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Thursday, September 30, 2010

खून के छींटे

पाटेकर, इन्दर, पल्लवी, कंचन और जोशी जिनको एडवेंचर से भरी ज़िन्दगी पसंद है। उनके हाथ लगी रोज़र और सुमी द्वारा लिखी किताब जिसमे ज़िक्र था अन्टेरिया के जंगलो और उसमे बसने वाले नरभक्षी जंगलियों और उनके नरभक्षी संगीत का। एडवेंचर के चाहने वाले पांचो दोस्त निकल पड़े अन्टेरिया के जंगलो में उसके रहस्यों का पता लगाने। जहाँ उनपर हमला किया एक जंगली ने परन्तु उन लोगों ने उस जंगली को मार गिराया। परन्तु मरते-मरते  भी वो जंगली उनके ऊपर फेंक गया खून के छींटे और फिर उन पांचो के साथ शुरू हो गयी मौत की आँखमिचौली। और फिर...........?

Wednesday, September 29, 2010

काबुकी का खज़ाना

विश्व आतंकवाद का दुश्मन नागराज आ पहुंचा अफ्रीका के तंजानिया के जंगल में जहाँ राज है जंगल के बेताज बादशाह थोडांगा का और थोडांगा को तलाश है हाथी दांत के अकूत काबुकी की खजाने की। तंजानिया के जंगल में नागराज की मुलाकात हुयी फॉरेस्ट ऑफिसर  डेनियल और सिसी  से परन्तु इससे पहले कि नागराज तलाश कर पता थोडांगा का, थोडांगा का सेवक ज़िपा नागराज को पछाड़ सिसी को उठा ले गया और डेनियल को छोड़ आया गुंटारा की घाटी में। अब नागराज चल पड़ा डेनियल को छुड़ाने और मौत का सामना करने गुंटारा की घाटी। और फिर.............?

Tuesday, September 28, 2010

जल्लाद राजकुमार

डिब्रूगढ़ का राजा राजकुमार दिग्विजय सिंह जिसको सपने में दिखाई देता था एक किला। उस किले को पाने के लिए उसने उस किले की खोज में कर दिया ज़मीन आसमान एक और वो किला था मकरध्वज के राजा अश्वप्रताप सिंह का। राजकुमार दिग्विजय ने दी अश्वप्रताप को धमकी वो किला उसके हवाले करने के लिए और अश्वप्रताप  के मना करने के बाद राजकुमार दिग्विजय ने मकरध्वज में मचा दी तबाही। अश्वप्रताप  ने की उसको रोकने की भरकस कोशिश परन्तु रहे नाकाम. और उस जल्लाद राजकुमार ने अपहरण कर लिया अश्वप्रताप की बेटी राजकुमारी दिव्यप्रभा को। अब मकरध्वज को इस जल्लाद राजकुमार से बचने का था एक ही आसरा, तिलिस्मदेव। और फिर................?

Monday, September 27, 2010

चेहरा

ग्लोब सर्कस का स्टंटमैन विक्की जो ग्लोब सर्कस के अलावा फिल्मों में भी स्टंट सीन किया करता एक मामूली बात पर उसकी झड़प हो गयी फिल्म डायरेक्टर हीरा के दोस्त अरुण शौरी से इस झड़प से आपे से बाहर हो गए विक्की ने गुस्से में आकर अरुण को कुचल दिया अपनी कार से। अपना गुस्सा तो निकाल दिया विक्की ने अरुण पर परन्तु फिर उसको डराने लगा अरुण शौरी का भयानक चेहरा। क्या घर क्या होटल क्या टीवी क्या किताब हर जगह उसको दिखने लगा अरुण का कुचला हुआ चेहरा। और फिर...........?

