Pages

Thursday, March 31, 2011

नागराज और नगीना

विश्व सम्राज्ञी बनने का ख्वाब संजोए एक बार फिर दुनिया पर आतंक मचाने आ पहुंचे नाग तंत्रिका नगीना। इस बार उसके पास थे सैकड़ों वर्ष पुराने विचित्र अंडे। नगीना का साथ देने के लिए तैयार थे उसके साथी मकड़ाखाटू, बिच्छूधड़ा और केकड़ाकंट परन्तु उनकी थी एक शर्त की नगीना को चुनना था उनमे से किसी एक को अपना पति। तब नगीना ने भी रखी शर्त की जो लायेगा नागराज सिर उसी को चुनेगी वो अपना सम्राट। फिर नगीना के विचित्र अण्डों ने दुनिया पर ढा दिया कहर क्योंकि उन अण्डों में से निकलने लगे डायनोसोर और मचाने लगे तबाही। इस तबाही को रोकने आया नागराज परन्तु नागराज की मौत बनकर आ पहुंचे नगीना के वही तीन शैतान। और फिर...........?

Wednesday, March 30, 2011

प्रेत अंकल

तूफानी रात में गुंडों से अपनी जान बचाकर भागती हुयी एक छोटी बच्ची जा टकराई एक प्रेत से। जेकब नाम के उस प्रेत ने गुडों से बचायी उस बच्ची की जान और उसको ले आया इरी की गुफा में। इरी की गुफा जहाँ बसते थे सद आत्माएं और प्रेत और रहता था इन प्रेतों का गुरु इरी। एक बच्ची को प्रेत गुफा में लाने पर इरी हुआ बेहद नाराज़ और दिया जेकब को आदेश बच्ची को वापस छोड़ कर आने का। बच्ची को वापस छोड़ने पहुंचा प्रेत जेकब खुद फंस गया मुसीबत में जब एक तांत्रिक लड़की कपाली ने उसको कर लिया कैद तब उसकी मदद की उसी बच्ची ने और जेकब बन गया उसका प्रेत अंकल। प्रेत अंकल ने कर दिया कपाली को समाप्त परन्तु मरते-मरते भी कपाली ने मदद को पुकारा अपने पिता को जो कोई और नहीं इरी ही था। अब इरी को देनी थी प्रेत अंकल को अपनी बेटी को मारने की सजा। और फिर..........?

Tuesday, March 29, 2011

फाइटर टोड्स

राजनगर, जिसके समुद्र में से एकाएक निकल आये चार आदमकद मेढक जो खुद को कहते थे फाइटर टोड्स। कटर्र, शूटर्र, मास्टर्र और कंप्यूटर्र नाम के ये चार फाइटर टोड्स थे गजब की जांबाज़ और अद्भुत लडके जो आते ही टूट पड़े राजनगर के अपराधियों पर। फाइटर टोड्स के आगमन पर आश्चर्यचकित थे सभी अपराधी यहाँ तक की राजनगर पुलिस भी। स्वाभाव से भोले और मुर्ख फाइटर टोड्स को तलाश थी अपराधियों के सरगना ग्रीन माम्बा की। ग्रीन माम्बा की तलाश में फाइटर टोड्स ने पूरे राजनगर में मचा दिया हंगामा तब उनको रोकने आ पहुंचे नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव। और फिर..........?

