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Friday, April 30, 2010

दयालु लकडहारा

भीमपुर गाँव का एक गरीब लकडहारा शिव जो बहुत दयालु था और हर किसी की चाहे हो इंसान हो या जानवर सबकी मदद करता था। एक बार उसको मिल गया एक अनमोल लाल पत्थर उस पत्थर को बेचकर उसने सोची पैसा कमाने की और वैसे ही और लाल पत्थरों की तलाश में जा पहुंचा सुर्यपुर की राजकुमारी लालमणि के पास जिसको एक राक्षस ने कैद कर रखा था और अपने जादू से उसका सर काटकर पेड़ पर लटका रखा था। शिव करता है निर्णय उस राजकुमारी को छुड़ाने का। और फिर...........?

Thursday, April 29, 2010

शेरनी का बलिदान

कौशलपुर के राजा चंद्रवीर जो एक आदमखोर शेर को मारने के लिए जंगल में गए जहाँ एक शेरनी ने उसको अपने शावक का हत्यारा समझ मार दिया। तब एक सन्यासी ने मरणासन्न हालत में पड़े राजा चंद्रवीर कोवरदान दिया की इस शेरनी का बच्चा महारानी प्रियंका की कोख से जन्म लेगा। उधर राजा के बिना कौशलपुर पर कब्ज़ा कर लिया सेनापति वीर सिंह ने और महारानी प्रियंका की कोख से पैदा होने वाले बच्चे को मारने का आदेश दिया जिसे बचा लिया उसे शेरनी ने और उसको अपने बच्चे की तरह पाल-पोस कर बड़ा किया। और फिर..............?

Wednesday, April 28, 2010

इंसाफ की लाठी

बैरिस्टर विश्वनाथ जो इंग्लैण्ड से वकालत पढ़कर लौटे थे अपने पिता प्रतापनाथ को अपराधियों और कातिलों के पक्ष में केस लड़ता देखा यह बात उनको इतनी नागवार गुजरी की बैरिस्टर विश्वनाथ अदालत में अपने पिता के खिलाफ ही केस लड़ने को तैयार हो गए। अब एक तरफ थे अपना पहला केस लड़ रहे बैरिस्टर विश्वनाथ जिसके मुवक्किल के खिलाफ थे कई सबूत और दूसरी तरफ उसके पिता नामी वकील प्रतापनाथ। और फिर............?

Tuesday, April 27, 2010

बैरिस्टर विश्वनाथ

इंग्लैण्ड से वकालत पढ़कर लौटा बैरिस्टर विश्वनाथ जिसके पिता प्रतापनाथ खुद भी थे एक सरकारी वकील परन्तु उसकी पिता पैसों के लिए किसी भी अपराधी को अदालत से बचा लेते और उस अपराध में दुसरे को फंसा देते। बैरिस्टर विश्वनाथ को अपने पिता की यह बात अच्छी नहीं लगी। तभी उसके पिता प्रतापनाथ के पास आया एक केस जिसमे एक व्यक्ति अपने बेटे को बचाना चाहता था जिसने एक औरत का खून कर दिया था। प्रतापनाथ ने उसको बचाकर औरत के पति रामसिंह को हत्या के जुर्म में फंसा दिया यह देख बैरिस्टर विश्वनाथ अपने पिता के खिलाफ खड़ा हो गया और आरोपी राम सिंह का वकील बन गया। और फिर.........?

Monday, April 26, 2010

मौत का ऑलम्पिक

राजनगर में शुरू हुआ विदेशी अपराधियों की प्रतियोगिता। जिसमे ये विदेशी आतंकवादी अंजाम दे रहे थे बेहद अजीबोगरीब और बचकाने अपराध। जिसको रोकने का ज़िम्मा उठाया सुपर कमांडो ध्रुव ने। और उन विदेशी आतंकवादियों का पीछा करते हुए जा पहुंचा उनके अड्डे तक जो बना हुआ था समुन्द्र की गहराइयों में। और फिर......................?

