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Monday, February 28, 2011

केकड़ा

अंडरवर्ल्ड की दुनिया का बेताज बादशाह केकड़ा जिसकी राह का रोड़ा बन गया इंस्पेक्टर विनय उर्फ़ परमाणु और केकड़ा के कई आदमियों और का कर दिया उसने खात्मा। इधर केकड़ा के हाथ लग गया परमाणु का एक रहस्य की इंस्पेक्टर विनय ही परमाणु है यह रहस्य जानने के बाद उसने बनायीं परमाणु को ख़त्म करने की एक योजना और कर लिया परमाणु के प्रोफेस्सर मामा का अपहरण और उकसाया परमाणु को आत्महत्या करने के लिए। और फिर..............?

Sunday, February 27, 2011

सागर सम्राट

पाताललोक का तानाशाह सागर सम्राट सूगा जिसकी थी इच्छा मतस्यलोक की खूबसूरत राजकुमारी तरंगिनी को अपनी मल्लिका बनाने की इसके लिए जब उसने तरंगिनी को पकड़ने के लिए अपने सेवकों को भेजा तो तरंगिनी की रक्षा की महान योद्धा शुक्राल ने। मतस्यलोक के राजा कालिंजर ने शुक्राल को बना दिया तरंगिनी का अंगरक्षक। सागर सम्राट सूगा ने जब शुक्राल का पता लगवाया तो उसे पता चला की शुक्राल तो उसी के राज्य के सैनिकों को प्रशिक्षण देने वाले उसके ही एक सेवक श्रीकाल का बेटा है। तब सूगा ने शुक्राल के पिता को ही भेजा शुक्राल को रोकने के लिए। और फिर...........?

Saturday, February 26, 2011

बांकेलाल और शैतान जी

कंकड़बाबा के शाप के कारण विभिन्न योनियों में भटकने के बाद वापस पृथ्वी पर तो पहुँच गए बांकेलाल और विक्रमसिंह परन्तु विशालगढ़ से थे अभी कोसो दूर इसलिए विशालगढ़ की तलाश में भटक रहे थे इधर से उधर। विशालगढ़ की तलाश में भटकते हुए वे जा पहुंचे बित्ते बौनों के देश में। बित्ते बौनों के पास थी एक अद्भुत शक्ति हिलू-हिलू जिसकी वजह से कोई भी नहीं पहुंचा सकता था उनको हानि। इस हिलू-हिलू शक्ति को पाना चाहता था शैतान जी जिसके लिए उसने कर दिया बित्ते बौनों के देश पर हमला परन्तु उससे पहले ही हिलू-हिलू चुरा लिया खुराफाती बांकेलाल ने। और फिर.............?

Friday, February 25, 2011

फिर आया नागदंत

जर्मनी जहाँ इन दिनों छाया हुआ था इच्छाधारी सांप हत्यारों का आतंक जो रूप बदलकर लोगों के सामने आते और सांप रूप में उनको डस लेते। यह आतंक मचा रहा था बर्लिन का ग्रेट गनमास्टर हुड। इधर विश्व आतंकवाद का दुश्मन नागराज भी आ पहुंचा था बर्लिन हुड का अंत करने और उसकी मुलाकात हुयी हुड के बेटी सिल्विया से जो खुद भी अपने पिता हुड के जुर्मों के खिलाफ थी। दोनों चल पड़े हुड और उसके इच्छाधारी साँपों का अंत करते हुए वहां, जहाँ नागराज का सामना हुआ उसके पुराने जानी दुश्मन उसकी जैसी ही शक्तियों वाले नागदंत से। और फिर................?