Monday, March 28, 2011

अभागा राजकुमार

मवाड़ देश जहाँ की रानी सरस्वती विवाह के दस वर्ष पश्चात् हुए गर्भवती परन्तु बच्चे के जन्म से पहले ही मवाड़ नरेश की युद्ध में हो गयी मृत्यु। इधर रानी सरस्वती ने जन्म दिया एक विचित्र बालक को जिसके तीन सिर और एक धड़ था। राजकुमार के जन्म के बाद मवाड़ राज्य पर छा गए संकट के बादल और राज्य पर पड़ गया भयंकर अकाल। प्रजा ने इस मुसीबत का कारण उस विचित्र राजकुमार को ही माना इसलिए रानी सरस्वती ने दिल पर पत्थर रख कर राजकुमार को गंगा नदी में प्रवाहित कर दिया। 20 वर्ष के बाद दाशला देश की राजकुमारी की जान एक दुष्ट राक्षस से बचायी उसी विचित्र बालक ने जो अब बन चूका था गंगापुत्र। गंगापुत्र की वीरता देख राजकुमारी दिव्यप्रभा ने उसको मान लिया अपना पति परन्तु गंगापुत्र वापिस लौट गया गंगा नदी में। राजकुमारी की भाई जब राजकुमारी को वापस ले गए तो गंगापुत्र उसकी तलाश में आ पहुंचा नगर में परन्तु उसका रूप देख नगरवासियों ने उसको समझ लिया राक्षस और पड़ गए उसकी जान के पीछे। और फिर.............?

Sunday, March 27, 2011

जिन्दा मर जा

वैक्स म्यूजियम जहाँ दर्शकों को आकर्षित करने के लिए रखे जाते थे रोमांचित कर देने वाले खेल। परन्तु एक दिन अचानक खेल-खेल में हो गयी एक हत्या। एक जिन्दा इंसान को मोम की डमी बनाकर दर्शकों के सामने ही मार डाला गया। इस हत्या के बाद पुलिस इंस्पेक्टर घुण्डी लग गया तहकीकात में और असली हत्यारे का पता लगाने। और फिर.........?

Saturday, March 26, 2011

एक और परमाणु

परमाणु को जुर्म ख़त्म करने के लिए किया जा रहा था सम्मानित परन्तु सब हो गए हैरान जब मंच पर पहुंचे 2-2 परमाणु। इन दो-दो परमाणुओं को देखकर परमाणु के निर्माता प्रोफ़ेसर कमलकांत भी आ गए चक्कर में। असली परमाणु की पहचान के लिए प्रोफ़ेसर ने रखी दोनों परमाणुओं के बीच प्रतियोगिता। प्रतियोगिता में नकली परमाणु की मदद की उसको भेजने वाले अपराधी फेफड़ा ने। और अलसी परमाणु को बंदी बनाकर नकली परमाणु ने हासिल कर ली प्रोफ़ेसर से उनकी विनाशकारी टॉर्च और प्रोफ़ेसर को भी बना लिया कैदी। और फिर..........?

Friday, March 25, 2011

खोपड़ी का महल

मांसभक्षी राक्षसों की जाती थड़ा जिनमे फ़ैल गयी एक विचित्र बीमारी। बीमारी से बचने का जब उन थड़ा राक्षसों को नहीं मिला कोई उपाय तो अपने देवता को खुश करने के लिए राक्षसराज घड़ा ने किया निर्णय उनको मानव खोपड़ी से बना महल भेंट करने का। मानव खोपड़ी एकत्रित करने के लिए राक्षसराज ने भेजा राक्षस रिक्षा को जिसने सुवर्णपुरी नगर में मचा दिया मौत का तांडव। सुवर्णपुरी के राजगुरु की शक्ति ने नष्ट कर दिया रिक्षा को तो इससे क्रोधित हो राक्षसराज घड़ा ने अपनी सेना सहित कर दिया सुवर्णपुरी पर आक्रमण। तब राक्षसों के हमले से बचने और अपने नगर की रक्षा के लिए राजा स्वर्णसिंह ने पुकारा तिलिस्मदेव को। और फिर.........?