Sunday, September 26, 2010

अजगर की बेटी

अजग राज्य की क्रूर व जिद्दी रानी प्रलयंका जो राजा अजगरराज की मृत्यु के बाद रानी बनायीं गयी थी उसकी आयु मात्र 20 वर्ष ही लिखी थी. अपनी आयु बढ़ने का था एक उपाय चंद्रिकापुर की राजकुमारी सुरभि की कर्णमणि जो उसके पिता राजा विशम्भर ने भगवान  विष्णु से सुरभि की आयु लम्बी करने के लिए प्राप्त की थी। प्रलयंका को जब यह पता चला तो उसने सुरभि पर हमला कर चुरा ली उसकी कर्णमणि जिसकी वजह से सुरभि की जिंदगी पड़ गयी खतरे में और इससे पहले की राजा विशम्भर कर्णमणि वापस प्राप्त करने के लिए कुछ कर पाता प्रलयंका ने कर चंद्रिकापुर पर ही हमला। और फिर..............?

Saturday, September 25, 2010

ऋषिकन्या का प्रतिशोध

राजकुमार कुन्दनसिंह अत्यन्त सुन्दर व बलशाली जिसको नफरत थी बदसूरती से, उसने जंगल में शिकार के दौरान ऋषि तपाचार्य की पुत्री तापसी की जान बचाई एक सिंहनी से। ऋषि कन्या तापसी राजकुमार की सुन्दरता और वीरता देख उस पर मुग्ध हो गई परन्तु राजकुमार कुन्दनसिंह ने उसका प्रेम प्रस्ताव ठुकरा दिया क्योंकि तापसी कुरूप थी। इसको तापसे ने अपना अपमान समझा और ठान लिया राजकुमार कुन्दनसिंह से प्रतिशोध लेने का और वह एकएक कर नगर के लोगों को बनाने लगी बदसूरत। और फिर.........?

Friday, September 24, 2010

आग

आतंकवादी दल का कुख्यात नेता सपेरा जिसको रहस्यमय शक्तियों के मालिक परमाणु ने पुलिस को पकड़वाया था उसको छुड़ाने के लिए सपेरा ग्रुप के आतंकवादियों ने दी धमकी कि अगर सपेरा को नहीं छोड़ा गया तो वे शहर में आग की बारिश कर देंगे. जिससे पुरे शहर में फ़ैल गया दहशत का माहौल. सपेरा ग्रुप की धमकी सुनकर पुरी पुलिस के साथ इंस्पेक्टर विनय भी लग गया उनकी खोज में. इधर उसी रहस्यमय परमाणु ने दिया लोगो को आश्वासन की वो आग की बारिश नहीं होने देगा और सपेरा ग्रुप को भी ख़त्म कर देगा। और फिर...........?

Thursday, September 23, 2010

ग्रैंड मास्टर रोबो

अपराध की दुनिया का बेताज बादशाह ग्रैंड मास्टर रोबो जो राजनगर में अपना अपराध साम्राज्य फैलाना चाहता था और जिसे दो बार सुपर कमांडो ध्रुव ने रोक दिया था। इस बार उसने बनाया एक न्यूक्लिअर बम और उसके परिक्षण के लिए निशाना बनाया राजनगर के समुंद्र को। पर न्यूक्लिअर धमाके से मरे समुद्री जीव जब राजनगर तट पर आ पहुंचे तो इस हादसे का पाता लगाने ध्रुव जा पहुँचा समुद्र की गहराईयों में। इधर राजनगर में हमला किया एक अजीबोगरीब अग्निमुख नामक शैतान ने और उसको रोकने आये स्वर्ण नगरी से आये मानव ने। और फिर.....................?

Wednesday, September 22, 2010

जादू का जाल

राजा चन्द्रगुप्त जिसके थे दो पुत्र बड़ा राजकुमार वीर चन्द्रगुप्त और छोटा राजकुमार मनीष चन्द्रगुप्त। मनीष जितना दयालु और नेक वीरचन्द्र उतना ही क्रुर और अत्याचारी इसलिए जब भावी राजा चुनने का वक्त आया तो प्रजा ने चुना छोटे राजकुमार मनीष चन्द्रगुप्त को। यह देख क्रोध से पागल हो गया वीरचन्द्र और ठान लिया पूरे राज्य को सबक सिखाने का इसके लिए उसने आजाद कर दिया कई वर्ष पहले कैद किए गए शैतान करकट को। शैतान करकट ने चलाया अपना जादू का जाल और पुरी प्रजा कर उठी त्राहि-त्राहि तब मदद के लिए सबकी जुबान पर आया एक ही नाम, तिलिस्मदेव। और फिर............?