Thursday, February 24, 2011

ये है डोगा

डाकू हलकान सिंह जिसने पुलिस से बचने के लिए कूड़े के ढेर पर पड़े एक बच्चे को अपनी ढाल बनाया और ले आया अपने दल में परन्तु वहां उस लड़के को खाने को मिलती गलियां और लात। कुत्ते का बच्चा नाम रखा हलकान सिंह ने उसका जुर्म और दरिंदगी देखते हुए बड़ा हुआ वो तब हलकान सिंह के अड्डे पर अपहरण कर लायी गयी की एक मासूम लड़की सोनिका जिसकी मासूमियत देख उस लड़के ने हलकान सिंह से बगावत कर छुड़ा ले भागा उस लड़की सोनू को। परन्तु खुनी नदी बहा ले गयी सोनिका को न जाने कहाँ। वो लड़का सूरज हलकान सिंह से बदले की भावना लिए जा पहुंचा महानगर मुंबई जहाँ उसे प्राप्त करनी की ताकत और उसके लिए उसने सहारा लिया लॉयन जिम के गुरु अदरक चाचा का। जिन्होंने न सिर्फ सूरज को दी ताकत बल्कि अपने दुसरे भाइयों से उसको दिलवाई कराटे, बॉक्सिंग और निशानेबाजी की ट्रेनिंग। और तब वो बन बैठा डोगा। और फिर..............?

Wednesday, February 23, 2011

भयानक

अपने बीमार बच्चे की कार देखने की इच्छा पर अपने मालिक से बिना पूछे उनकी कार ले जाने की गुस्ताखी कर बैठा ड्राइवर बिहार। बिहारी की इस छोटी सी गलती पर उसके मालिक सेठ शोला प्रसाद ने उसे धक्के देकर नौकरी से निकाल दिया। इधर बीमारी से दम तोड़ बैठा बिहारी का बच्चा इसी गम में चल बसी बिहारी की पत्नी भी। इन सब का जिम्मेदार सेठ शोला प्रसाद को मान बैठा ड्राईवर बिहार और उससे बदला लेने की ठान टोने-टोटके का सहारा ले उसने रच दिया भयानक। उसके बाद सेठ शोला प्रसाद की हवेली में मंडराने लगे खौफ के बादल। और फिर..........?

Tuesday, February 22, 2011

सोने की मूर्ती

जादूगर त्रिकाल जो पांच वर्षों से नरबली दे कर रहा था तांत्रिक अनुष्ठान ताकि उसको पता चल सके उस व्यक्ति का जो उसके लिए पाताललोक जाकर वहां से देवी भैरवी की सोने की मूर्ती ला सके। अनुष्ठान पूरा होने पर उसे पता चला की ये काम कर सकता है केवल सिंह देश के नूरपुर गाँव में रहने वाला गरीब लकडहारा लड़का विक्रम। विक्रम से अपना मकसद पूरा करवाने के लिए त्रिकाल ने उसकी मां को बनाया निशाना और सांप के रूप में उसे डस लिया और रूप बदलकर विक्रम को बताया अपनी मान को बचाने का उपाय वही सोने के मूर्ती। और तब विक्रम निकल पड़ा सोने की मूर्ती प्राप्त करने। और फिर...........?

Monday, February 21, 2011

दरिन्दों की बस्ती

मसानपुर जहाँ बसते थे दरिन्दे, उन दरिंदों के आतंक से अपने राज्य चोल नगरी को बचाने के लिए अपनी अमोध शक्ति से मसानपुर में कहर ढा दिया था राजा प्रकाण्ड  चोल ने। उस कहर के कारन 200 वर्षों तक खंडहर बना रहा मसानपुर वहां के दरिंदों की लाशें वैसे की वैसे ही पड़ी थी और इन 200 वर्षों में मसानपुर राजा टकला मसान ने की घोर तपस्या जिससे प्रसन्न हो इष्ट देव ने उसको दी अमोध शक्ति से भी बड़ी मौतांक जिसकी कोई काट नहीं थी तीनों लोकों में। अब उस मौतांक शक्ति को ले 200 वर्ष पूर्व हुयी तबाही का बदला लेने टकला मसान चल पड़ा चोल नगरी जहाँ के वर्तमान राजा प्रकाण्ड चोल के पोते विजेंद्र चोल ने उसको रोकने की की कोशिश परन्तु रहा नाकाम। तब उसने मदद के लिए पुकारा तिलिस्मदेव को। और फिर.............?