Thursday, March 24, 2011

तानाशाह

पाताललोक में बसे गारुलोक के कुख्यात लुटेरे बागी ने बगावत कर कर दिया गारुलोक पर हमला। बगावत का सिर कुचलने के लिए चल पड़े सम्राट गारू परन्तु बागी ने अपने शैतानी शक्तियों के बल पर गारू को समाप्त कर बन गया गारुलोक का तानाशाह। अपनी जान बचाने के लिए महारानी अम्बिका, राजकुमार पालक को लेकर जा पहुंची पृथ्वी पर सप्तशक्ति धारक गोजो की शरण में। महारानी अम्बिका की कहानी सुन गोजो जा पहुंचा पाताललोक इधर बागी को भी लग गयी थी खबर महारानी और अम्बिका के पृथ्वी पर होने की इसलिए गोजो के आगमन से पूर्व वो भी प्रस्थान कर चूका था पृथ्वी पर। और फिर.............?

Wednesday, March 23, 2011

ये सिर किसका है

मिनी सर्कस जिसके सात जांबाज़ कलाकार अपने-अपने करतबों में थे माहिर। सबसे शानदार और खतरनाक आइटम होता था ग्लोरी और सर्कस के मालिक विक्टर का। विक्टर की प्रसिद्धि और उनपर हुक्म चलाने प्रवति बनी उसकी मौत का कारन क्योंकि मिनी सर्कस के बाकि पांच कलाकार ब्रेवो, तुतन, एजाज, मास्टर और बैटमैन ने विक्टर को धोखे से नशीला पदार्थ खिला दिया जिसके कारण शो के दौरान चली गयी ग्लोरी की जान। और इस जुर्म में विक्टर को दे दी गयी फांसी की सजा। उसके बाद मिनी सर्कस में कब्ज़ा जमा लिया उन पांचो ने परन्तु तभी एक रहस्यमय साया आ पहुंचा उन सबसे बदला लेने। और फिर...........?

Tuesday, March 22, 2011

अश्वखोर

अश्वलोक का खुनी दरिंदा लुटेरा अश्वखुर्राट जो किसी भी नगर पर हमला बोलकर सभी को मार देता और उनकी सारी संपत्ति लूट अश्वमानवों का भक्षण करता। अश्वखुर्राट नाम की इस मुसीबत का पता लगाने के लिए कई राज्यों ने भेजे अपने गुप्तचर अश्वकोष्ठ से चला रक्ताम्बर जो मीलों दूर तक देख सकता था, अश्वलीद से निकला मीलों दूर तक सूंघ सकने वाला कालाखोर, सभी पशु पक्षियों की भाषा जानने वाला अश्वांधरी का राजकुमार अश्ववट, नीलीघाटी का विलक्षण बुद्धि का स्वामी राजा नीलकंठ और अश्वोक से मीलों तक सुन सकने वाला महाबली श्रव्यशक्ति परन्तु इन पांचों वीरों को बंदी बना लिया अश्वखुर्राट ने। तब इन सभी  को मुक्ति दिलाने और अश्वखुर्राट का खात्मा करने निकला सूर्यवंशी राजकुमार अश्वराज। और फिर..........?

Monday, March 21, 2011

सामरी की ज्वाला

सुपर कमांडो ध्रुव जिसको सपने में दिख रहा था एक रहस्यमय ज्वालामुखी और तीन भयानक शैतान। सपने से परेशान ध्रुव की मुलाकात हुयी अग्नि की शक्तियों वाली एक लड़की से जो चाहती थी ध्रुव से मदद। इधर ध्रुव नताशा को मिला एक ज्वालामुखी की रिपोर्टिंग का काम ध्रुव भी उसके साथ जा पहुंचा उस ज्वालामुखी पर जहाँ बसा हुआ था ज्वालोक। ज्वालोक पर आई हुयी थी मुसीबत ध्रुव के पुराने दुश्मन राक्षस चंडकाल के कारण जिसको रोकने की कोशिश में था ज्वालोक का रक्षक सामरी। परन्तु चंडकाल ने सामरी की ज्वाला की मदद से आज़ाद करवा लिया अपने तीन शैतान साथियों को परन्तु साथ ही आज़ाद हो गया ध्रुव का एक और पुराना दुश्मन, 200 करोड़ वर्ष की उम्र वाला और असीमित मानसिक शक्तियों का स्वामी महामानव जो बना हुआ था ध्रुव के खून का प्यासा। इधर चंडकाल ने भी कब्ज़ा कर लिया सामरी के शरीर पर और लग गया ध्रुव की जान के पीछे। और फिर.............?