Tuesday, September 21, 2010

काली हांडी

सुजानगढ़ के ठाकुर उदय नारायण सिंह का परिवार जिसमे उसका बड़ा बेटा रणवीर प्रताप सिंह, उसकी पत्नी शोभा, पोता पिंकी, पोती संजना, मंझला बेटा विजय प्रताप सिंह उसकी पत्नी सुजाता, छोटा बेटा कुंवर प्रताप सिंह उसकी नई नवेली पत्नी मंजुला और बेटी सोना। उस परिवार में एक दिन छा गए मुसीबत के काले बदल जब एक रहस्यमय सख्श ने चला दी तंत्र साधना द्वारा साधी गयी काली हांडी। और उस काली हांडी ने मचाया मौत का ऐसा तूफान कि उस परिवार का हो गया विनाश। और फिर.................?

Monday, September 20, 2010

सींगो की खेती

पाताललोक की विडिम्बा नगरी का राजा मल्लयकेतु जो था बेहद नेक, दयालु और न्यायप्रिय परन्तु उसका बेटा राजकुमार दुर्भग उतना ही उद्दंड, क्रूर और अत्याचारी था। मल्लयकेतु ने उसका विवाह भी तय कर दिया सेनानायक की पुत्री हिडिम्बा के साथ परन्तु वह न सुधरा। दुर्भग ने जब ऋषि मार्कंड की पुत्री दुवासा पर बुरी नज़र डाली तो मल्लयकेतु ने उसको सजा के तौर पर उसको पातळलोक से निकाल दिया. तब दुर्भग जा पहुंचा पृथ्वी पर और मचा दिया हाहाकार। पृथ्वी की लोग उसको रोकने में रहे नाकाम तब आई दुर्भग की मंगेतर हिडिम्बा और उसने बताया की दुर्भग को रोकने के लिए करनी होगी सींगो की खेती। और फिर..............?

Sunday, September 19, 2010

परमाणु

दिल्ली पुलिस को मिली कुख्यात आतंकवादी सपेरा के दिल्ली में छुपे होने की सुचना और वो जा पहुंची सपेरा को गिरफ्तार करने। पर सपेरा पुलिस के हाथ से बच निकला लेकिन एक रहस्यमय मानव "परमाणु" ने उसको अपनी अद्भुत शक्तियों के द्वारा पकड़ लिया। इधर सपेरा ग्रुप के आतंकवादी अपने लीडर सपेरा को छुड़ाने के लिए करने लगे दिल्ली में तबाही की तैयारी और उन्हें रोकने के लिए एक बार फिर सामने आया वही हवा में उड़ता रहस्यमय परमाणु। और फिर.....................?

Saturday, September 18, 2010

नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव

राजनगर, जहाँ होने वाली थी सभी सुपर हीरोज़ की एक स्पेशल मीट जिसमे आ रहे थे गगन, विनाशदूत, परमाणु, मोंटी, चंडिका, कमांडो फ़ोर्स के साथ साथ नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव भी। पर नागराज और ध्रुव के स्टेडियम में पहुँचने से पहले ही एक शैतान वैज्ञानिक मिस किलर ने अपहरण कर लिया बाकि सभी सुपर हीरोज़ का। और दिया नागराज और ध्रुव को चैलेन्ज की वे जापान में आकर सभी सुपर हीरोज़ को बचाकर दिखाए। नागराज और ध्रुव ने स्वीकार किया मिस किलर के इस चैलेंज को और निकल पड़े मौत के सफ़र में जापान के लिए। और फिर..............................?