Sunday, February 20, 2011

बारूद

सुपर हीरो परमाणु से मिलने और उसको परमाणु शील्ड का पुरस्कार देने के लिए लगा हुआ था स्कूली बच्चों का जमघट। परमाणु के वहां पहुँचने पर अचानक एक बच्चा बन बैठा चलता-फिरता बारूद जिसके फटने से हो गयी कई बच्चों की मौत। इंस्पेक्टर विनय भी पता नहीं लगा पाया इस घटना का कारण। शहर में तब होने लगे बारूद बने बच्चों के मौत का खेल इन सब के पीछे था बारूद का हाथ। अब परमाणु का था एक ही मकसद बारूद को नेस्तोनाबूद कर देना। और फिर.............?

Saturday, February 19, 2011

गोजो

पशु राक्षसों के बस्ती खूंखारा जहाँ हमला किया वज्रा राज्य के राक्षसराज वज्र ने जिससे बचने के लिए खूंखारा सम्राट खूंखार ने देवता मुंकार से प्राप्त की प्रलयंकारी शक्ति शक्तोली जिसके दम पर उसने न सिर्फ वज्र को हराया बल्कि निकल पड़ा पृथ्वी का विजेता बनने के लिए। इधर पृथ्वी पर छाया हुआ था आतंक मकोड़ा राक्षसों का जिससे बचने के लिए महर्षि तप्तमुखी ने पृथ्वी के समस्त राजाओं की मदद से करवाया अग्नि मंथन जिसमे से निकली सात शक्तियां किसी भी अस्त्र-शस्त्र का असर न होने वाले संहारक, विचित्र मुखोटे की शक्तियों वाला गुरुघंटाल, बिजली की शक्तियों वाली बिजलिका, प्रलयंकारी तीसरी आँख की शक्ति वाला तीसरी आँख, बाज की शक्तियों वाला शाकाल, द्वन्द का महारथी जूडोका, खतरनाक जंगली बिल्ला बिल्लोरा और इन सब शक्तियों को धारण करने वाला अग्निलोक का राजकुमार गोजो। और फिर..............?

Friday, February 18, 2011

पागल कातिलों की टोली

राजनगर में अपराधियों को धंधा चलने के लिए ब्याज पर पैसे देने का काम चला रहा था रहस्यमय फाईनेंसर, और जो कोई भी उसका पैसा वापिस नहीं कर पता उसको मरवा डालता अपने भेजे हुए पागल कातिलों द्वारा। सुपर कमांडो ध्रुव ने उन पागल कातिलों को रोका परन्तु उनको पागलखाने पहुँचाने से ज्यादा कुछ नहीं कर पाया। इधर फाईनेंसर भी ध्रुव के बार-बार टांग अड़ाने से तंग आ उसको भी अपनी पागल कातिलों की टोली में शामिल करने की बनाने लगा योजना। और फिर...........?

Thursday, February 17, 2011

तिलिस्म का कैदी

मधुबनी का राजा जहिल सिंह जिसका था सपना चांदनीपुर और शक्तिनगर राज्यों पर कब्ज़ा करना परन्तु कई हमले के बाद भी वो अपने इस मकसद में नहीं हो पाया कामयाब। तभी जाहिल सिंह के हाथ लग गया घायल अवस्था में एक भयंकर राक्षस अंगोरा। अपना मकसद पूरा करने के लिए उसने चली एक चाल और अंगोरा की मदद से उसने अपहरण करवा लिया चांदनीपुर की राजकुमारी रश्मि को परन्तु अंगोरा को ख़त्म कर उससे रश्मि को छीन ले गया उसका दुष्ट भाई घनघोरा और लेजाकर कैद कर दिया उसे विचित्र तिलिस्म मोहिनीकला में। रश्मि को छुड़ाने के लिए निकला शक्तिनगर का राजकुमार और रश्मि का मंगेतर अंकित मोहन परन्तु वो भी बन बैठा उस तिलिस्म का कैदी। अब दोनों को छुड़ाने का संकल्प लिए रश्मि का भाई राजकुमार कुलदीप पहुँच गया तिलिस्म को तोड़ने। और फिर..............?