Sunday, March 20, 2011

पहाड़ी बाबा

लोहगढ़ जहाँ एक पहाड़ी पर आवास था पहाड़ी बाबा का, दूर दूर से लोग उनके दर्शन को आते और अपनी समस्याओं का समाधान पाते, मोह माया से दूर पहाड़ी बाबा पूरे नगर में थे प्रसिद्ध। नगर में आतंक मचा रखा था डाकुओं के एक दल ने राजा मकरध्वज ने डाकुओं को पकड़ने की कई कोशिशें की परन्तु सब व्यर्थ। तब मकरध्वज ने मदद लेने पहुंचे पहाड़ी बाबा के पास और उनको बताया की उन्हें हैं शक दुर्जन सिंह पर जो उस डाकू संग्राम सिंह का बेटा है जिसे मकरध्वज ने बरसों पहले सजा दी थी। इधर मकरध्वज के दोनों पुत्र राजकुमार आदित्य और अश्विनी भी थे परेशान डाकुओं के हमले से। पहाड़ी बाबा इससे पहले की डाकुओं को पकड़ने का कोई उपाय कर पाते दुर्जन सिंह ने कर लिया अपहरण दोनों राजकुमारों का। और फिर...............?

Saturday, March 19, 2011

अदरक चाचा

डाकू हलकान सिंह के दल में जुर्म और दरिंदगी में बीच पले बढे सूरज ने अपने जिस्म को जिम की आग में तपा कर बना डाला फौलाद का और कुत्ते का मास्क धारण कर डोगा बनकर बदला लिया अपने दुश्मन हलकान सिंह से परन्तु हलकान सिंह ने भी उस पर चला दी थी गोली, तब डोगा की जान बचायी उसके गुरु अदरक चाचा ने। इधर मुंबई शहर के चार टपोरी बदमाश ठुमरी, बॉबी, हड्डल और काकू जिन्होंने रहस्यमय अपराधी गैंडा की शह पाकर मचा दिया मौत का तांडव। जब सूरज ने फिर डोगा बनकर उन चारों को ख़त्म करने निकलना चाहा तो उसको आकर रोक दिया अदरक चाचा ने। और फिर................?

Friday, March 18, 2011

अंधा युद्ध

शुक्राल, हर काल का सर्वश्रेष्ट योद्धा जो इस काल में बना हुआ था मौत का परकाला अपनी तांत्रिक शक्तियों के बल पर शिकस्त देता जा रहा था हर राज्य को और बनाता जा रहा था वहां के राजाओं को अपना गुलाम। शुक्राल नाम के खतरे से निबटने के लिए जमा हुए सभी राजा-महाराजा तब वहां पहुंचकर शुक्राल के गुरु महर्षि तपोलक के कटे सर आकर बताया की शुक्राल को अपने बस में करके उससे ये सब करवा रहे हैं सिंघाल और पिंघाल नाम के 2 राक्षस और शुक्राल को रोकने का एक ही उपाय है स्वयं शुक्राल और इसके लिए उन्हें बुलाना पड़ेगा भविष्य में जन्मे शुक्राल को ही। और फिर............?