Friday, September 17, 2010

टेढ़ा शैतान

अपनी सुंदरता के लिए विख्यात देवनगर जहां की स्त्रियों की सुंदरता मंत्रमुग्ध कर देने वाली होती है और जिस राज्य की कन्याओं से विवाह के लिए दूर देश के राजा-राजकुमार भी आते हैं। ऐसे ही देवनगर में आगमन हुआ अवन्तिका नगर के राजा अवन्तिसिंह का जिसने उस राज्य की सुन्दर कन्या रूपा को पसंद किया परन्तु रूपा ने उससे विवाह करने से कर दिया इंकार। इसे अपना अपमान समझ देवनगर को दण्ड देने की धमकी देकर चला गया अवन्तिसिंह। उसके बाद देवनगर में आतंक पहुंचाने आ पहुंचा टेढ़ा शैतान जो देवनगर की सुन्दर कन्याओं को उठा ले जाता। ऐसे में देवनगर की मदद का आया अवन्तिका के राजा अवन्तिसिंह का पुत्र राजकुमार जो निकला था अपने पिता की तलाश में। और फिर.........?

Thursday, September 16, 2010

पिशाच राजा

कंचनपुरम का राजा कर्णप्रिय अपनी रानी चन्द्रिका और पांच पुत्रों चंद्रप्रिय, शंखप्रिय, रक्तप्रिय, पुष्पप्रिय और वीरप्रिय के साथ रहते थे। राजा कर्णप्रिय ने अपने पुत्रों को महर्षि योगाचार्य के पास शिक्षा प्राप्त करने भेजा जहाँ शिक्षा प्राप्त करने के बाद योगाचार्य ने उनसे गुरु दक्षिणा के रूप में मांगी पिशाचनाथ कंटदत्त की मृत्यु जो लोगों का खून पीता था। पांचो राजकुमारों ने कंटदत्त को ख़त्म करने का वचन दिया। जब कंटदत्त को इसका पाता चला तो वो पड़ गया राजकुमारों की जान के पीछे। और फिर होने लगी राजमहल में एक एक करके सभी राजकुमारों की हत्या। और फिर............................?

Wednesday, September 15, 2010

लॉकेट

भिखारी लाल कृष्ण जो अपने ट्रेंड चूहों के द्वारा कब्रों से कीमती वस्तुए चुराकर जमा किया करता था और उसके इस खजाने पर नज़र थी चार शैतानो पीटर, विक्टर, ब्रेगेंज़ा और जीवन की। पर उससे खज़ाना हासिल न कर पाने की वजह से उन्होंने कर दी लाल कृष्ण की बेटी संध्या की हत्या। और लाल कृष्ण ने खाई कसम उन चारों को भयानक मौत देने की। उसके बाद शुरू हो गया एक एक करके उन चारों की भयानक मौत का सिलसिला। और फिर..............?

Tuesday, September 14, 2010

राक्षसों की खेती

एक दिन बांकेलाल को विशालगढ़ के मेले में मिला एक अजीब सा सौदागर जो बेच रहा था राक्षस का बाल और उसका कहना था की इस बाल को पेड़ पर लटकाने से एक राक्षस पैदा होता है और कोई भी इच्छा पूरी करता है। बांकेलाल ने वो बाल ले लिए और लटका दिया एक पेड़ पर। लेकिन बांकेलाल नहीं जानता था की वो एक जाल में फंस रहा है क्योंकि वह राक्षस इच्छा पूरी करने वाला नहीं बल्कि अपने मालिक जादूगर तड़क भुन के लिए शिकार फंसाता था। बांकेलाल को भी लेकर वो अपने मालिक के पास पहुंचा पर बांकेलाल ने उससे जादूगरी सीखने के लिए उसे अपने गुरु बना लिया और उसने बांकेलाल को दिया राक्षसों की खेती करते का काम जिससे वो राक्षसों की सेना लेकर विशालगढ़ पर हमला कर सके। और फिर..................?