Sunday, April 25, 2010

असफल अभियान

वैज्ञानिक बलराम ने लोहे से एटम बम बनाने का फार्मूला तैयार किया परन्तु उस फार्मूले को एक अपराधी चुरा ले गया। जासूस विजय उस उस फार्मूले को वापिस लाकर जब वैज्ञानिक बलराम को सौंपा तो पता चला की जिसको उसने फार्मूला सौंपा हैं वह भी एक अपराधी शम्भुदास है जिसने बलराम को मरकर उसकी जगह ले ली थी। शम्भुदास उस फार्मूले को लेकर भाग निकला सिंगापुर और विजय एक बार फिर चल दिया उस फार्मूले को वापिस हासिल करने। और फिर.............?

Saturday, April 24, 2010

बच्चों के दुश्मन

विश्वविख्यात आतंकवादी जैबरा ने दिल्ली में मचाया हंगामा और उसके निशाने पर आये मासूम बच्चे और जैबरा के पीछे लग गया नागराज। नागराज की मुलाकात हुई टोनी से जिसने उसे बताया की जैबरा तक पहुँचने के लिए पहले पकड़ना होगा चीता को जो दिल्ली की जेल में बंद है। नागराज ने चीता को जेल से छुड़ाया और चल पड़ा बच्चों के दुश्मन जैबरा से टक्कर लेने। और फिर................................?

Friday, April 23, 2010

टापू की तबाही

भारत के एक मशहूर वैज्ञानिक बलराम ने किया एक अविष्कार लोहे से एटोमिक पॉवर बनाने का परन्तु दुर्भाग्यवश वह अविष्कार चुरा लिया एक अंतर्राष्ट्रीय अपराधी ने जो रहता था मांगरु द्वीप पर। अविष्कार को वापस लाने का केस वैज्ञानिक बलराम ने सौंपा प्राइवेट जासूस विजय को। यह खबर अपराधियों कोलगते ही वह पड़ गए विजय की जान के पीछे। और विजय भी जा पहुंचा मांगरु द्वीप उस टापू को तबाह करके अविष्कार वापिस हासिल करने। और फिर..........?

Thursday, April 22, 2010

साधू का श्राप

शक्तिनगर के राजा कुशलसेन की पहली पत्नी एक कुबड़े राजकुमार को जन्म देकर चल बसी। राजा कुशलसेन पर मोहित हो जादूगर मंडिका की पुत्री चंडिका ने कर लिया उससे विवाह और अपनी सौतेली माँ के अत्याचार से तंग आकर कुबड़े राजकुमार अभय ने छोड़ दिया महल और जा पहुंचा एक महात्मा के शरण में जिन्होंने उसे बताया उसकी बदसूरती ठीक करने का उपाय सदाचार वृक्ष का फल। इधर एक साधू के श्राप से रानी चंडिका का पुत्र उदय भी बन गया राक्षस उसको ठीक करने का भी उपाय था वही फल। तब रानी चंडिका ने अपने पिता जादूगर मंडिका की मदद से बनायीं योजना राजकुमार अभय से फल छीनने की। और फिर...........?

Wednesday, April 21, 2010

खुनी मूर्ति का रहस्य

चंद्रनगर की पहाड़ियों पर बना एक प्राचीन महल जो वैसे तो खंडहर बन चुका था पर महल का एक रहस्यमय कक्ष बिलकुल नया सा था उस कक्ष में बनी हुयी थी एक लड़की की मूर्ति। वह मूर्ति किसी भी दुष्ट प्रवति के इंसान को देखकर जीवित हो उठती और कर देती उसकी हत्या। ऐसे ही कॉलेज के एक दुष्ट लड़के गुलशन की उस खूनी मूर्ति ने कर दी हत्या और उस हत्या के इलज़ाम में फंस गया उसका सहपाठी सुनील। और फिर..........?

Tuesday, April 20, 2010

कुबड़ा राजकुमार

शक्तिनगर के राजा कुशलसेन की पत्नी सुनैना एक बदसूरत और कुबड़े लड़के को जन्म देकर चल बसी। राजा कुशलसेन उसी कुबड़े राजकुमार अभय को पलने लगा। इधर राजा कुशलसेन पर मोहित हो गयीजादूगर मंडिका की पुत्री चंडिका और धोखे से कर लिया उससे विवाह। राजमहल आकर वह कुबड़े राजकुमार को लेकर लड़ने लगी कुशलसेन से। ये देख राजकुमार अभय महल छोड़कर निकल गया। उधर एक साधू के श्राप से रानी चंडिका का पुत्र उदय बन गया एक राक्षस। और फिर.............?

