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Wednesday, June 30, 2010

राक्षसी का बदला

मधुबनीपुर जहां मचा हुआ था एक राक्षसी का आतंक जिसको रोकने में राजा चतुर्भुज भी रहे नाकाम। तब उन्होंने एक महर्षि की मदद से यज्ञ द्वारा प्राप्त की दिव्य शक्ति। इधर राक्षसी का बेटा महिषासुर मधुबनीपुर की राजकुमारी मालविका पर मुग्ध होकर उसको जबरन उठा ले जाने लगा तो राजा चतुर्भुज ने दिव्य शक्ति से उसका अंत कर दिया। अपने पुत्र की मृत्यु का बदला लेने के लिए राक्षसी ने अपहरण कर लिया राजकुमारी मालविका का और अपनी शक्ति से उसको भी बना दिया राक्षसी। और फिर..........?

Tuesday, June 29, 2010

खून की बारिश

रोमी नाम का एक स्मगलर जो एक प्लेन क्रेश के बाद पहुँच गया रहस्यमय मकालू द्वीप पर। जहाँ उसने देखे रहस्यमय लाल बादल और उससे होती खून की बारिश जिसकी एक बूँद पड़ने से आदमी का शरीर गल जाता था। खून की बारिश से बचा तो जा फंसा मकालू द्वीप के जंगलियों के बीच। उससे बचने के बाद वह अपने दोस्तों भोला, शंकर और रहमान के साथ फिर से जा पहुंचा मौत के उस द्वीप पर उस खून की बारिश का रहस्य जानने। और फिर........................?

Monday, June 28, 2010

महामानव

उत्तरी ध्रुव का बर्फीला इलाका जहाँ पर कुछ वैज्ञानिक कार्य कर रहे थे अचानक वहां पर निकला पुराने काल का जीव एक डायनोसोर जिसके बारे में पता करने के लिए भेजा गया सुपर कमांडो ध्रुव को। वहां ध्रुव का सामना हुआ एक और आश्चर्य 'महामानव' से। महामानव दो सौ करोड़ साल का मानव जो अत्यधिक विकसित है अपनी सैकड़ों साल की नींद से जाग चुका था। और उसका पहला काम था इंसानों को दुनिया से ख़त्म करना। और उसने भेजा ध्रुव को इंसानों को चेतावनी देने के लिए। और फिर...................?

Sunday, June 27, 2010

मैं बदला लूँगा

क्षिप्रहस्त का सेनापति श्रौरिक जिसने नगर में आतंक मचाने वाले नरभक्षी दुर्दांतों के साथ मिलकर राजा चंद्रमौलि की हत्या कर, कर लिया राज्य पर कब्जा। दोनों राजकुमार गिरीष और शिरीष जान बचाकर भागे परन्तु एक दूसरे से बिछड़कर गिरीष गुरूकुल में आचार्य के पास शस्त्र शिक्षा प्राप्त करने लगा। और शिरीष शिष्य बन गया महर्षि दण्डपाणि का और फ़िर वे दोनो अपने मातापिता की मौत का बदला लेने के लिए करने लगे कोशिश। और फिर...........?

Saturday, June 26, 2010

नरभक्षी दुर्दांत

क्षिप्रहस्त नगर का राजा चंद्रमौलि जिसके नगर में आतंक मचा हुआ था नरभक्षी दुर्दांतों का जो नगर में आकर अपने खाने के लिए नागरिकों को उठा ले जाते। राज्य के सैनिक भी उनको रोकने में रहे नाकाम क्योंकि उनको मारने पर भी मरे हुए दुर्दांतों को संजीवनी विद्या द्वारा पुनः जीवित कर देते थे महर्षि दण्डपाणि परन्तु वह अपनी संजीवनी विद्या किसी को न सिखाते। इधर क्षिप्रहस्त नगर के सेनापति क्षौरिक ने राज्य पर कब्जा करने के लिए मदद ली उन्हीं नरभक्षी दुर्दांतों की और राजा को मारकर कर लिया राज्य पर कब्जा। चंद्रमौलि के दोनों राजकुमार गिरीष और शिरीष जान बचाकर भागते हुए बिछड़ गए एक दूसरे से। और फिर...........? 