Wednesday, February 16, 2011

दहशत

नीलगिरी का जंगल जहाँ चर्चा का विषय बना हुआ था एक ग्रीन टाईगर जिसकी फोटो खींचकर लाने वाले को मिलना था पचास हज़ार रुपयों का इनाम। इस इनाम के लालच में दो टूरिस्ट जैक और टिम्मी जा पहुंचे घने जंगल के अन्दर जहाँ उनका सामना हुआ ग्रीन टाईगर से पर उन्होंने कर दिया उस ग्रीन टाईगर पर हमला। ग्रीन टाईगर ने भी जवाबी हमले में मार गिराया टिम्मी को ये देख जैक ने ख़त्म कर दिया ग्रीन टाईगर को और जैक हो गया लापता। उसके बाद नीलगिरी के पास के शहर नाग पेरुगटुर में छाने लगी ग्रीन टाईगर की दहशत जब आये दिन एक ग्रीन टाईगर चीतों के झुण्ड के साथ करने लगा शहर पर हमला। और फिर................?

Tuesday, February 15, 2011

शुक्राल

सेंट्रल जेल की कैद से भाग निकला एक खतरनाक अपराधी शुक्राल जिसको पुलिस से बचा कर निकाल लाये प्रोफ़ेसर राणा जिसने शुक्राल को बताया उसी के पिछले जनम का रहस्य जहाँ वह था स्मारिया देश का एक योद्धा और उसने अकेले ही यूनान के विश्व विजेता सिकंदर की पूरी फ़ौज के अकेले ही छक्के छुड़ा दिए थे यहाँ तक की खुद सिकंदर महान ने भी उसके आगे घुटने टेक दिए वही शुक्राल इस जनम में बन बैठा था खूनी। और फिर............?

Monday, February 14, 2011

नरभक्षी लुटेरा

कंकड़बाबा के शाप के कारण विभिन्न योनियों से होते हुए बांकेलाल और विक्रम सिंह इस बार आ पहुंचे गजलोक जहाँ छाया हुआ था मच्छर दानवों का आतंक जिनके काटने पर होती थी बीमारी मलोरा ज्वर और उस ज्वर से बचने का एकमात्र इलाज तुनैन औषधि। बांकेलाल की शैतानी की वजह से गजलोक को मुक्ति मिली मच्छर दानवों से फिर गजलोक से निकल कर दोनों वापस आ पहुंचे पृथ्वी पर जहाँ पहुँचते ही बांकेलाल और विक्रमसिंह का सामना हुआ खतरनाक नरभक्षी लुटेरों से। और फिर................?

Sunday, February 13, 2011

कर्फ्यू

सालों  पहले चम्बल की घाटी में आतंक मचाने वाला डाकू हलकान सिंह पुलिस से जान बचाते हुए जिसको मिला कूड़े के ढेर पर पड़ा एक नवजात बच्चा जिसको अपनी जान बचाने के लिए ढाल बनाया उसने। वही कुख्यात डाकू हलकान सिंह जो आज जाना माना मंत्री हलकट सिंह बन चूका था उसको मिली धमकी की ठीक 2 बजे उसको मौत के घाट उतार दिया जायेगा। इस धमकी के बाद पूरे शहर पर लगा दिया गया कर्फ्यू और उस कर्फ्यू के बीच हलकट सिंह को मौत देने आ पहुंचा कुत्ते का मास्क पहने एक रहस्यमय इंसान 'डोगा '। और फिर.............?

