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Sunday, January 31, 2010

नागराज की हांगकांग यात्रा

नागराज, आसाम से बुलडाग का खात्मा करने के बाद जुर्म और आतंकवाद को ख़त्म करने निकल पड़ा और जा पहुंचा हांगकांग जहाँ पर कब्ज़ा कर रखा था साबाटो और चांगो नाम के बागियों ने और उनसे बचकर भागी-भागी फिर रही राजकुमारी ताकाशी के साथ मिलकर नागराज ने की एक और जंग की शुरुआत। और फिर......................?

Saturday, January 30, 2010

किस्मत का मारा

दो जुड़वाँ भाई सोनाराम और कोयलाराम, दोनों दिखने में इतने मिलते-जुलते थे की अक्सर लोग धोखा खा जाते। कोयलाराम बहुत मेहनती और खुश था और सोनाराम बहुत आलसी और दुखी था इस वजह से सोनाराम हमेशा उदास रहता इसलिए उसने अपनी किस्मत बदलने के लिए अपने भाई से अपना नाम बदल लिया। पर किस्मत के मारे सोनाराम को तब भी कोई लाभ नहीं हुआ। और फिर.................?

Friday, January 29, 2010

सोने का घड़ा

बहादुर और नेकदिल खलील खान एक दिन अपनी एक मुर्गी का पीछा करते हुए जा टकराए गुलाब की राजकुमारी से जो एक जादूगर के जादू से गुलाब बनी हुयी थी उसको ठीक करने के लिए माहरवाड़ी का तिलिस्म तोड़ते हुए और कई खतरों का सामना करते हुए खलील खान ने प्राप्त कर लिया सोने का घड़ा। सोने का घड़ा लेकर वो वापस चला गुलाब की राजकुमारी के पास तब उसका रास्ता रोकने आया जादूगर भांगड़ा। और फिर....................?

Thursday, January 28, 2010

धूर्त बुढ़िया

विलासनगर में रहने वाले दो मित्र श्रीधर और यशधर, विलासनगर में महामारी फैलने के बाद दुसरे शहर में काम की तलाश में निकले और रास्ते में दोनों एक वर्ष बाद दोबारा मिलने का वादा कर अलग-अलग रास्ते हो गए। श्रीधर को मिल गया एक पारस पत्थर उसको लेकर वो एक धूर्त बुढ़िया और उसकी बेटी के जाल में फंस गया। दूसरी तरफ यशधर जा पहुंचा राजगढ़ के राजमहल और बन बैठा महाराज का अंगरक्षक। एक साल बाद जब यशधर वापस पहुंचा उस स्थान जहा अलग हुआ था वो अपने मित्र से तो उसे वहां न पाकर लग गया उसकी तलाश में। और फिर............?

Wednesday, January 27, 2010

पिद्दी पहलवान और बनारस के पण्डे

पिद्दी पहलवान अपने दो चेलों लटकन और फुदकन के साथ निकले देश भ्रमण को और लखनऊ के ठगों से किसी तरह पीछा छुड़ा कर इस बार पहुंचे बनारस और उनको रस्ते में मिल गया बनारस का एक पंडाऔर उस पण्डे के चक्कर में घनचक्कर बनकर रह गए पिद्दी पहलवान और उसके चेलेऔर फिर............?

Tuesday, January 26, 2010

नागराज का बदला

"नागराज" प्रोफ़ेसर नागमणि का अविष्कार, बाबा गोरखनाथ के आशीर्वाद से निकल पड़ा दुनिया से जुर्म और आतंकवाद को ख़त्म करने और जा टकराया कुख्यात अपराधी बुलडाग से। पर बुलडाग ने बना दी "नागराज की कब्र", नागराज भी बच निकला बुलडाग की बनाई कब्र से और जा पहुंचा बुलडाग के पास उसके एक-एक जुर्म का बदला लेने। और फिर.....................?

Monday, January 25, 2010

पिद्दी पहलवान और लखनऊ के ठग

किरतपुर गाँव का पिद्दी पहलवान, बेहद ताकतवर और अकलमंद एक दिन निकल पड़ा देश भ्रमण पर अपने दो चेलों लटकन और फुदकन के साथ और आ पहुंचा नवाबों के शहर लखनऊ। पर वहां उनका सामना हो गया लखनऊ के ठगों से। पर उन्होंने भी ठगों को सबक सिखाने की ठान ली और शुरू हो गयी पिद्दी पहलवान और उसके चेलों की चालबाजी। और फिर................?