Monday, September 13, 2010

नरमुंडो की घाटी

अर्जुननगर के राजा अर्जुनसिंह की एकलौती पुत्री राजकुमारी नीलम के साथ जब कुछ राक्षसों ने दुर्व्यवहार किया तो राजा अर्जुनसिंह ने दंडस्वरूप उन राक्षसों का सर काटकर नगर के बाहर लटका दिया। जब उन राक्षसों के पिता राक्षसराज विचित्रदंड को इसका पाता चला तो वो क्रोध के मारे अर्जुन नगर से बदला लेने चल पड़ा और उसने अर्जुन नगर के नागरिकों के सिरों से नरमुंडो की घाटी बनाने का निर्णय कर लिया। उसके आतंक से अर्जुन नगर में मच गयी त्राहि-त्राहि। और अपनी प्रजा की रक्षा के लिए अर्जुनसिंह की जुबान पर आया एक ही नाम, तिलिस्मदेव। और फिर....................?

Sunday, September 12, 2010

विनाश के वृक्ष

राजनगर का नेशनल फोरेस्ट जहाँ इन दिनों पेड़ों की तस्करी ज़ोरों पर चल रही थी। जिसकी रोकथाम के लिए फोरेस्ट आफिसरों ने सुपर कमांडो ध्रुव से मदद मांगी। इधर पेड़ों की तस्करी कर रहे तस्करों का सामना हुआ एक आश्चर्यजनक जंगली वनपुत्र से जो पेड़ों से बात करता था और पेड़-पौधे उसकी बात मानकर आश्चर्यजनक कमाल कर जाते थे। वनपुत्र ने उन तस्करों से पता किया उनके बॉस नम्बूदरी का और उससे पेड़ों को कटवाने का बदला लेने राजनगर चल पड़ा। इधर ध्रुव भी वनपुत्र को रोकने की ठान चूका था। और फिर......................?

Saturday, September 11, 2010

मौत का साया

कंजूस शक्की बूढ़ा धनीराम जा पहुंचा एक दिन पुलिस स्टेशन यह कम्पलेंट लिखवाने कि कोई उसकी हत्या करना चाहता है। उसको शक था अपनी भतीजे रामगोपाल, अपनी नातिन नीता और नीता का प्रेमी चंदू पर। उसको था शक कि इनमें से कोई करना चाहता है उसकी हत्या। पुलिस इंस्पेक्टर वामन ने निकाली हत्यारे को पकड़े की तरकीब परंतु अगली ही रात हो गई धनीराम की हत्या और उसकी तिजोरी से सारा रूपया हो गया चोरी। और फिर........?

Friday, September 10, 2010

तिलिस्मदेव

शातुल्य नगर का राजा शातुल्य देव जिसने भगवान विष्णु की तपस्या कर पुत्र और पुत्री का वरदान माँगा। और वरदान स्वरुप मिले पुत्र शतबली और पुत्री महक को बड़े अरमान से पला। इधर नागलोक का घमंडी राजा नागदेव जिसे अपनी असीम बल और सात पत्नियों के रूप का बड़ा घमंड था महक की सुन्दरता का बखान सुनकर उसे अपनी रानी बनाने के लिए जबरन उठा लाया। और फिर जा टकराया भगवान विष्णु से और परिणाम स्वरुप उसे शाप मिला मृत्युलोक यानि पृथ्वी में जीवन बिताने का। पृथ्वी पर आकर उसे अपनी गलती का एहसास हुआ और वो लग गया भगवान की तपस्या करने। फलस्वरूप उसे मिली असीम शक्तियां और उसने अपनी इन शक्तियों के बल पर मानवता की भलाई का बीड़ा उठाया और वो कहलाया तिलिस्मदेव। और फिर.....................?