Thursday, March 17, 2011

सदमा

विजय नगर में आयोजित किया गया चिल्ड्रन कॉन्टेस्ट जिसमे भाग लिया शहर के कई बच्चों ने। कॉन्टेस्ट में भाग लेने वाले बच्चों को हॉरर टॉयज की और से दिए गए खिलौने स्वरुप उपहार। हॉरर टॉयज के वो खिलौने थे अति भयानक। बच्चों को खिलौने देने के बाद रात के अँधेरे में वो भयानक खिलौने हो गए जिंदा और सभी मासूम बच्चों को बना डाला अपनी हैवानियत का निशाना। इस हादसे के बाद हॉरर टॉयज की मालकिन मैडम देवकी चिंचपोकली को ले लिया गया हिरासत में परन्तु उसके बावजूद भी नहीं थमा मौत का सिलसिला हॉस्पिटल से नवजात बच्चों को चुरा ले गयी मैडम देवकी। और फिर.........?

Wednesday, March 16, 2011

आतंक की आग

कोण्डा राज्य, जहाँ का राजा कुल्लड़ बेहद जालिम और निर्दयी था जो अपने मनोरंजन के लिए अपनी प्रजा पर जुल्म करता यहाँ तक की मासूम बच्चों को भी नहीं बख्शता और यदि कोई नागरिक उसकी आज्ञा नहीं मानता तो उसे उसके पूरे परिवार समेत ख़त्म करवा देता। अपने राजा के इन अत्याचारों से मुक्ति पाने के लिए राज्य का प्रतिनिधि बन वीर योद्धा भुजाक जा पहुंचा मदद लेने राजा चोलीदामन के पास। राजा चोलीदामन ने अपने तीन मित्र राजाओं की विशाल सेना लिए आक्रमण कर दिया कोण्डा राज्य पर। परन्तु राजा कुल्लड़ की तिलिस्मी सेना का नहीं कर पाए सामना। तब भुजाक ने इस अत्याचार का विनाश करने के लिए पुकारा तिलिस्मदेव को। और फिर............?

Tuesday, March 15, 2011

बांकेलाल और चोर तिलिस्मी

कई राज्यों में अपना आतंक मचा रखा था चोर तिलिस्मी और उसके साथियों ने जो विचित्र ढंग से आते और सारा खज़ाना लेकर उसी अंदाज़ में चम्पत हो जाते। आसपास के सभी राजा थे परेशान इस चोर तिलिस्मी से। इधर विशालगढ़ की तलाश करते-करते बांकेलाल और विक्रमसिंह जब एक नगर में आ पहुंचे तो वहां के राजा कील-कील कांटा बांकेलाल को चोर तिलिस्मी समझ बना लिया बंदी क्योंकि बांकेलाल का चेहरा मिलता था चोर तिलिस्मी से। यातनाओं से बचने के लिए बांकेलाल ने बना डाली एक कुटिल योजना। और फिर...........?

Monday, March 14, 2011

नागराज और मिस्टर 420

मुंबई शहर में मची थी धूम चमत्कारी सर्कस की जो दिखाते थे हैरतंगेज़ शो। शो देखने पहुंचे नागराज ने चमत्कारी सर्कस वालों का फोड़ दिया भांडा क्योंकि सर्कस वाले हैरतंगेज़ शो दिखाने के लिए लेते थे सहारा धोखेबाजी का। सर्कस की धोखाधड़ी का पता चलते ही सर्कस के मालिक मिस्टर अण्टे उर्फ़ मिस्टर 420 को डाल दिया गया जेल में। जेल के अन्दर ही मिस्टर 420 से रची एक साजिश। इधर शहर में आतंक मचाने लगे लूट गैंग के लुटेरे। पुलिस भी इनको रोकने के लिए रही नाकाम क्योंकि लूट गैंग के हर दल के साथ होता था उनका प्रोटेक्टर एक खूंखार हत्यारा तब लूट गैंग को रोकने पहुंचा विश्व आतंकवाद का दुश्मन नागराज। और फिर.........?