Sunday, January 24, 2010

गुरुघंटाल गंगाराम

पंडित मंगाराम के दो बेटे सीधा-सदा और मेहनती चंगाराम तथा होशियार और सुस्त गंगाराम एक दिन अपने नाना-नानी, मामा-मामी का हालचाल जानने अपने ननिहाल श्यामपुर चल पड़े। रास्ते में रात बिताने के लिए पंडित मुर्खानंद के घर रुक गए। पंडित मुर्खानंद ने उनको मुर्ख बनाकर धन ऐंठने की सोची और चंगाराम को फांस लिया अपने जाल में तब उसकी मदद को गंगाराम आ गया मैंदान में। और फिर..................?

Saturday, January 23, 2010

गुलाब की राजकुमारी

खलील खान, एक नेक और बहादुर इंसान जो अपने गाँव में मुर्गियां और फख्तायें पाला करता था एक दिन अपनी एक मुर्गी का पीछा करते हुए जा पहुंचे एक जंगल में जहाँ एक गुलाब के फूल के अन्दर मिली गुलाबगढ़ की राजकुमारी जो अपने से शादी करने के ख्वाहिशमंद जादूगर भांगड़ा के जादू से गुलाब के बदल गयी थी। राजकुमारी को ठीक करने के लिए चाहिए था एक सोने का घड़ा जो रखा था माहरवाड़ी के तिलिस्म में। और खलील खान चल पड़े तिलिस्म में से सोने का घड़ा लाने। और फिर...............?

Friday, January 22, 2010

रहस्यमयी टापू

सोमार टापू जिसमे डॉ आफताब अहमद ने पता लगाया था युरेनियम के होने का परन्तु जब भारत सरकार का जहाज़ सोमार टापू पर जाने के लिए निकला तो बीच समुन्द्र में ही उनके जहाज़ पर हमला कर दिया के अद्भुत शैतान कालचक्र ने। और फिर रहस्यमय सोमार टापू और अद्भुत कालचक्र का रहस्य जानने के लिए गगन, ताहिरा और उनके साथी निकल पड़े सोमार टापू के लिए। और फिर................?

Thursday, January 21, 2010

विचित्र सौदागर

रूमानिया के बादशाह आज़ाद बख्त के दरबार में आया एक सौदागर खुदाबक्श जिसके पास था एक अद्भुत कुत्ता जिसको वो चाहता था अपनी जान से भी ज्यादा और कुत्ते को पहनाता था कीमती पत्थरों का पट्टा। उस कुत्ते का राज़ जानने के लिए मल्लिका ने बादशाह को उकसाया परन्तु इससे पहले की वो राज़ जानते खुदाबक्श वापस चला गया। उस विचित्र सौदागर को ढूंढ़ कर वापस लाने की ज़िम्मेदारी ली वजीर की बेटी शबनम ने और निकल पड़ी उसकी तलाश में। और फिर.................?

Wednesday, January 20, 2010

दो बेचारे

बेलापुर गाँव के दो भाई ननकू और सनकू जो थे तो बहुत समझदार पर उनको थी एक बीमारी कि दोनों भाइयों को शाम को सूरज ढलने के बाद कुछ भी दिखाई नहीं देता था। यह बात दोनों सबसे छिपा कर रखते थे। रोज़ शाम सूरज ढलने से पहले वो अपना काम ख़त्म कर घर पहुँच जाते। पूरा गाँव उनकी इस आदत से बाते बनाता ऐसे में दोनों भाई अपने लिए लड़की देखने पास के गाँव में गए तो हो गयी शाम और उनको कुछ भी दिखना हो गया बंद। और फिर............?

Tuesday, January 19, 2010

नागराज की कब्र

"नागराज" जिसे प्रोफ़ेसर नागमणि ने बनाया था दुनिया में आतंक फ़ैलाने के लिए लेकिन बाबा गोरखनाथ ने नागराज को सच्चाई के रास्ते में लाकर जुर्म और आतंकवाद के खिलाफ खड़ा कर दिया। और नागराज चल पड़ा मानवता के दुश्मनों का खात्मा करने। और सबसे से पहले उसी बुलडाग को नेस्तोनाबूद करने जा पहुंचा जिसने उसे आतंकवाद फ़ैलाने के लिए सबसे पहले ख़रीदा था। और नागराज की इस जंग में उसका साथ दिया रोमो नाम के ऐसे जाबांज ने जो खुद कभी बुलडाग के लिए काम किया करता था। दोनों जा पहुंचे बुलडाग के किले पर उसे ख़त्म करने। और फिर................................?