Monday, April 19, 2010

नागिन का बदला

अवंतिकापुर का राजा दुर्जन सिंह जो अपने नाम के अनुरूप ही क्रूर और अत्याचारी था अपने घमंड में आकर एक सन्यासी की तपस्या भंग करने के लिए एक नाग और उसके बच्चों को मारकर सन्यासी के ऊपर डाल दिया जिससे क्रोधित होकर सन्यासी ने दिया उसे शाप की एक नागिन के द्वारा ही होगी उसकी मृत्यु। और फिर उस नाग की नागिन राजा दुर्जन सिंह से बदला लेने निकल पड़ी और राजा भी नागिन से बचने के लिए करने लगा प्रयास। और फिर...........?

Sunday, April 18, 2010

ख्यालीराम की हसीन सपने

कुंदनपुर गाँव का ख्यालीराम सीधा-सादा और नेक इंसान परन्तु उसकी थी एक बुरी आदत की बैठे-बैठे सो जाता और अपने ही ख्यालों में खो जाता। उसकी इस आदत से उसकी पत्नी चमेली हरदम रहती परेशान। इस बार ख्यालों में खोये-खोये उसको मिल गयी एक जादुई अंगूठी और उसकी मदद से वह बन गया राजकुमार। और फिर.............?

Saturday, April 17, 2010

दौलत का कफ़न

फिल्म शूटिंग का ड्रामा कर लुटेरों ने लूट ली मेहरा भाई ज्वेलर्स की दूकान और लूट की रकम आपस में बांटकर हो गए फरार। परन्तु दौलत पाने के बाद भी नहीं बच पाया उनमे से कोई और एक-एक कर जाने लगे सभी लुटेरे मौत के मुंह में। उनकी लूटी हुयी दौलत ही बन गयी उनका कफ़न। और फिर..........?

Friday, April 16, 2010

विचित्र चिड़िया

सेठ धनगुप्त के बाग़ में था एक अद्भुत सुनहरी आमो का पेड़। जिसमे लगे आम रहस्यमय ढंग से होने लगे गायब। सेठ धनगुप्त के पुत्र सरयू ने ढूंढ़ निकाला आम चुराने वाले चोर को जो थी एक अनोखी सुनाहरी चिड़िया। सेठ धनगुप्त उस विचित्र चिड़िया को पाने के लिए हो गए उतावले तो सरयू निकल पड़ा उस चिड़िया की तलाश में जहाँ राह में उसको मिल गया एक विचित्र राक्षस। और फिर.......?

Thursday, April 15, 2010

जादूगरनी के जूते

गरीब गंगाराम जो अपना व अपने परिवार का पेट बहुत मुश्किल से पाल पाता था। उसने व उसकी पत्नी सुमित्रा ने गरीबी से तंग आकर अपने दोनों बच्चों अजय और चंपा को घने जंगलो में छोड़ आये। जंगल में भटकते हुए दोनों जा पहुंचे एक बूढी राक्षसी जादूगरनी की गुफा में जहाँ पहले से ही कैद था चंदनगढ़ का राजकुमार संजय सिंह जो अपनी बहन और उसको उठा ले जाने वाले राक्षस धुम्रपान की तलाश में था। फिर तीनो मिलकर उस जादूगरनी से बचने का करने लगे उपाय। और फिर..........?

Wednesday, April 14, 2010

समुद्र की शहजादी

शहर में हमला किया एक विचित्र विद्युत मानव ने और करने लगा शहर के बैंकों में लूटपाट। पुलिस भी उस विद्युत की शक्तियों वाले अपराधी को रोकने में रही नाकाम। तब उसको रोकने का ज़िम्मा उठाया सुपर मानव गगन ने और उस विद्युत मानव को ख़त्म कर जा पहुंचा उसको भेजने वाली समुद्र की शहजादी फिशक्वीन के अड्डे पर जो बसा था समुद्र की गहराइयों में। और फिर...........?

Tuesday, April 13, 2010

हत्या का रहस्य

अपने दोस्त की शादी से वापस बम्बई लौटते वक्त ख़राब मौसम की वजह से सीआईडी इंस्पेक्टर प्रधान को रुकना पड़ा एक गिरजाघर में जहाँ रात उसने अपने कमरे की खिड़की से एक दुसरे कमरे में देखा एक हत्या होते हुए। परन्तु सुबह वह दूसरा कमरा वहां से हो चुका था गायब। इधर गिरजाघर में हो गयी कई बहुमूल्य वस्तुओं की चोरी। अब इंस्पेक्टर प्रधान लग गया चोरी और उस रहस्यमय हत्या के रहस्य को सुलझाने। और फिर............?

