रामगढ़ गाँव का शरारती बांकेलाल जिसने जब भगवान शंकर से की शरारत तो उन्होंने दे दिया उसे शाप कि जिसका वो बुरा करना चाहेगा उसका हो जायेगा भला। अब कई शरारतें करता और नाम कमाता बांकेलाल प्रसिद्ध हो गया और उसकी प्रसिद्धी जा पहुंची विशालगढ़ के राजा विक्रमसिंह तक। उसने बुलवा भेजा बांकेलाल को अपने राजमहल पर बांकेलाल को सूझ गई विशालगढ़ के मंत्री और राजा से करने के लिए शरारत। और फिर..........................?
Wednesday, March 31, 2010
Tuesday, March 30, 2010
बांकेलाल का कमाल
रामपुर गाँव के किसान ननकू और गुलाबवती का बेटा बांकेलाल जो भगवान शिव के आशीर्वाद से पैदा हुआ था। परन्तु माँ-बाप के प्यार ने उसे इतना शरारती बना दिया की वो भगवान शंकर के साथ शरारत करने से भी नहीं चूका। भगवान शंकर ने उसकी शरारत से क्रोधित होकर उसे हमेशा शरारती रहने का शाप दिया पर बांकेलाल की माँ की फरियाद पर शंकर भगवान ने शाप में फेरबदल कर कहा की बांकेलाल अपनी शरारत से जिसका भी बुरा करना चाहेगा उसका भला हो जायेगा, और इसी चक्कर में इसका बहुत नाम होगा। उसके बाद शुरू हो गई बांकेलाल की एक से बढकर एक शरारत। और फिर.........................?
Monday, March 29, 2010
Sunday, March 28, 2010
मंदिर का हीरा
भारत और बर्मा के निकट दिव्यगढ़ के पहाड़ की चोटी पर बना अग्निदेव का मंदिर जिसमे अग्निदेव की मूर्ति में लगा हुआ था एक अनमोल हीरा। उस हीरे को चुराने के लिए कई विदेशी अपराधी लगे हुए थे परन्तु कोई भी उस हीरे को चुरा नहीं पाया। उस हीरे को चुराने का काम सेठ धरमदास ने न्युयोर्क के शातिर चोर पीटरसन को दे दिया। उधर इस हीरे की सुरक्षा के लिए दिव्यगढ़ के महाराज ने बुलाया जासूस टोपीचंद को। और फिर.............?
Saturday, March 27, 2010
लालघाटी का राक्षस
परियों की राजकुमारी नीलम जो पृथ्वीलोक देखने की जिद कर जा पहुंची पृथ्वी पर और वहां महात्मा सदानंद की तपस्या भंग कर उनके शाप के कारण पत्थर की बन गयी। उसको वापस ठीक करने का था एक ही उपाय की लालघाटी के राक्षस को मरकर उसके खून से स्नान के पश्चात् ही ठीक हो सकती थी राजकुमारी। इधर लाल राक्षस गौरवपूर की राजकुमारी स्नेहलता को उठा ले गया तो लाल राक्षस से राजकुमारी को छुड़ा लाने के लिए निकल पड़ा उसका मंगेतर राजकुमार विजय। और फिर..............?
Friday, March 26, 2010
कोबरा घाटी
नागराज, जिसने दक्षिण अफ्रीका के काले लोगों को गोरी सरकार के अत्याचारों से बचाने के लिए जनरल टमटा के खिलाफ बगावत छेड़ दी। जनरल टमटा ने उन्हें रोकने के लिए खुनी कबीले के सरदार टांगो को भेजा। और टांगो ने अपने मुंह से निकलती आग से नागराज और उसके साथियों को हार मानने पर मजबूर कर दिया। इधर नागराज को बाबा गोरखनाथ ने बताया टांगो की आग से बचने का उपाय 'पोलक मणि' जो मिल सकती थी महर्षि ज्वालानाथ के पास 'कोबरा घाटी' में। और नागराज चल पड़ा पोलक मणि प्राप्त करने, जहाँ उसकी राह रोकने आये कई खतरनाक और दुर्लभ सांप। और फिर............................?
Thursday, March 25, 2010
Wednesday, March 24, 2010
लाश का चक्कर
मशहूर अपराधी चींटासिंह जेल से फरार हो गया और इधर चींता सिंह के साथियों लालू-कालू के हांथो हो गयी एक सेठ की हत्या। सेठ की लाश ठिकाने लगाने के लिए उन्होंने रख दी लाश एक ताबूत में परन्तु वो ताबूत लग गया चींटासिंह के दुश्मन अगलू-पिछ्लू के हाथ जो एक अन्य ताबूत को पहुंचा रहे थे प्रो ज़िमज़िम के पास। अब वे इस लाश के चक्कर से बचने के लिए लगाने लगे तिकड़म। और फिर..........?