Monday, January 18, 2010

पागल राजा

रोहताश गढ़ का नौजवान सुन्दर काम की तलाश में जा पहुंचा राजगढ़ और बन बैठा वहां के सनकी राजा उलटफेर सिंह के घोड़ो की देखभाल करने के काम में और अपनी होशियारी से सुन्दर ने पकड़ लिया अस्तबल से घास के गट्ठर चुराने वाले एक राक्षस घोड़े को। उसके इस कार्य से जल-भुन उठे राजमहल के अन्य कर्मचारियों ने राजा उलटफेर सिंह को बहला-फुसला कर सुन्दर को लगवा दिया पागल राजा के उलटे सीधे शौक पूरा करने में। और फिर.............?

Sunday, January 17, 2010

खूनी कारवां

हिंदुस्तान के मशहूर वैज्ञानिक डॉ.मंगलम का कुछ अज्ञात लोगों ने कर लिया अपहरण। पुलिस जब पाता नहीं लगा सकी डॉ.मंगलम का तो उन्होंने मदद ली प्राइवेट जासूस मोंटो की। और मोंटो अपनी सेकेट्री लिली के साथ अपराधियों का सुराग लगता हुआ जा पहुंचा तिब्बतियों के एक ख़ूनी कारवां तक। और फिर............?

Saturday, January 16, 2010

पाताल का खज़ाना

हरिपुर गाँव का किशन भूपाल सिंह और उसकी पत्नी वसुंधरा जिनका पुत्र अंगद अत्यंत बलशाली था। इतना ताकतवर की अच्छे-अच्छों को दांतों तले उँगलियाँ दबाने पर मजबूर कर दे। उसको पता चला अपने तीन भाइयों और एक बड़ी बहन के बारे में जिसको वर्षों पहले एक राक्षस सूखादेव उठा ले गया था। अपने भाइयों और बहन का पता लगाने के लिए अंगद निकल पड़ा, उसको साथी के रूप में मिले तीन अद्भुत शक्तियों के मालिक पहाड़ हिलाऊ, पेड़ उखाड़ और नदी रोक। उनके साथ मिलकर अंगद निकल पड़ा राक्षस सूखादेव की तलाश में। और फिर..............?

Friday, January 15, 2010

ख़ूनी वसीयत

'राजा टाइम्स' अख़बार जिसके मालिक जी.डी.पोद्दार के स्वर्गवास के बाद उस अख़बार को चलने की ज़िम्मेदारी आती है उनके पुत्र अशोक पोद्दार के हाथ परन्तु जी.डी.पोद्दार की एक अनोखी वसीयत के मुताबिक अशोक पोद्दार उस अख़बार की कंपनी को तभी हासिल कर सकता था जब वह उस अख़बार को सबसे ज्यादा बिकने वाला अख़बार बना सके ऐसे में 'राजा टाइम्स' में पत्रकारिता करने आती है मंजरी नामक के बेहद होनहार पत्रकार और उठती है ज़िम्मा अख़बार को चलाने की और फिर.....................?

Thursday, January 14, 2010

नागराज

प्रोफ़ेसर नागमणि जिसने दुनिया भर के आतंकवादियों और जुर्म की दुनिया के सरगनाओं को अपने बनाये एक नए हथियार की नीलामी के लिए बुलाया। एक ऐसा हथियार जो अकेला पूरी दुनिया को हिला कर रख सकता था। और वो हथियार था "नागराज" नाम का एक ऐसा मानव-नाग जिसके पास थी असीमित नाग शक्तियां। उस नीलामी में नागराज को सबसे पहले किराये पर लिया आसाम में अपनी जुर्म की बादशाहत चला रहे माफिया डोन बुलडाग ने और वो नागराज को लेकर जा पहुंचा आसाम में तबाही मचाने। और फिर ......................?