Saturday, February 12, 2011

तिलिस्म की राजकुमारी

सुजानगढ़ का राजमहल जहाँ मनाया जा रहा था राजा वीरेंदर सिंह के जुड़वाँ पुत्रों इंदल और संदल का सोलहवां जन्मदिन वहां पधारे महर्षि जलालानाथ अपने साथ ले जाने के लिए दोनों राजकुमारों को आतुरकर का तिलिस्म तोड़ने। वो तिलिस्म जो सुजानगढ़ के हर युवराज को उसके सोलह साल का होने पर तोड़ कर दिव्यास्त्र प्राप्त करने के लिए आवश्यक होता था। अपने पूर्वजों के रिवाज का मान रखने के लिए दोनों युवराज निकल पड़े खतरों से भरे तिलिस्म को तोड़कर दिव्यास्त्र प्राप्त करने। और फिर.............?

Friday, February 11, 2011

प्रलयंकारी अश्वराज

अश्वलोक के सूर्यवंशी राजा तारपीडो का पुत्र अश्वराज और चंद्रवंशी राजा अश्वातंक की पुत्री अश्वकीर्ति के प्रेम को हथियार बनाकर कारूं का खज़ाना प्राप्त करने की योजना बनायी शैतान तूताबूता ने जिसमे फंसकर रह गए अश्वराज, अश्वकीर्ति, तारपीडो और अश्वातंक। अश्वराज और अश्वकीर्ति को गंवानी पड़ी अपनी जान परन्तु अश्वराज ने पुनर्जन्म लेकर पूर्व जनम की प्रेयसी जिसने जन्म लिया था कुदुमछुम्बी के रूप में उसको जीता रथ मैराथन में परन्तु एक बार फिर अश्वराज खड़ा था तूताबूता के षड्यंत्रों के जाल में फंस कर कारूं के खजाने के पास। और फिर..............?

Thursday, February 10, 2011

लाश के कैदी

मनाली घुमने के लिए निकला यात्रियों का एक दल परन्तु मनाली के पहाड़ी इलाके में रात के अँधेरे में उनकी बस को रुक जाना पड़ा रास्ता ख़राब हो जाने के कारण। रात बिताने के लिए उन्हें दिखाई दिया एक डाक बंगला। सभी यात्री जा पहुंचे उस डाक बंगले पर जहाँ उनको मिली एक लाश। लाश देखकर भयभीत यात्रियों ने निकलने की कोशिश की उस डाक बंगले से परन्तु वहां से निकलने के सभी रास्ते हो चुके थे बंद। अचानक वो लाश उठ कड़ी हुयी और टूट पड़ी उन यात्रियों पर मौत बनकर। उस लाश ने बना लिया था कैदी उन सभी यात्रियों को। और फिर................?

Wednesday, February 9, 2011

स्ट्रीटगैंग

शहर में उत्पात मचाते हुए सक्रीय हो गए थे स्ट्रीटगैंग जो चोरी, डकैती, स्मगलिंग करने वाले आपराधियों पर हमला कर उनका ही माल उड़ा ले जाते। इन स्ट्रीटगैंग के लोगों के रोकने में नाकामयाब रहे बड़े से बड़े अपराधी और पुलिस भी। स्ट्रीटगैंग का सामना हुआ वंडरमैन परमाणु के साथ परन्तु ये स्ट्रीटगैंग परमाणु को भी गच्चा दे निकलने में हो गए सफल। तब इन स्ट्रीटगैंग को पकड़ने के लिए परमाणु ने चली एक अनोखी चाल। और फिर..............?