Tuesday, March 23, 2010
घंटेवाली चुड़ैल
सोनपुर का व्यापारी धनराज जिसके पास थे दो बलशाली अंगरक्षक पहलवान संजीवक और नंदू। एक बार व्यापर के दौरान चंद्रनगर के जंगल में उनके काफिले पर किया एक वनमानुष ने हमला जिसको संजीवक और नंदू ने बहादुरी दिखाकर पकड़ लिया। जब इन दोनों की बहादुरी की खबर चंद्रनगर के मंत्री दमनक को लगी तो उसने इन दोनों की सहायता से शूरसेन को लूटने की सोची। और उन दोनों को लेकर महाराज के पास पहुंचा तो सेनापति ने उन दोनों की परीक्षा लेने के लिए घंटे वाली चुड़ैल को मारने के लिए कहा। और फिर..........?
Monday, March 22, 2010
ख़ूनी कबीला
नागराज, दुनिया भर के आतंकवादियों को ख़त्म करता हुआ इस बार जा पहुंचा दक्षिण अफ्रीका जहाँ पर गोरी सरकार वहां के काले निवासियों पर अत्याचार करती थी। नागराज जा मिला उन काले नागरिकों के साथ। इधर दक्षिण अफ्रीका के जनरल टमटा को मिली काले नागरिकों के बगावत की खबर और उसने इस बगावत को रोकने के लिए भेजा ख़ूनी कबीले के सरदार टांगो को जिसके मुंह से आग निकलती थी, जा पहुंचा नागराज को ख़त्म करने। और फिर...............................?
Sunday, March 21, 2010
चन्द्रहार की चोरी
उज्जयिनी नगर का राजा विक्रम जिसके दरबार में एक दिन आया एक ब्राह्मण जो जानता था एक अनोखी कला कि किसी भी व्यक्ति जिसको पहले कभी न देखा हो उसकी तस्वीर बना लेना। राजा विक्रम ने उससे सीख ली वो कला और निकल पड़ा उसको परखने के लिए और जा पहुंचा एक दुसरे नगर परन्तु इस कला की वजह से रानी के चन्द्रहार की चोरी के आरोप में फंस गया राजा विक्रम का मित्र। और फिर............?
Saturday, March 20, 2010
रोमन हत्यारा
हजारों साल पहले के एक रोमन योद्धा का टोप खुदाई करते हुए मिला, जिसकी खासियत थी कि उसको पहनने वाले को मिल जाती थी अमानवीय ताकत। म्युसियम में रखा ये टोप हो गया चोरी, और शुरू हो गया टोप का रहस्य जानने वालों की हत्याओं का सिलसिला। अब इस रोमन हत्यारे को रोकने की ज़िम्मेदारी मिली सुपर कमांडो ध्रुव को। और फिर...................................?
Friday, March 19, 2010
मुफ्त की मुसीबत
अगलू और पिछ्लू का जानी दुश्मन चींटा सिंह जिसको उन दोनों के कारण ही जेल जाना पड़ा था, जेल से भाग निकला और उसके हाथ लग गया एक बच्चा जिसकी फिरौती के बदले वो हडपना चाहता था उसके बाप से रकम। इधरअगलू-पिछ्लू भी अपने बाप के गुस्से से बचने के लिए जा पहुँच वैज्ञानिक जिम-जिम की प्रयोगशाला में जहाँ वो बना रहा था एक रोबोट स्त्री। और फिर.............?
Thursday, March 18, 2010
बारूद के धमाके
गगन और ताहिरा जिनको एक दिन मिलती है चलती हुयी गाड़ी में एक लाश, इससे पहले की वो उस लाश के बारे में कुछ पता लगाते उन पर कर दिया कुछ अज्ञात अपराधियों ने हमला। उनको सबक सिखाकर जब उन्होंने उन बदमाशो की कार की तलाशी ली तो उसमे मिली एक औरत जिसने उन दोनों को बताया उन अपराधियों के बारे में जो करते थे लड़कियों को विदेशो में बेचने का कारोबार। यह सुनकर गगन और ताहिरा निकल पड़े उन जालिमो को सबक सिखाने। और फिर.............?