Wednesday, January 13, 2010

रुई का घोडा

चंपानगरी का सबसे छोटा राजकुमार अजब सिंह जो बहुत ही निकम्मा था अपने पिता राजा उग्रसेन की डांट-फटकार सुन राजमहल छोड़कर चला गया। उसको मिल गयी एक परी जिसने उसको दिया एक अद्भुत रुई का घोडा जो हवा में उड़ सकता था। उस घोड़े की मदद से राजकुमार ने जीत लिया राजकुमारी चन्द्रिका का स्वयंवर परन्तु दुर्भाग्य से अजब सिंह बिछड़ गया अपनी पत्नी और बच्चे से। उधर राजा उग्रसेन के महामंत्री ने भी बगावत कर हड़प ली राजगद्दी। और फिर.......................?

Tuesday, January 12, 2010

काला शैतान

डॉ वाडेकर जिसके द्वारा बनाये गए अद्भुत काले शैतान ने टोरी गाँव में ऐसी तबाही मचाई की वहां हाहाकार मच गया। काला शैतान करने लगा लोगों को गायब। इन लोगों के साथ ही गायब हो गयी सुपर मानव गगन की मुंह बोली बहन रजनी। और गगन और ताहिरा निकल पड़े काले शैतान और लोगो के गायब होने के रहस्य का पाता लगाने। और फिर................?

Monday, January 11, 2010

लाल वृक्ष की जड़

चन्द्रपुरी का राजकुमार अभयसिंह जिसने अपने चालाक और मक्कार मंत्रियों के बहकावे में आकर अपने पिता राजा चंद्रदेव को मार डाला। परन्तु खुद उन मक्कार मंत्रियों के धोखे का शिकार होकर अपनी जान बचा कर भाग निकला और जा पहुंचा राक्षसी बनी राजकुमारी स्नेहलता की पास। राक्षसी स्नेहलता को ठीक करने के लिए ज़रूरत थी लाल वृक्ष की जड़ की। और राजकुमार अभयसिंह निकल पड़ा लाल वृक्ष की जड़ की तलाश में। और फिर................?

Sunday, January 10, 2010

सोने की नदी

चित्रपुर का दुष्ट राजा दुर्जन सिंह जो अपने राज्य के नागरिकों पर करता था बेइन्तेहाँ ज़ुल्म। इस ज़ुल्म का शिकार बना बेचारा जीवनदास पर तभी हुयी एक भविष्यवाणी की दुर्जन सिंह की मृत्यु होगी इसी जीवनदास के पुत्र के हाथों। इससे घबराकर राजा दुर्जन सिंह ने जीवनदास के नवजात पुत्र को फिकवा दिया नदी में और दुसरे पुत्र को जीवनदास की पत्नी लेकर भाग निकली। परन्तु जीवनदास के पुत्र को बचा लिया ऋषि राजनाथ ने और उसको बड़ा कर बनाया अपने खिलाफ हुए अत्याचार का बदला लेने लायक। पर उसके लिए जीवनदास के पुत्र शिव सिंह को चाहिए था जादुई शीशा जो मिल सकता था अद्भुत सोने की नदी को पर करने पर। और शिव सिंह चल पड़ा जादुई शीशा प्राप्त करने। और फिर................?

Saturday, January 9, 2010

दलदल का दैत्य

पांचाली गाँव, जहाँ के जंगल में बने एक दलदल से अचानक आ निकला एक दैत्य और मचा दिया पांचाली गाँव में कोहराम और गायब कर दिया गाँव के सभी निवासियों को, दैत्य को रोकने आई सेना भी हो गयी रहस्यमय ढंग से गायब। तब इस दैत्य के रहस्य का पता लगाने आया विनाशदूत पर उसको भी गायब कर दिया उस रहस्यमय दैत्य ने। और फिर...........?

Friday, January 8, 2010

काठ की उल्लू

आयाराम और गयाराम गाँव के रहने वाले निहायत ही मुर्ख, इनकी मुर्खता से पूरा गाँव परेशान रहता था। अपनी मुर्खता के चलते खुद तो परेशानी में पड़ते ही दुसरो को भी मुश्किलों में डाल देते। इन दोनों मूर्खों को मिल गए एक साधू महात्मा। उन्होंने भी दोनों को ठीक करने की ठानी। और फिर...................?