Tuesday, February 8, 2011

पिरामिडो की रानी

पूरी दुनिया में बच्चों के बीच मची थी धूम नयी आई डबलरोटी 'जेप्सी' की जिसको पाने के लिए दीवाने हुए जा रहे थे दुनिया भर के बच्चे साथ ही बच्चों में जन्म ले रही थी आत्महत्या की प्रवत्ति, सभी बच्चे अपने आपको ख़त्म करने के लिए हो रहे थे उत्सुक। बच्चों के आत्महत्या करने के कारण बैचेन था विश्व आतंकवाद का दुश्मन नागराज। इस कारण का रहस्य जानने नागराज जा पहुंचा यूरोप जेप्सी ब्रेड की निर्माता सर डॉन की तलाश में परन्तु वो जा चूका था मिस्र, पिरामिडो की रानी आँखेसमान के पास जो करवा रही थी बच्चों से आत्महत्याएँ ताकि उनकी आत्माओं से पुनः जीवित कर सके अपने पति तूतेन खामेन को परन्तु उनको रोकने वहां आ पहुंचा नागराज। और फिर.................?

Monday, February 7, 2011

शूतान की शादी

विकासनगर में हो रही थी बच्चों की चोरियां जिसे कर रही थी बला की खूबसूरत लड़की वेणु। वेणु पर मोहित हो उठा सम्मोहन सम्राट शूतान परन्तु इससे पहले की वह वेणु को पकड़ पाता उसको गायब कर ले गया जादूगर भाडझोंक जिसके लिए वेणु चुराती थी बच्चे। दुखांत ग्रह का जादूगर भाडझोंक जो उन बच्चों के रक्त से निर्माण कर रहा था शैतान रक्तासुर का। वेणु का भेद खुलने के बाद उसने वेणु और अपने खूंखार साथियों को भेजा और बच्चे चुराने विकासनगर। जहाँ उनसे टक्कर लेने को तैयार थे भोकाल, तुरीन और शूतान। और फिर.............?

Sunday, February 6, 2011

महाबली कोला

विदिशा की राजकुमारी चीला जिसकी थी जिद की वो करेगी संसार के सबसे शक्तिशाली पुरुष से। अनेक बलशाली योद्धा आये राजकुमारी से शादी की इच्छा लिया परन्तु राजकुमारी की बल परीक्षा में नहीं हो सका कोई भी सफल। तब बल परीक्षा देने आया एक दानव महाबली कोला जिसने राजकुमारी की बल परीक्षा में प्राप्त की सफलता। माता-पिता के विरोध के बावजूद एक दानव से शादी के लिए तैयार हो गयी राजकुमारी चीला और उसके साथ भाग निकली। परन्तु तब हुआ उसको अपनी गलती का एहसास क्योंकि महाबली कोला की निर्दयता और मानव भक्षी आदत को देख राजकुमारी चीला को हो गयी महाबली कोला से घृणा। परन्तु अब महाबली कोला के चंगुल से उसका निकलना था मुश्किल। और फिर.............?

Saturday, February 5, 2011

काली आंधी

तांत्रिक कलमुण्डी जो कर रहा था एक विचित्र तंत्र क्रिया जिससे उसने बनायी काली आंधी। उस काली आंधी को वो दुष्ट तांत्रिक प्रतिदिन भेज देता सौरभ नगर में पांच घरों को तबाह करने के लिए। काली आंधी के प्रकोप से बचने के लिए सौरभ नगर वासियों ने लगायी राजा सौरभ सिंह से गुहार। राजा सौरभ सिंह इस समस्या के समाधान के लिए पहुंचे कुलगुरु शिष्टाचार्य के पास जिन्होंने उसे बताया की वो तांत्रिक कलमुण्डी और कोई नहीं उसी जादूगर कंटीला का बेटा है जिसने बरसों पहले राज्य पर अधिकार करने के लिए हमला किया था और सौरभ सिंह ने ही उसका अंत किया था। अब कलमुण्डी लेना चाहता था उसी का  बदला तब कुलगुरु शिष्टाचार्य ने बनायी कलमुण्डी और काली आंधी से निबटने की योजना। और फिर...............?