Wednesday, March 17, 2010
टुनटुन का हंगामा
अगलू और पिछ्लू दोनों महा शैतान भाई जिनको लोगो को परेशान करके उनकी खटिया कड़ी करने में मज़ा आता था। अपने पिता चाबुक सिंह की पिटाई से डरते और पड़ौसी चोटीलाल को हरदम सताते। अपने एक और पड़ौसी वैज्ञानिक जिम-जिम जो ऊट-पटांग के अविष्कार करता उनके अविष्कार का बंटाधार करते। इस बार दोनों पड़ गए चोटीलाल की शादी कराने के चक्कर में और ढूंढ़ कर लाये गाँव के मुखिया जी की मोटी से बेटी टुनटुन को। और फिर...............?
Tuesday, March 16, 2010
जलदेवता का वरदान
रघुपुर गाँव का किसान सरजू जो बहुत मेहनती और और खुशमिजाज़ इंसान था उससे जलता था उसके पड़ोस में रहनेवाला किसान हरिहर। हरिहर हमेशा सरजू को परेशान करता रहता और उनको मारने की कोशिश करता परन्तु वोउसका कुछ नहीं बिगाड़ पाता। एक बार एक जलदेवता के वरदान से सरजू के हो गए वारे-न्यारे और वो हो गया अमीर। इससे जलभुन कर हरिहर ने भी ठान लिया की वो भी प्राप्त करेगा जलदेवता का वरदान। और फिर..............?
Monday, March 15, 2010
प्रतिशोध की ज्वाला
ज्यूपिटर सर्कस, जहाँ दर्शकों के मनोरंजन के लिए एक से बढ़कर एक कलाबाज़ अपने हैरतअंगेज़ कारनामे दिखाने से भी नहीं चुकते। इन्हीं कलाबाजों में कलाबाज़ श्याम और राधा का बेटा ध्रुव जिसका बचपन सर्कस के कलाकारों और जानवरों के बीच बीता और खुद भी एक बेमिसाल कलाबाज़ बना। पर ज्यूपिटर सर्कस की ये कामयाबी उसके प्रतिद्वंदी ग्लोब सर्कस को नहीं भायी, और उसने ज्यूपिटर सर्कस को तबाह कर दिया, सभी कलाबाज़ मारे रह गया सिर्फ ध्रुव। और उसने कसम खाई कि दुनिया से सभी बुरे लोगों को ख़त्म कर देगा। और फिर........................?
Sunday, March 14, 2010
खुनी चेहरा
प्रभात कोल्ड स्टोरेज के मालिक प्रभात सेन जिसकी जायदाद पर कब्ज़ा करने के लालच में उसके पार्टनर चटवाल ने अपने साथियों के साथ मिलकर कर दिया उसका और उसकी बेटी अनु का क़त्ल और दफना दिया उनकी लाश को। पुलिस भी पता नहीं लगा पाई उन दोनों का। परन्तु चटवाल और उसके साथी यह जुर्म करने के बाद भी बच नहीं सके क्योंकि अपनी हत्या का प्रतिशोध लेने आ गयी प्रभात सेन की आत्मा। और फिर............?
Saturday, March 13, 2010
प्रलयंकारी नागराज
नागराज, यूरोप के गैंगस्टर सीमैन की तलाश में प्रेस रिपोर्टर टीना के मदद से जा पहुंचा मोंट-कार्लो जहाँ उसकी टक्कर हुई सीमैन के दायें हाथ हंटर से। नागराज को बचकर भागना पड़ा हंटर से पर नागराज और टीना को सीमैन के आदमियों द्वारा पकड़ लिया गया। और डाल दिया एक ऐसी कैद में जहाँ से निकलना किसी भी आम आदमी के लिए नामुमकिन था। अब नागराज को करना था एक और असंभव काम। और फिर..................................?
Friday, March 12, 2010
कब्रिस्तान के भूत
गाँव का वीरू बनिया और धीरू किसान दोनों में थी बहुत अच्छी मित्रता। वीरू की थी आदत कि वो किसी को भी दिया उधार नहीं छोड़ता और वसूल करके ही रहता वहीं धीरू की आदत थी कि वो जिससे उधार लेता किसी भी हालत में वापिस नहीं करता। एक दिन दोनों गए मेले में वहां वीरू का हो गया धीरू पर आधे पैसे का उधार। अब वीरू जब भी मांगता अपना उधार वापिस तो धीरू देता टाल। अब दोनों लगाने लगे तिकड़म अपनी साख बचाने के लिए। और फिर..........?
Thursday, March 11, 2010
झीलमहल की राजकुमारी
रजतगढ़ के राजा रजनीकांत को सपनो में दिखाई देता था झील के अन्दर बना एक अनोखा महल और उसकी राजकुमारी जिस पर वो मोहित हो गया। उस महल और राजकुमारी को ढूंढ़ निकाला उसके द्वारा राज्य से निकाले हुए एक दरबारी चोखेलाल ने। फिर राजा रजनीकांत ने उस राजकुमारी चन्द्रिका से कर लिया विवाह यह देख चोखेलाल लगा पछताने और बदले की आग में उसने धोखे से रजनीकांत के शरीर पर कर लिया कब्ज़ा। और फिर...........?