Sunday, March 13, 2011

भोकाल की तलवार

पृथ्वी के शूरवीरों के दिव्यास्त्र हो रहे थे रहस्यमय ढंग से गायब। गायब हो गया तुरीन का प्रहार, अतिक्रूर का दंताक और गायब हो गयी भोकाल की तलवार। दिव्यास्त्रों के गायब होने का रहस्य जानने के लिए भोकाल और उसके सभी मित्र जा पहुंचे तिलिस्मी महल तिलिस्मा के पास। तिलिस्मा ने उन्हें बताया की अद्भुत ग्रह का शक्तिशाली राजा नासन कर रहा था दिव्यास्त्रों की चोरी। यह जान भोकाल, तुरीन, अतिक्रूर, शूतान, पीकू पकोडिया, वेणु सभी चल पड़े अद्भुत ग्रह जहाँ उनको करना था एक से बढ़कर एक खतरों का सामना वो भी बिना अपने हथियारों के। और फिर............?

Saturday, March 12, 2011

त्रिकाल और भैरवी

जादूगर त्रिकाल जिसने विक्रम नाम के लड़के को शक्तियां देकर भेजा पाताललोक ताकि वहां से वो प्राप्त कर सके सोने की मूर्ती परन्तु विक्रम का अपहरण कर लिया पाताललोक की राजकुमारी अलका ने और जादूगर त्रिकाल की असलियत बताकर मांगी मदद पाताललोक में कब्ज़ा जमाये राक्षस भैरवी से छुटकारा दिलाने की। त्रिकाल को जब इसका पता चला तो त्रिकाल और भैरवी एक हो गए विक्रम को रोकने के लिए। इधर विक्रम भी निकल पड़ा था त्रिकाल और भैरवी को ख़त्म करने के लिए। और फिर............?

Friday, March 11, 2011

शुक्राल और शलाका

शलाका, क्रूर बेरहम जालिम लुटेरा जिसने मचा रखा था आतंक। उसके आतंक से त्रस्त राजाओं ने शलाका से निबटने के लिए मुनि भीष्माचार्य ने दिया उनको एक अद्भुत योद्धा शुक्राल। परन्तु शुक्राल ने पहली ही मुठभेड़ में शलाका की जान बचाकर उसे भाग जाने का मौका दे दिया क्योंकि शलाका था शुक्राल को युद्ध कला सिखाने वाला गुरु। परन्तु शलाका को अगली बार नहीं जाने देने का वचन लिया शुक्राल ने और उसको उतार दिया मौत के घाट। परन्तु मरते हुए भी शलाका ने मांगी शुक्राल से गुरु दक्षिणा, शुक्राल की जान। और फिर..............?

Thursday, March 10, 2011

खोपड़ी का निशान

तांत्रिक विलियम जिसकी तंत्र साधना पर पड़ा एक बुरी आत्मा का व्यावधान जिससे हो गयी उसकी मृत्यु। विलियम के परिजन और उसका दोस्त माइकेल नहीं कर सके उसका अंतिम संस्कार तक क्योंकि विलियम की लाश पर छा गया था शैतान का साया। माइकेल  ने खुद की जान दांव पर लगा कर बचा लिया विलियम की पत्नी और बेटे को परन्तु पूरे गाँव पर उस शैतान का साया फैलने के बाद गाँव वालों ने विलियम के बेटे पीटर और पत्नी निलोफर को निकाल दिया गाँव से। 10 वर्ष बीत जाने के बाद पीटर अपने दोस्तों रवि, आनंद, ईशा और राजेश के साथ एक बार फिर आ पहुंचा अपने गाँव और फिर उन पर टूट पड़ा शैतान का खौफ। और फिर............?