Monday, April 12, 2010

भूतों का खज़ाना

छोटे और मोटे दो दोस्त। दोनों साथ रहते और हंसी-ख़ुशी रहते पर दोनों में थी एक आदत की दोनों को झूठ बर्दाश्त नहीं था। किसी को भी झूठ बोलता देखते तो उसके झूठ की पोल खोल देते। उनके इस सच बोलने की वजह से उनके कई दुश्मन बन चुके थे। अतः उनके दुश्मनों ने उनसे बदला लेने की ठानी और छोटे-मोटे को खजाने का लालच देकर भेज दिया भूतों के खंडहर में। और फिर............?

Sunday, April 11, 2010

कानी डायन

कानी डायन जिसको महर्षि गौतम ने उसकी दुष्टता के कारण एक मटके में कैद कर रखा था, कैद से आजाद हो गई अब उसको सबसे पहले पाना था महाचंडी से अमरता का वरदान इसके लिए कानी डायन ने महाचंडी को बलि देने के लिए कर लिया एक व्यापारी नारायणदत्त और उसके काफिले का अपहरण। कानी डायन के आजाद होने की खबर जब लगी महर्षि गौतम को तो कानी डायन से निपटने के लिए उन्हें चाहिए था एक बहादुर नौजवान जिसके लिए उन्होंने चुना नारायणदत्त के पुत्र सोमदत्त को और उसे अपनी तंत्र विद्या सिखाकर कानी डायन को सामना करने भेजा महर्षि गौतम ने। और फिर............?

Saturday, April 10, 2010

आलसी का मुकद्दर

कंचनपुर गाँव का आलसी लड़का रघु जिसको उसके आलस के कारण हर कोई ठग लेता था। पर रघु का मुकद्दर बड़ा तेज़ था क्योंकि उसकी बेवकूफी की कारण ही उसके हाथ लग जाती थी अनमोल चीज़ें। ऐसे ही काम की तलाश में निकले रघु के हाथ उसके मुकद्दर से लग गया एक अनोखा उल्लू, करामाती कुल्हाड़ी, जादुई तोता और एक बकरी। और फिर..............?

Friday, April 9, 2010

तहखाने का कैदी

बैंगलौर की एक प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसी चलाने वाली अनु कलकत्ता अपने अंकल के घर छुट्टियाँ बिताने आई तो उसे पता चला की उसके अंकल प्रो. कृष्णन के घर में हो रही थी कुछ रहस्यमय घटनाएँ। एक तहखाने में बंद कर रखा था प्रो. कृष्णन को उनकी पत्नी और बेटे ने क्योंकि एक दुर्घटना में अपना चेहरा ख़राब हो जाने की वजह से वो हो गए थे पागल। और फिर पागल प्रो. कृष्णन गायब हो गए तहखाने से और करने लगे हत्याएं। और फिर..........?

Thursday, April 8, 2010

आंसू बन गए मोती

जादूगरनी कुरुपनी जिसने कर लिया सोलह गुण संपन्न रानी रूपतारा का अपहरण क्योंकि उसकी बलि देकर जादूगरनी कुरुपनी पाना चाहती थी अमरता का वरदान। उसको रोकने के लिए निकल पड़े महर्षि राजश्री के दो बहादुर शिष्य उमेश और इंद्रेश खतरों से भरे सफ़र में। इन खतरों से भरे सफ़र में इंद्रेश डूब गया समुन्द्र में और उमेश रह गया अकेला। और फिर............?

Wednesday, April 7, 2010

मौत का चक्रव्यूह

राजा चित्रकसिंह के राजमहल पर हमला किया एक विचित्र पक्षी बनी जादूगरनी कुरुपनी ने और राजा चित्रकसिंह को बौना बनाकर कर लिया रानी रूपतारा का अपहरण। अपहरण कर ले जाते समय जादूगरनी कुरुपनी का सामना हुआ महर्षि राजश्री की शिष्यों उमेश और इंद्रेश से। जादूगरनी कुरुपनी उनको हराकर भाग निकली। तब अपने गुरु महर्षि राजश्री की आज्ञा लेकर दोनों निकल पड़े जादूगरनी को रोकने के लिए। और फिर..........?