Friday, June 25, 2010

खूनी योजना

अंतर्राष्ट्रीय अपराधियों की जेल पर हमला कर कुछ आतंकवादी छुड़ा ले गए चीनी जासूस कर्नल चांगली को। हमला करने वाले एक आतंकवादी जोजफ को पहचान जासूस विजय लग गया उनके पीछे परन्तु जोजफ को मरवा दिया कर्नल ने तब विजय ने बनायी योजना आतंकवादियों को पकड़ने की परन्तु वह खुद फंस गया आतंकवादियों की चंगुल में जहाँ विजय को पकड़कर फिंकवा दिया गया एक भयानक जंगल में। और फिर.......?

Thursday, June 24, 2010

इच्छाधारी नागराज

नागराज, आतंकवाद का दुश्मन, जब बन गया मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन तो उसे रोकने आया एक और नागराज जो असली था और नागमणि द्वीप पर होने के कारण नकली नागराज को उसे बदनाम करने से रोक न सका था। नकली नागराज उर्फ़ नागदंत ने नागराज को हराकर फंसा दिया अपने द्वारा किये गए गुनाहों के अपराध में और पहुंचा अपने आका प्रोफ़ेसर नागमणि के पास। इधर नागराज को कैद कर लिया पुलिस ने। और फिर.......................?

Wednesday, June 23, 2010

विषवृक्ष का रहस्य

विदिषा नगर की राजकुमारी नंदनी जिससे विवाह करना चाहता था दुष्ट राक्षस त्रिशिरा तब त्रिशिरा से निपटने के लिए राजा विष्णुदत्त ने ली मदद महर्षि कपिंजल से। महर्षि ने मार गिराया त्रिशिरा को इस वजह से उनको अपनी शक्ति पर हो गया अभिमान। इधर कैलाश पर्वत में भगवन शिव द्वारा थूके गए झूठे फल के कारण विदिषा नगर में उग आया एक विचित्र विषवृक्ष जो एक राक्षस में बदलकर मचने लगा तबाही। विदिषा के नागरिक करने लगे त्राहि-त्राहि और अपनी रक्षा के लिए जा पहुंचे महर्षि कपिंजल की शरण में। और फिर.........?

Tuesday, June 22, 2010

खूनी ज़मीन

ठाकुर वीरप्रताप सिंह जिनको अपनी बेटी की शादी करने के लिए ज़रूरत थी पैसों की उसके लिए उन्होंने तय किया कि अपनी गाँव वाली ज़मीन बेच देंगे। अपने गाँव गंगापुर पहुंचकर जब उसने ज़मीन बेचने की बात ज़मीन की रखवाली करने वाले पंडित ओंकारनाथ को बताई तो वो और उसके लड़के इस बात पर भड़क उठे और ठाकुर वीरप्रताप पर नाराज़ हो ज़मीन पर कब्ज़ा करने के लिए कर दिया उसका क़त्ल। जिसकी खबर जब ठाकुर वीरप्रताप की तांत्रिक भाई भैरवनाथ को पता चली तो उसने बदला लेने के लिए जिंदा कर दिया ठाकुर वीरप्रताप सिंह की आत्मा को। और फिर.......?

Monday, June 21, 2010

नागराज का दुश्मन

नागराज, विश्व आतंकवाद का दुश्मन जिसकी ख्याति दुनिया भर में फैली हुई है अचानक वो बन गया मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन और करने लगा बैंक डकेती, प्लेन हाइजैक और हत्याएं और यहाँ तक कि उसने मासूम बच्चों तक को भी नहीं छोड़ा। और उसकी इस वहशियाना हरकतों से नाराज़ होकर सारी दुनिया को हो गई उससे नफरत। और फिर.......................?

Sunday, June 20, 2010

कैदी की वापसी

अंतर्राष्ट्रीय अपराधियों को कैद करने के लिए बना बेहद खूफिया जेल जहाँ से किसी भी कैदी का निकल भागना था असंभव। उस जेल पर हमला किया कुछ अज्ञात हमलावरों ने और तबाही मचाकर ले उड़े वहां कैद कर्नल नाम के एक कुख्यात आतंकवादी को। कर्नल को छुड़ाकर ले गए हमलावरों में से एक की तस्वीर टीवी पर देख उसको पहचान लिया प्राइवेट जासूस विजय की सेक्रेट्री रूबी ने। और विजय और रूबी लग गए उन आतंकवादियों की तलाश में। और फिर.........?