Wednesday, March 9, 2011

इच्छाधारी हत्यारा

चिन्तापोकली के राजा और अश्वराज की पत्नी कुदुमछुम्बी के पिता राजा चिंतित सिंह ने आयोजन किया आश्चर्यजनक विश्व व्यक्तित्व प्रतियोगिता का जिसमे भाग लेने आये कई लोकों के आश्चर्यजनक व्यक्तित्व के मालिक परन्तु तभी वहां हमला किया आदिलोक के हत्यारे ने और कर लिया चिंतित सिंह का अपहरण। जब इसकी सूचना मिली अश्वराज को तो अश्वराज आदिलोक से महाराज चिंतित सिंह को उस इच्छाधारी हत्यारे के चंगुल से छुड़ाने के लिए निकल पड़ा खतरों से भरे सफ़र पर। और फिर.............?

Tuesday, March 8, 2011

मैं हूँ डोगा

सूरज, जो पड़ा मिला था डाकू हलकान सिंह को कूड़े के ढेर के बीच, बचपन से जिसने देखी थी सिर्फ दरिंदगी उसके जीवन में रौशनी की किरण बनकर आई सोनिका उर्फ़ सोनू परन्तु वो भी उससे बिछड़ गयी उसकी मौत का बदला लेने के लिए ही सूरज ने अपने जिस्म को जिम में तपा कर बना दिया था फौलाद इसमें उनका साथ दिया लायन जिम के गुरु अदरक चाचा और उसके भाइयों ने। परन्तु लायन जिम की थी दुश्मनी उन्ही की एक शिष्य किलोटा के किलर्स जिम के बदमाशों से। किलर्स जिम के लड़ाकों ने लायन जिम पर ढा दिया मौत का कहर। इसी का बदला लेने के लिए सूरज को बनना पड़ा डोगा। इधर डोगा को भी कानून तोड़ने के सजा देने के लिए तैयार था मुंबई पुलिस का जांबाज़ इंस्पेक्टर चीता। और फिर............?

Monday, March 7, 2011

डायनामाइट

गुंडों से अपनी जान बचाता हुआ टोनी नाम का शख्स जा पहुंचा जंगल में जहाँ उसको मिला दुर्घटनाग्रस्त हुआ एक अंतरिक्ष यान और घायल अवस्था में एक विचित्रमानव जिसकी पावरफुल बेल्ट के ज़रिये टोनी ने बचायी अपनी जान। परन्तु उस प्रलयंकारी बेल्ट को प्राप्त कर टोनी का दिमाग हो गया ख़राब और वो बन बैठा डायनामाइट और पूरे शहर पर मौत बनकर छा गया। उसको रोकने पहुंचा परमाणु भी नहीं टिक पाया उसके सामने। अब परमाणु को पता लगाना था डायनामाइट की शक्ति का राज़। और फिर..........?

Sunday, March 6, 2011

बिजलिका

व्हेल लोक का राजा व्होल जो मोहित हो गया बिजाल लोक की राजकुमारी बिजलिका पर परन्तु बिजलिका की बिजली की शक्तियों के कारण वह उसको पा नहीं सकता तब की उसने इष्टदेव की घोर तपस्या जिसके फलस्वरूप अनोखी शक्ति पाकर उसने अपहरण कर लिया बिजाल लोक की समस्त स्त्रियों का और साथ ही अपहरण कर लिया बिजलिका का जो अब पृथ्वी पर गोजो की एक शक्ति के रूप में उसके शरीर पर वास कर रही थी। इस बात का पता चलते ही गोजो चल पड़ा बिजलिका की तलाश में बिजाल लोक। और फिर..........?

Saturday, March 5, 2011

डॉक्टर वायरस

जीव विज्ञानी डॉक्टर वायरस जिसने एक और प्रसिद्ध जीव वैज्ञानिक डॉ वर्गिस का अनोखा अविष्कार बीटा वायरस चुरा कर भेज दिया उसको मौत के मुंह में और उस बीटा वायरस की मदद से तैयार की अपनी वायरल फ़ौज। परन्तु उसकी राह का रोड़ा बन बैठा सुपर कमांडो ध्रुव। ध्रुव को ख़त्म करने के लिए निकल पड़े डॉक्टर वायरस के वायरल प्राणी तब ध्रुव की मदद को आया बर्फ का बना एक अद्भुत इंसान। इधर ध्रुव का दोस्त वनपुत्र भी सामना कर रहा था वायरस के वायरल जीवों का वो भी आ पहुंचा ध्रुव की मदद को। और फिर............?

