्मप्रिय उसे खरीद लेता ऐसे में उसके पास आया एक व्यक्ति बेचने के लिए एक अभिशप्त मूर्ति जो जिसके भी पास रहती थी उसको दुख देती थी, मजबूरन राजा धर्मप्रिय को खरीदनी ही पड़ी वो मूर्ति। और फिर.............?

Friday, February 5, 2010

ज़हरीली अंगूठी

मसूरी की हसीन वादियों में इन दिनों छाया हुआ था खौफ क्योंकि मसूरी में छुट्टी बिताने आये रईस लोगों की होने लगी हत्याएं। इन हादसों से एक एक कर छुट्टी मनाने आये सभी लोग होटल खाली कर करके जाने लगे और उन खाली कमरों को एडवांस बुक करने लगी एक ट्रेवल कंपनी। ऐसे में मसूरी आया नरेंदर नाम का एक रहस्यमय सख्श और लग गया इस गोरखधंधे के पीछे। और फिर.....................?

Thursday, February 4, 2010

खून की दस बूंदे

दिल्ली के बादशाह मुहम्मद शाह को उसके जासूस गुलहसन ने दी फारस के खूंखार लुटेरे नादिरशाह के लाहौर तक पहुँच जाने और एक हफ्ते में दिल्ली में हमला किये जाने की खबर जिसको सुनकर मुहम्मद शाह ने लगायी अपने कामचोर और अय्याश वज़ीरों को फटकार। वज़ीरों ने मांगी दस और दिन की मोहलत जिसके लिए नादिरशाह को दस दिन लाहौर में ही रोके रखना था । इस काम को अंजाम देने के लिए बादशाह ने चुना गुलहसन को और गुलहसन और उसके साथी चल दिए नादिरशाह को रोकने के लिए। और फिर................?

Wednesday, February 3, 2010

उलटे बांस बरेली को

देश भ्रमण को निकले पिद्दी पहलवान अपने चेलों लटकन और फुदकन के साथ लखनऊ और बनारस होते हुए अबकी बार चल दिए आगरा घुमने। पर बीच रस्ते में आकर अटक गए बरेली में। अब बरेली में भी फंस गए चक्कर में औरपिटते पिटाते आ पहुंचे पहलवानों के अखाड़े में। और फिर..................?

Tuesday, February 2, 2010

नागराज और शांगो

नागराज, जो राजकुमारी ताकाशी को उसका राज्य वापिस दिलाने के लिए जा भिड़ा आतंकवादी सरगना चांगो और बागी सबाटो से। और इसके लिए उसे मदद की ज़रुरत पड़ी राजकुमारी ताकाशी के गुरु सुजुकी और उसके शिष्यों की। सुजुकी ने उनकी मदद के लिए बुलवाया अपने सर्वश्रेष्ठ शिष्य शांगो को पर चांगो के दुश्मनों ने ख़त्म कर डाला सुजुकी और उनके शिष्यों को और शांगो ग़लतफ़हमी में नागराज को समझ बैठा सुजुकी का हत्यारा और अपना सबसे बड़ा दुश्मन। और फिर....................................?

Monday, February 1, 2010

लाश की आत्मा

प्रोफ़ेसर किशनलाल अपनी बेटी रजनी और सुपर मानव गगन के साथ जा पहुंचे हिमालय की गगोला चोटी पर जहाँ उनको तलाश थी हजारों वर्ष पुरानी गगोला सभ्यता की जिसमे माना जाता था की लाशो को ममी बनाकर रखा जाता था। वहां उनको मिली हजारों वर्ष पुरानी गगोला जाति के धर्मगुरु सपोला की ममी जिसे वो अपने साथ ले आये और एक रात अचानक जिंदा हो गयी सपोला की लाश। और फिर................?