Friday, February 4, 2011

आदमखोर रात

अंडमान निकोबार द्वीप समूह के जंगलों में रहने वाला खूंखार जंगली बूका कबीला जिसके बारे में प्रसिद्ध था की कबीले में हर पूर्णिमा को होने वाले जश्न की रात को जो व्यक्ति दे लेता वो अगले दिन की सुबह नहीं देख पाता। बुका कबीले के लोग जानते थे सोना बनाने की विधि। इस खतरनाक जगह पर उस आदमखोर रात को देखने का इरादा लिए चल पड़ा गायकों का एक दल। सोना बनाने की विधि का राज़ जानने के लिए ही बूका कबीले की तरफ निकल पड़े थे गैरी एंड पार्टी। पूर्णिमा की वो आदमखोर रात जब जश्न शुरू हुआ बूका काबिले पर जा पहुंचे दोनों दल। और फिर.............?

Thursday, February 3, 2011

वीडियो विलेन

राजनगर में इन दिनों छाया हुआ था आतंक। किसी भी राह चलते आदमी पर कर देते थे कुछ नकाबपोश गुंडे हमला और उस हमले की की जाती थी बाकायदा शूटिंग। जिसे वो अपराधी दिखाते थे केबल टीवी पर। इन वीडियो विलेन की राह का रोड़ा बन गया सुपर कमांडो ध्रुव। और जब वे अपराधी ध्रुव को नहीं हटा अपने रास्ते से तो उन्होंने बनायीं योजना ध्रुव की मौत को शूट करने की और इसके लिए उन्होंने कर लिया ध्रुव की दोस्त चंडिका का अपहरण। और उसके एवज में ध्रुव को मजबूर किया लड़ने के लिए। और फिर................?

Wednesday, February 2, 2011

बांकेलाल और आदमखोर अंगुली

कंकड़बाबा का शाप झेल रहे बांकेलाल और विक्रमसिंह कई योनियों से होते हुए इस बार आ पहुंचे गिरगिट लोक। जहाँ पहुँचने से पहले ही एक गिरगिट खा गया तोता बने विक्रमसिंह को। इधर बांकेलाल जा पहुंचा गिरगिट बस्ती जहाँ चलता था गुर्राज दादा की दादागिरी, गिरगिट लोक पर ही छाया हुआ था आतंक आदमखोर अँगुलियों का जो किसी भी गिरगिट को चट कर जाते। गिरगिट लोक के राजा  के पास थे एक अद्भुत अमरबूटी जिसको प्राप्त करने के चक्कर में था गुर्राज दादा परन्तु बांकेलाल भी लगाने लगा तिकड़म उस अमरबूटी को प्राप्त करने की जिसे प्राप्त किया जा सकता था केवल अमावस्या की रात। इधर अमावस्या की ही रात आदमखोर अंगुलियाँ भी बना रहे थे गिरगिट लोक पर हमले की योजना। और फिर...........?

Tuesday, February 1, 2011

फिर आया अश्वराज

अश्वलोक के सूर्यवंशियों और चंद्रवंशियों की दुश्मनी में पिसे सूर्यवंशी राजकुमार अश्वराज और चंद्रवंशी राजकुमारी अश्वकीर्ति जा पहुंचे कारूं के तिलिस्म के अन्दर जहाँ अश्वराज को पता चला कि ये सब थी एक चाल कारूं के खजाने तक पहुँचने की। अश्वराज अकेला ही भिड़ गया चंद्रवंशी सेना से जिसमे मिली उसे मौत परन्तु एक बार फिर उस अश्वराज ने जन्म लिया और रथ मैराथन का विजेता बन दुश्मनों की चाल का शिकार हो फिर से जा पहुंचा कारूं की घाटी जहाँ उसका रास्ता रोकने में लगे थे महर्षि फूंकमसान अपने 12 दिव्य शिष्यों के साथ। और फिर...............?