Friday, March 4, 2011

खूनबूंद

अश्वराज, रथ मैराथन का विजेता दुष्ट तूताबूता का अंत करने बाद अपनी पत्नी कुदुमछुम्बी को साथ ले वापस लौट चला अपने देश अश्वलोक। इधर अश्वलोक में अश्वराज और उसके पिता तारपीडो की वापसी से बौखला गया महामंत्री खूनबूंद क्योंकि उसे खुद चाहिए थी राजगद्दी। इसलिए उसने सबसे पहले अश्वलोक के सम्राट तारपीडो का कर दिया क़त्ल और अश्वराज की बहन राजकुमारी घोड़ीलेखा का कर लिया अपहरण। अश्वलोक पहुंचकर जब अश्वराज को पता चली खूनबूंद की यह कारस्तानी तो उसको ढूंढने निकल पड़ा वह परन्तु अश्वराज की राह में खूनबूंद ने बिछा रखा था मौत का जाल। और फिर.............?

Thursday, March 3, 2011

पाताल का शैतान

जादूगर त्रिकाल ने पाताल लोक से जादुई सोने की मूर्ती प्राप्त करने के लिए एक गरीब लड़के विक्रम को बरगला कर भेजा पाताल लोक परन्तु मार्ग में ही विक्रम का अपहरण कर ले गयी पाताल लोक की राजकुमारी अलका। त्रिकाल ने विक्रम की मदद करने के लिए भेजा अपने शिष्यों को परन्तु वो भी जा फंसे राजकुमारी अलका के जाल में। तब राजकुमार अलका ने विक्रम को बताई जादूगर त्रिकाल की सच्चाई और मांगी उससे मदद ताकि उसके ज़रिये ख़तम कर सके पाताल लोक में कब्ज़ा किये हुए पाताल के शैतान को। और फिर..................?

Wednesday, March 2, 2011

शैतान बुड्ढे

भुजंग देश में हंगामा मचाया दुष्ट शैतान बुड्ढों की टोली ने और भुजंग देश में वीरों राजा विश्वप्रिय, कपालफोड़, पीकू पकोडिया और अतिक्रूर को पहुंचा दिया भुजंग देश की ज़मीन के नीचे बहते खौफनाक नाले में। जहाँ उनको सामना करना पड़ा एक से बढ़कर एक खतरों से। इधर भुजंग देश पर कब्ज़ा कर लिया उन्ही शैतान बुड्ढों ने। साक्षात् मौत से जूझते अतिक्रूर और उसके प्रियजनों की रक्षार्थ वहां आ पहुंचा महाबली भोकाल। और फिर...........?

Tuesday, March 1, 2011

तिलिस्मदेव और विकराल

कौतुकप्रस्थ में आयोजित की जा रही थी प्रतियोगिताएं जिसमे भाग ले रहे थे दुनिया भर से आये शक्तिशाली, पराक्रमी वीर योद्धा। प्रतियोगिता में विजेता बने चार महारथी राजकुमार उत्तरार्ध, भीमकाल, अश्वहरोट और तायराबानो परन्तु अचानक वहां पहुंची एक रहस्यमय सुनहरी आँख जो थी शैतान विकराल की जिसने कर लिया उन चारों विजेता महारथियों का अपहरण क्योंकि उनके द्वारा वो करवाना चाहता था तिलिस्मदेव की हत्या। इधर उन चारों महारथियों को तलाश करने निकला हुआ था कौतुकप्रस्थ का राजकुमार अमोध। और फिर..................?