Saturday, June 19, 2010

नरभक्षी संगीत

अंटेरिया का भयानक जंगल जहाँ पर रहते थे कुछ ऐसे आदिवासी जो अपने आप को पेड़ो में बदल सकते थे। उन आदिवासियों के पास था एक ऐसा रहस्यमय वाद्य यंत्र जिसकी धुन सुनकर कोई भी इंसान अपने आप को नाचने से नहीं रोक पता था। इस भयानक जंगल में एक नई धुन की तलाश में चले आए कार्लो, शेरी, टॉम, रोज़र, सुमी और नैसी नाम के कुछ म्युसियन और ले उड़े वह अनोखा वाद्य यंत्र पर उसी यंत्र के साथ चली आई उन सबकी मौत। और फिर...............................?

Friday, June 18, 2010

अंतिम युद्ध

पुष्पकनगर के राजा भानुप्रताप की दो बेटियां वाचिका और वाणिका। वाचिका को था शिकार का शौक और शिकार करते हुए उसकी मुलाकात हुयी लांगुली नामक एक जंगली कबीले के सरदार दौवारिक से जिसकी बहादुरी देख वह उससे करने लगी प्रेम। परन्तु उसका प्रेम उसके पिता को मंजूर नहीं था इसलिए उन्होंने वाचिका की शादी विराटनगर के राजकुमार धीरजराज से तय कर दी परन्तु शादी वाले दिन दौवारिक ने महल पर हमला कर ले गया वाचिका को। तब राजा भानुप्रताप ने अपनी दूसरी पुत्री वाणिका का विवाह कर दिया धीरजराज से और सौंप दिया उसको अपना सारा राज्य जिससे खफा हो वाचिका बन गई अपनी बहन और उसके पति दी दुश्मन। और फिर.........?

Thursday, June 17, 2010

जिन्न की चोरी

अम्बिकापुरी जहाँ की प्रजा पर टूट पड़ा मुसीबतों का पहाड़। आये दिन होते रहते थे वहां लुटेरों के हमले उन लुटेरों की मदद करता था एक जिन्न जो लुटेरों को रोकने आये सैनिकों को ख़त्म कर देता। अम्बिकापुरी पर ही फैला था एक खूंखार मानवभक्षी राक्षस का आतंक जो अम्बिकापुरी के निवासियों को मार कर खा जाता और अम्बिकापुरी की किनारे बहती नदी जिस पर बाढ़ आने पर पूरा राज्य तहस-नहस हो जाता। इन सब मुसीबतों से परेशान वृद्ध राजा चतुर्भुज की थी एक और परेशानी की उसका बेटा राजकुमार पवन था बेहद आलसी और कामचोर तब राजा चतुर्भुज ने दिया अपने बेटे को आदेश इन सब मुसीबतों से छुटकारा दिलवाने का। और फिर........?

Wednesday, June 16, 2010

वरदान बना अभिशाप

कुषाणनगर में फैला राक्षसों का आतंक जो समुद्र से निकलते और कुषाणनगर के नागरिकों को उठा कर ले जाते। उनसे निपटने के लिए राजा शारंगधर ने किये कई उपाय परन्तु सब नाकाम। तब शारंगधर ने महर्षि मृत्युंजय की मदद से किया उन राक्षसों का विनाश। परन्तु मरते समय राक्षसों ने दिया शारंगधर को अभिशाप की अगले जन्म में वे लेंगे उसके ही घर में जन्म और लेंगे बदला महर्षि मृत्युंजय से और महर्षि मृत्युंजय ने भी शारंगधर को वरदान की उनका पुत्र देवगुण भी लेगा उसके यहाँ जन्म और दिलाएगा राक्षसों से मुक्ति। और फिर..........?