Thursday, September 9, 2010

बारह घंटे

लाल कृष्ण जो था तो एक पागल भिखारी पर उसका काम था अपने ट्रेंड किये हुए चूहों द्वारा कब्रिस्तान में दफनाये हुए शवों के साथ दफना दी गयी कीमती वस्तुओं की चोरी। इस कीमती वस्तुओं का एक बहुत बड़ा संग्रह बना रखा था लाल कृष्ण ने जिस पर नज़र थी पीटर, विक्टर, ब्रेगेंज़ा और जीवन की पर लाल कृष्ण से खज़ाना हथियाने पर नाकाम होने के बाद उन्होंने निशाना बनाया लाल कृष्ण की बेटी संध्या को। संध्या बिचारी उन दरिंदो का शिकार हो गयी और उन चारों ने संध्या की लाश को कब्रिस्तान के दफना दिया। इधर लाल कृष्ण के ट्रेंड चूहे संध्या की कब्र से निकाल लाये उसका लॉकेट जिसको देखकर लाल कृष्ण गुस्से से पागल हो गया। और फिर........................?

Wednesday, September 8, 2010

पाताल राक्षस

चंदनगढ़ के राजा चंदनसिंह जिनका खजाना एक युद्ध के बाद हो गया था खाली। इधर चंदनगढ़ अपने मायके के लिए प्रस्थान किया विशालगढ़ की महारानी स्वर्णलता ने परन्तु खुराफाती बांकेलाल ने इधर भी चल दी अपनी चाल जिसकी वजह से स्वर्णलता का रथ हो गया बीच जंगल में दुर्घटनाग्रस्त और रानी और राजकुमार को उठा ले गया एक विशाल बाज। महाराज विक्रमसिंह की आज्ञा पर जब बांकेलाल निकला रानी और राजकुमार की तलाश में तो उसको मार्ग में मिले राजा चंदनसिंह। बांकेलाल ने उनके साथ की चलनी चाही अपनी चाल परन्तु तभी उन पर भी हो गया उस विशाल बाज का हमला और वो उठा ले गया चंदनसिंह और बांकेलाल को। और फिर...........?

Tuesday, September 7, 2010

नागराज और लाल मौत

दुबई का अमीर अलबुखारी जिसे एक शैतान युसूफ बिन अली खान ने क़त्ल कर डाला और बन बैठा दुबई का नया अमीर। अब उसका निशाना थी अलबुखारी की बेटी रुएबा खातून। इधर रुएबा खातून भी युसूफ बिन अली खान से बदला लेने के लिए तड़प रही थी। इसी बीच दुबई में कदम रखा विश्व आतंकवाद के दुश्मन नागराज ने और वो रुएबा के साथ मिल कर जा पहुंचा युसूफ बिन अली खान के ठिकाने में जहाँ कदम कदम पर छुपी हुई थी लाल मौत जो हलकी सी आहट पर भी झपट पड़ती थी। नागराज जा टकराया लाल मौत से। और फिर.....................?

Monday, September 6, 2010

प्रलयंकारी मोती

डाकुओं के गिरोह से जान बचाती एक निबर्ल युवती कर्णनखा जा पहुंची एक मुनि की शरण में। मुनि ने अपनी शक्ति से कर्णनखा को दिया एक प्रलयंकारी मोती ताकि वह दुष्टों से अपनी रक्षा कर सके। परन्तु वह प्रलयंकारी मोती प्राप्त करने के पश्चात उसको अपनी शक्ति पर हो गया अभिमान और अपनी उस शक्ति के बल पर वह मचाने लगी आतंक। यहां तक की विराट नगर के राजा जयचंद की हत्या कर उसने कर लिया राज्य पर कब्जा। राजकुमारी रजनीगंधा जो उससे जान बचाकर भागी और खाई कसम की वह अपने पिता की हत्या का बदला कर्णनखा से लेकर रहेगी। और फिर.........?

Sunday, September 5, 2010

खिड़की

मीनू नामक एक महिला जो आश्चर्यजनक रूप से मौत को मात देकर बच गयी, न ऊंचाई से गिरकर उसकी मौत हुई और न ही भयानक एक्सीडेंट उसका कुछ बिगाड़ पाया। इन घटनाओ से उसका पति विजय भी हैरान था। इधर मीनू को अचानक दिखाई पड़ने लगा उसकी खिड़की में मंडराता एक साया और उसे दिखने लगी उसके पति विजय के दोस्तों बाबु, रोज़ी और मास्टर की भयानक मौते। और फिर........................?