Tuesday, April 6, 2010

स्वर्ग की तबाही

सुपर कमांडो ध्रुव, राजनगर में हुए भेड़िया-मानव के हमले के बाद उसके द्वारा छोड़े गए सुरागों के ज़रिये जा पहुंचा लक्षद्वीप के जंगलों में जहाँ नरसिंह नाम के पशु-मानव ने पशु-मानवों का दल बना रखा था। ध्रुव जा पहुंचा उनके किले तक पर पशु-मानवों द्वारा पकड़े जाने के बाद उसे कैद में डाल दिया गया। तब उसे उन पशु-मानवों की कैद छुड़ाने आई एक रहस्यमयी लड़की चंडिका। और फिर..............................?

Monday, April 5, 2010

शैतान वैज्ञानिक

सुपर मानव गगन का सामना हुआ एक अपराधी से जो कर रहा था मानव अंगो की स्मगलिंग। गगन ने उसको रोकना चाहा परन्तु वो भागने में कामयाब हो गया। फिर गगन लग गया पाता लगाने उस अपराधी का जो मानव अंगो का करता था व्यापार. पर उसके बाद गगन पर हमला किया एक अनोखे वनमानुष ने जोथा तेज़ दिमाग और लडाई की दांव-पेंचो में माहिर। और फिर.............?

Sunday, April 4, 2010

लकीर के फकीर

फलानाराम और ढींगडाराम दो बेचारे बेरोजगार मित्र, उनको पाता चलता है उसके पडौसी फटीचर सिंह फटेहाल के बारे में जिसको उसके किसी दूर के ताऊ की वसीयत के अनुसार उनकी लाखों की जायदाद उसके नाम कर दी थी। यह जान दोनों लकीर के फ़कीर फलानाराम-ढींगडाराम उसकी जायदाद पर ऐश करने उसके साथ हो लिए। और फिर..................?

Saturday, April 3, 2010

हड्डियों का सिंहासन

हड्डियों का राजा राक्षसराज प्रतापसिंह जिसके पास था एक अद्भुत हड्डियों का सिंहासन जिस पर कब्ज़ा करना चाहता था राक्षस क्रूरक परन्तु राक्षसराज की शक्ति से पार पाना उसके भी बस में नहीं था। तभी उसको पता चलता है राक्षसराज की बेटी का जो अपने पिता प्रतापसिंह को खोजती फिर रही थी। उसका पिता और कोई नहीं राक्षसराज ही था जो अपनी याददाश्त खो जाने की वजह से राक्षसराज बन चुका था। यह सुन क्रूरक ने बनायीं एक योजना राक्षसराज की बेटी के ज़रिये हड्डियों के सिंहासन पर कब्ज़ा करने की। और फिर.................?

Friday, April 2, 2010

आदमखोरों का स्वर्ग

राजनगर, जहाँ पर हमला हुआ एक अजीबोगरीब भेड़िया-मानव का, जिसको रोकने आ पंहुचा सुपर कमांडो ध्रुव। उस भेड़िया-मानव का राज़ जानने के लिए उसके द्वारा छोड़े गए सुरागों का पीछा करते हुए ध्रुव पहुँच गया लक्षद्वीप के जंगलों में जहाँ उसका सामना हुआ और भी खतरनाक पशु-मानवों से। मगर पशु-मानवों के सरदार नरसिंह द्वारा पकड़ा गया सुपर कमांडो ध्रुव। और फिर................................?

Thursday, April 1, 2010

महाकाल चक्र का चमत्कार

कंचनगढ़ का सेनापति रणवीर सिंह जिसने राजा शक्तिसिंह का राज्य हड़पने के लिए कर दिया उस पर हमला परन्तु नाकाम होकर उसको अपनी जान बचाकर भागना पड़ा और जा पहुंचा घने जंगलो में जहाँ उस पर हमला कर दिया के भयंकर राक्षस ने। राक्षस से उसकी जान बचायी के सन्यासी बाबा ने। रणवीर सिंह उस सन्यासी बाबा का शिष्य बन गया और उनसे सीखी परकाया विद्या और सन्यासी बाबा के ही शरीर पर कब्ज़ा करके कर लिया कंचनगढ़ पर हमला और सत्ता हथिया ली। और फिर.............?