Tuesday, June 15, 2010

अग्निपुत्र

आम्रपुष्प का राजा नागराजन जिसके पास थी एक विनाशकारी तलवार जिसकी वजह से कोई उसको युद्ध में नहीं हरा पाता था। राजा शूलबाहू ने जादूगर चामुंडा की मदद से वह तलवार चुरा कर कर लिया आम्रपुष्प पर कब्ज़ा। राजा नागराजन बचकर भाग निकला और जा पहुंचा मदद के लिए महर्षि अग्निदेव की कुटिया पर जहाँ महर्षि अग्निदेव लगे थे अग्निपुत्र की प्राप्ति के लिए कठोर यज्ञ करने में। तब राजा नागराजन को करना पड़ा यज्ञ खत्म होने का इंतज़ार। इधर आम्रपुष्प पर कब्ज़ा कर शूलबाहू और जादूगर चामुंडा करने लगे प्रजा पर अत्याचार। और फिर.......?

Monday, June 14, 2010

अदृश्य मौत

शहर में अपना आतंक फैला रही थी अदृश्य मौत, हो रहे थे जगह-जगह बम विस्फोट परन्तु बम का नहीं मिल रहा था कोई नामोनिशान। उस अदृश्य मौत का रहस्य पता लगाने का ज़िम्मा उठाया सुपर मानव गगन ने। तभी आई खबर की नेशनल स्टेडियम को अदृश्य मौत द्वारा उड़ाने की धमकी दी गयी है जिसको रोकने जा पहुंचा गगन और उसकी टक्कर हुयी एक नकाबपोश से जिसके पास मिला एक रहस्यमय रिमोट। अब उस रिमोट का रहस्य जानने के लिए गगन पहुंचा प्रो.किशनलाल की प्रयोगशाला में। और फिर..........?

Sunday, June 13, 2010

यक्षलोक की राजकुमारी

नवरंगपुर का एक व्यापारी चंद्रसेन जिसने अपने व्यापर से बहुत धन कमाया पर उसके धन को लूटने की नियत से उससे मित्रता कर ली एक ठग चारुदत्त ने। दोनों व्यापर के लिए यात्रा पर निकले जहाँ एक निर्जन टापू पर चंद्रसेन को छोड़ चारुदत्त ले भगा उसका सारा धन और सामान लड़ा जहाज़। इधर टापू पर चंद्रसेन की मुलाकात हुयी एक यक्ष से जिसने उसको यक्षलोक आने का न्योता। यक्षलोक जाकर वह मोहित हो गया यक्षलोक की राजकुमारी यामिनी पर। परन्तु उससे विवाह करने की थी शर्त की उसकी कही गयी कहानी को पूरा करना होगा। और फिर........?

Saturday, June 12, 2010

लोभ का घड़ा

लाला पकोड़ीमल जिनकी मशहूर थी हलवाई की दूकान लेकिन लाला पकोड़ीमल थे अव्वल दर्जे के कंजूस। इतने कंजूस की मिठाइयों पर बैठी मक्खी भी इनको नहीं भाती। इनकी कंजूसी के चलते इनकी पत्नी पार्वती भी रहती परेशान जो पैसा वो बचा-बचा कर इकठ्ठा करती कंजूस सेठ उनको भी चालाकी से हथिया लेता। इतनी धन-दौलत इकट्ठी कर उनको सताने लगा चोर का डर और वो अपनी दौलत छुपाने के चक्कर में पड़ गए और उनके धन पर नज़र पड़ गयी एक ठग की। और फिर........?

Friday, June 11, 2010

पारस पत्थर

विशालगढ़ का राजा विक्रमसिंह जिसको मारकर खुद राजा बनने के चक्कर में पड़े बांकेलाल को एक दिन अचानक पता चला विक्रमसिंह के अतुल्य खजाने का राज़ जो था एक 'पारस पत्थर' जिसके सिर्फ छू लेने मात्र से कोई भी वस्तु सोने में बदल जाती थी। और बांकेलाल के दिमाग में कुलबुलाने लगी एक और योजना और बांकेलाल ले उड़ा विक्रमसिंह के खजाने से वो पारस पत्थर। और फिर............................?