Saturday, September 4, 2010

जहरीली दौलत

शंकर, एक मामूली सा आदमी एक दिन जिसका सामना हुआ एक आश्चर्य से जब उसे मिला एक दुर्घटना में घायल हुबहू उसका ही हमशकल। उसे देखकर उसके मन में आ गया दौलत का लालच क्योंकि उसका वो हमशकल एक अमीर आदमी दिलीप कोठारी था। शंकर ने दिलीप कोठारी की हत्या कर उसकी जगह खुद दिलीप कोठारी बन गया, और फिर उसने दिलीप कोठारी के पत्नी संगीता की भी हत्या करवा दी। पर आश्चर्यजनक रूप से संगीता पुन: जीवित होकर वापिस आ गई और फिर लेने लगी उन लोगों से बदला जिन्होंने की थी उसकी हत्या। और फिर..................?

Friday, September 3, 2010

एक दिन की मौत

राजनगर सेन्ट्रल जेल में बंद एक फांसी की सजा पाया अपराधी भुजंग जिसे एक ख़ुफ़िया गिरोह भगा ले गया और भुजंग को दे दी सुपर नेचुरल पावर और जब भुजंग वापस आया तो उसने राजनगर पर कहर ढा दिया। ध्रुव भी भुजंग को रोकने में नाकामयाब रहा, इधर भुजंग को शक्तिशाली बनाने वाले सरगना ने ध्रुव को ख़त्म करने के लिए बनाई एक योजना के तहत ध्रुव के सभी चाहने वाले जैसे उसकी कमांडो फ़ोर्स और ध्रुव की बहन श्वेता को भी भुजंग ने एक एक करके अपने वश में कर लिया। और उसी के चाहने वालो के हाथों ध्रुव को ख़त्म करने की योजना बना ली। और फिर.......................?

Thursday, September 2, 2010

चीखते गीत

मणिकपुर का राजकुमार रतनसेन जिसको राजपाट और युद्ध के बजाय नृत्यसंगीत से था बहुत लगाव उसके इस लगाव की वजह से परेशान रहते मणिकपुर के राजा समरसेन। उन्होंने रतनसेन की नृत्य संगीत की शिक्षा भी बंद करवा दी परन्तु नृत्यसंगीत और अपने गुरू श्री हरि की पुत्री संगीता के प्रेम उसको न रोक पाता। यह देख समरसेन को और कोई उपाय न सूझा तो उसने श्री हरि की कुटिया में लगा दी आग जिसमें जल मरे श्री हरि और उसकी पुत्री संगीता। इस हादसे से टूट गया रतनसेन उसकी आवाज खो गई और उसको हो गई नृत्यसंगीत से नफरत अब वह कहीं भी नृत्यसंगीत होता देखता तो हो जाता आगबबूला। और फिर.........?

Wednesday, September 1, 2010

विनाशकारी कुल्हाड़ी

वैभवगढ़ की राजकुमारी चन्द्रप्रभा जो जंगल में शिकार के दौरान एक राक्षस के चंगुल में फंस गई। उसको बचाने की कोशिश की जंगल में लकड़ी काट रहे एक लक्कड़हारे अजय ने परन्तु राक्षस ने उसको ऐसा फेंका कि वह जा गिरा बहुत दूर और उसके हाथ में थमी कुल्हाड़ी से मारा गया एक सन्यासी। सन्यासी ने अजय को बताया कि वह सन्यासी सावन्तनगर का युवराज है जिसने सत्ता के लालच में आकर अपने छोटे भाई को मार डाला परन्तु सावन्तनगर के महामंत्री ने उसके साथ विश्वासघात किया परन्तु वह किसी तरह जान बचाकर भाग निकला और वह और कोई नहीं अजय का पिता है। यह सुन अजय निकल पड़ा अपने साथ हुए विश्वासघात का बदला लेने। और फिर.............?