Thursday, January 7, 2010

विनाशदूत और रेड स्टार

वज्र गृह का अंतिम प्राणी विनाशदूत जब पृथ्वी पर आया तो उसको अपने साथ मिलाने के लिए सभी अच्छे-बुरे संगठन कोशिश में लग गए पर विनाशदूत ने साथ दिया अच्छाई का। दुनिया का सबसे खतरनाक संगठन रेड स्टार के लिए थी ये एक खतरे की बात इसलिए वो मिटा देना चाहते थे विनाशदूत को, इसके लिए रेड स्टार ने चली चाल और दे दी भारत सरकार को धमकी विनाशदूत को उनके हवाले करने की, और विनाशदूत भी निकल पड़ा रेड स्टार को नेस्तोनाबूद करने। और फिर.........................?

Wednesday, January 6, 2010

मौत का तमाशा

खतरनाक अपराधी टोमागो जिसकी ख्वाहिश थी दुनिया का सबसे शक्तिशाली वैज्ञानिक बनकर दुनिया को अपने कदमो के झुकाने की जिसके लिए उसको चाहिए थी प्रोफ़ेसर किशनलाल की मदद इसके लिए उसने करवा लिया प्रोफ़ेसर किशनलाल और उसकी बेटी रजनी का अपहरण। इस काम में टोमागो की राह का रोड़ा बना सुपर मानव 'गगन' जिसको शुक्र गृह के प्राणी बचपन में पृथ्वी से उठा ले गए थे अपने गृह और उस पर कई परिक्षण कर गगन को दे दी थी कई अद्भुत शक्तियां। और वापस पृथ्वी पर आकर खतरनाक टोमागो से टकरा गया गगन। और फिर............?

Tuesday, January 5, 2010

सुस्तराम बने चुस्तराम

चन्दन नगर के राजमहल का पहरेदार सुस्तराम, अपने नाम की तरह बेहद सुस्त और आलसी। चन्दन नगर के राजाकुंवर सिंह ने भी सुस्तराम का भाग्य बदलने की कोशिश की पर अपने आलसीपने के कारण हर बार भाग्य उससे दूर भागता। तब उसके मित्र फुरतराम ने ठानी सुस्तराम को चुस्तराम बनाने की। और फिर......................?

Monday, January 4, 2010

विनाशदूत

पृथ्वी पर गिरने वाली थी एक उल्का जो असल में था वज्र गृह का एक टूटा हुआ हिस्सा जिसमे था वज्र गृह का विनाश होने के बाद अंतिम बचा प्राणी 'विनाशदूत'। इस विनाशदूत का इंतज़ार था भारतीय वैज्ञानिक प्रोफ़ेसर सोम को और विनाशदूत पर ही कब्ज़ा करने के फ़िराक में था विश्व का सबसे खतरनाक संगठन 'रेड स्टार'। अब शुरू हुयी मुहीम विनाशदूत को हासिल करने की। और फिर....................?

Sunday, January 3, 2010

खुनी हवेली का रहस्य

ठाकुर वीर सिंह जिसकी हवेली एक रात अचानक बन गयी खुनी हवेली और उस हवेली में होने लगी एक एक कर उसकी और उसके बेटों की रहस्यमय हत्याएं। इन हत्याओं ने सभी को घुमा कर रख दिया। अब बचा था केवल ठाकुर वीर सिंह का चौथा बेटा गिरिराज और उसकी जान बचाने के लिए बुलाया गया प्राइवेट डिटेक्टिव विशाल को। और फिर................?

Saturday, January 2, 2010

ठगों की नानी

गाँव का एक भोला भाला किसान लालू फंस गया ठगों के चक्कर में और गँवा बैठा अपनी बकरी। लेकिन उसकी चालाक पत्नी भागवंती ने भी ठान ली उन ठगों को सबक सिखाने की। इस वजह से पूरी ठगों की बस्ती पड़ गयी भागवंती और लालू के पीछे। और फिर................?

Friday, January 1, 2010

कनकपुरी की राजकुमारी

प्रियनगरी का राजा प्रियदत्त जिसको थी चिंता अपनी बेटी राजकुमारी कंचनबाला के विवाह की. परन्तु कंचनबाला की थी एक शर्त की वो सिर्फ उसी के साथ विवाह करेगी जिसने 'कनकपुरी' देखी हुयी हो. कई लोगो ने किया कनकपुरी को ढूंढने का प्रयास परन्तु कोई भी न पा सका कनकपुरी का पता और फिर प्रियनगरी का एक नौजवान रत्नभूषण निकल पड़ा कनकपुरी का रहस्य जानने. और फिर.........................?