Thursday, June 10, 2010

मोरदानव का अंत

अम्बिकापुर का राजकुमार अभिजीत जिसकी जंगल में शिकार करते हुए मुलाकात हुयी चन्द्रिका नाम की लड़की से जो असल में थी नागलोक की राजकुमारी। राजकुमार उस पर मुग्ध हो उससे शादी करने के लिए अपने महल ले आया परन्तु चन्द्रिका वापस लौट गयी नागलोक। इधर जब राजकुमार अभिजीत के लिए राजा अभ्युदय की बेटी मालविका के विवाह का प्रस्ताव आया तो राजकुमार ने उसको ठुकरा दिया। जिसे अपना अपमान समझ राजा अभ्युदय ने युद्ध में जीत लिया अम्बिकापुर राज्य और राजकुमार अपनी जान बचाता हुआ जा पहुंचा नागलोक। जहाँ उसको दिख गयी चन्द्रिका और उसको पाने का था एक ही उपाय नागों पर आतंक फ़ैलाने वाले मोरदानव का अंत। और फिर.......?

Wednesday, June 9, 2010

अभिमानी नर्तकी

पुष्पक नगर के राजा विजयवर्धन जिसकी पुत्री चंद्रमुखी को हासिल थी नृत्यकला में महारत। अपनी इस कला पर उसको था बहुत अभिमान। राजकुमारी चंद्रमुखी का सेवक महावत उससे करता था प्रेम परन्तु जब उसने अपने प्रेम का इज़हार किया तो अभिमानी राजकुमारी ने कर दिया उसका अपमान। अपने इस अभिमान की वजह से ही वह कर बैठी एक महर्षि की तपस्या भंग और इससे क्रोधित हो महर्षि ने दिया उसे शाप की उसका होने वाला पति उसको भूल जायेगा और हो जायेगा अँधा। राजकुमारी चंद्रमुखी का विवाह हुआ कौशलपुर के राजकुमार शक्तिप्रताप के साथ और महर्षि के शाप के कारण वह हो गया अँधा और भूल गया अपनी पत्नी को। और फिर........?

Tuesday, June 8, 2010

विनाशकारी तलवार

आम्रपुष्प राज्य जिस पर हमला किया दुश्मन देश के राजा शूलबाहू ने परन्तु उसे करना पड़ा हार का सामना क्योंकि आम्रपुष्प के राजा नागराजन के पास थी एक अद्भुत विनाशकारी तलवार जिसके दम पर वह किसी भी दुश्मन को मात दे सकता था। हार से तिलमिलाए हुए राजा शूलबाहू ने बनायीं योजना नागराजन की उस विनाशकारी तलवार को हथियाने की और दुष्ट जादूगर चामुंडा की मदद से गायब कर ली शूलबाहू ने वो तलवार और फिर युद्ध में जीत लिया आम्रपुष्प राज्य और वहां से भागना पड़ा राजा नागराजन को। और फिर........?

Monday, June 7, 2010

स्वर्ग की मुसीबत

बेचारा बांकेलाल, विशालगढ़ का राजा बनने की चाहत में जो भी योजना बनता उसका उल्टा हो जाता। इससे दुखी होकर बांकेलाल ने आत्महत्या करने की ठान ली। और उसके बाद यमराज ने उसे भेज दिया स्वर्गलोक में जहाँ चल रहा था देवों और असुरों में युद्ध। बांकेलाल स्वर्ग में पहुंचकर भी अपनी शैतानी से बाज़ नहीं आया और शरारत में ख़राब कर दिए देवताओं के सारे अस्त्र-शस्त्र। और फिर...............................?

Sunday, June 6, 2010

खुनी गुफा

मूंगा कबीला जहाँ इन दिनों मचा हुआ था एक दुसरे कबीले चांगची के खूंखार लड़ाकों का कहर जो हर रोज़ उठा ले जाते मूंगा कबीले के एक व्यक्ति को और उस व्यक्ति को कैद कर भेज देते एक खुनी गुफा के अन्दर जहाँ एक शैतान राक्षस पक्षी उस कैदी को मार कर खा जाता। इधर अद्वितीय नगर के राजा अद्वितीयराज को रोज़ सपने में दिखने लगी थी उसकी बिछड़ी हुयी माँ जिसको कैद कर भेजा जा रहा था खुनी गुफा में। यह सपना देख राजा अद्वितीयराज चल पड़ा अपनी माँ की तलाश में। और फिर.........?

Saturday, June 5, 2010

खंडहर की राजकुमारी

कश्मीर से कन्याकुमारी तक की रोमांचक मोटर सायकिल यात्रा पर निकला था छः लड़के-लड़कियों का एक ग्रुप। ऊटी की पहाड़ी रास्तों में अचानक उनमे से एक लड़के नटवर का हो जाता है एक्सीडेंट इसलिए उनको चाहिए था रुकने के लिए एक स्थान तभी उनको दिखाई दिया दूर एक आलिशान महल जब वह उसके पास पहुंचे तो उसकी जगह पर पाया एक पुराना खंडहर। तब वह जा पहुंचे पास के एक गाँव। रात को उन लड़कों में से एक लड़के दीपक को दिखा सपने में वही पुराना खंडहर महल जिसमे कोई लड़की पुकार रही थी उसको। बाद में गाँव के एक निवासी ने बताया की वो थी खंडहर की राजकुमारी की अतृप्त रूह जिसको इंतज़ार था अपने राजकुमार का। और फिर.......?

Friday, June 4, 2010

लुटेरी चिंगारियां

अपराध की दुनिया का कुख्यात अपराधी और गगन का कट्टर दुश्मन प्रो.नारमन जेल तोड़कर हो गया फरार और फिर लग गया अपराधिक गतिविधियों में। इस बार उसने खोज की सोना चुराने वाली चिंगारियों की जिसकी मदद से उसने पुरे शहर के जौहरी बाज़ार में मचा दी खलबली। अब उसका मकसद था गगन और ताहिरा से बदला लेना इसके लिए उसने प्रो.किशनलाल और रजनी का करवा लिया अपहरण और उनके एवज में बुलाया गगन और ताहिरा को अपने खतरों से भरे अड्डे पर। और सुपर मानव गगन और ताहिरा चल पड़े प्रो.नारमन का सामना करने। और फिर........?

Thursday, June 3, 2010

सबसे बड़ी साजिश

शक्तिशाली कौशांग नरेश अजीतपाल सिंह जिसकी तमन्ना थी समस्त राज्य को जीतकर अपना वर्चस्व फैलाना परन्तु अपने पडौसी राज्य दिव्यनगरी से उसे करना पड़ा हार का सामना तब उसने रची एक खतरनाक साजिश। इधर दिव्यनगरी के राजा दिव्यकुश के राजकोष से प्रतिदिन गायब होने लगी एक अशर्फी। कोई भी न जान पाया उसका रहस्य तब उस रहस्य को सुलझाने राजदरबार में आया प्रतापसिंह नामक एक परदेसी। और फिर...........?

Wednesday, June 2, 2010

मौत की आंधी

बसरा शहर जहाँ फैला हुआ था आतंक ज़ालिम लुटेरे काला शैतान का जो मौत की आंधी बना आता और कत्ले-आम कर सब कुछ लूट ले जाता। काला शैतान से अपने आवाम की हिफाज़त करने में नाकाम रहा बसरा शहर का बादशाह अबुहसन। इधर काला शैतान की नज़र पड़ गयी बसरा की शहजादी ज़ाहिर पर और वो उसे उठा ले गया। बादशाह अबुहसन ने पीर बाबा से पूछी काला शैतान से छुटकारे की तरकीब और उन्होंने बताया की उसकी मौत लिखी है बगदाद के शहजादे फ़िरोज़ के हाथों। और फिर...........?

Tuesday, June 1, 2010

गोल्ड मैडल

निशानेबाज़ी का नेशनल चैम्पियन मुकेश कपूर जो बीजिंग में होने वाले एशियन गेम्स में कर रहा था भारत की अगुवाई स्वाभाव से था बेहद गुस्सैल। एक शाम जब वह घर पहुंचा तो उसने अपने घर पर देखी सोनिया नामक उस लड़की की लाश जो उसकी प्रेमिका अंजना की बड़ी बहन थी और उसके और अंजना के रिश्ते के खिलाफ थी। घर पर लाश मिलने की वजह से शक के बिनाह पर पुलिस ने हिरासत में ले लिया मुकेश कपूर को। तब मुकेश कपूर की प्रेमिका ने उसका केस सौंप दिया बैरिस्टर विश्वनाथ को और विश्वनाथ लग गया के को सुलझाने। और फिर...........?