Wednesday, March 10, 2010
जौहर और गिरहकट
जौहर के दफ्तर में पहुंचा बुलबुल सिंह नाम का शख्स जो उसके 'दनादन' अख़बार में छपवाना चाहता था अपने भाई मखासिंह के खोने का इश्तिहार। उन्ही दिनों शहर में मचा हुआ था एक जेब कतरे लखासिंह का कोहराम जो चुटकियों में ही कर देता था किसी की भी जेब साफ़। अब जौहर, कप्तान तिरंगा, और कड़क सिंह, खड़क सिंह पड़ गएलखासिंह और मखासिंह को पकड़ने के चक्कर में। और फिर.............?
Tuesday, March 9, 2010
पेट्रोल की खेती
जासूस टोपीचंद को आया एक अमीर सेठ द्वारकाचंद का बुलावा जो टोपीचंद को भेजना चाहते थे के मिशन पर देशद्रोहियों का पाता लगाने परन्तु ये थी दुश्मनों की एक चाल क्योंकि वह अपना एक ख़ास मकसद पूरा करवाना चाहते थे टोपीचंद के द्वारा। टोपीचंद उनके जाल में फंसकर जा पहुंचा मनाली के सुन्दर वन में जहाँ उसका सामना हुआ अजीबोगरीब प्राणियों से। और फिर.................?
Monday, March 8, 2010
विचित्र खोपड़ी
सुन्दर नगर का राजा धर्मवीर अपने 19 वर्षीय पुत्र और पत्नी को छोड़कर तीर्थ यात्रा पर निकल गया क्योंकि वह 20वें वर्ष में अपने पुत्र की मृत्यु नहीं देखना चाहता था परन्तु दुष्ट जादूगर भूटान भाटा के विचित्र खोपड़ी द्वारा मारा गया और जादूगर भूटान भाटा रूप नगर की राजकुमारी को उठा कर ले गया। इधर राजा धर्मवीर का पुत्र सुदर्शन कारागार से भाग कर इधर-उधर भटकता हुआ जा पहुंचा जादूगर भूटान भाटा के महल में। और फिर..........?
Sunday, March 7, 2010
चमत्कारी सेब
सुन्दर नगर का पराक्रमी राजा धर्मवीर जिसकी कोई संतान नहीं थी, एक ऋषि ने उसको दिया एक चमत्कारी सेब जिसके खाने से उसकी पत्नी दे सकती थी राजकुमार को जन्म परन्तु उस राजकुमार की उम्र केवल 20 वर्ष होनी थी। 19 वर्ष बाद अपने पुत्र सुदर्शन का बिछोह न सह पाने की सोच कर वह तीर्थ यात्रा पर निकल पड़ा और जा पहुंचा रूपनगर के जंगलों में जहाँ मचा हुआ था एक राक्षस का आतंक। इधर राजा धर्मवीर की गैरमौजूदगी में महामंत्री माधोसिंह ने कर दी बगावत और राजकुमार सुदर्शन और रानी रुकमनी को कैद कर सुन्दर नगर पर कर लिया कब्ज़ा। और फिर...............?
Saturday, March 6, 2010
ख़ूनी जंग
विश्व आतंकवाद का दुश्मन नागराज, अपने दोस्त डान से यूरोप के गैंगस्टर सीमैन के बारे में पता लगाकर मोंटोकर्लो के लिए निकला, पर सीमैन ने उसे रास्ते में ही मरवाना चाहा, मजबूरन नागराज को पैरिस उतरना पड़ा, जहाँ उसे मिली न्यूज़ रिपोर्टर टीना जिसके साथ मिलकर उसे पहुचना था डिसिल्वा तक जो उन्हें मिलवा सकता था सीमैन से। डिसिल्वा तक पहुचने के बाद हुआ नागराज का सामना हुआ सीमैन के दायें हाथ हंटर से। और फिर.......................?
Friday, March 5, 2010
हत्यारी ट्रेन
खुद को काम से निकाले जाने पर बदला लेने के लिए सुपर डीलक्स एक्सप्रेस के ड्राईवर जॉन ने उस नयी ट्रेन को स्पीडो बम से उड़ाने का फैसला किया जिसकी वजह से ट्रेन की स्पीड कम होते ही ट्रेन फट जाती। इस बात का पता चलने पर जॉन का दोस्त विक्टर और जॉन की बहन नीलू पड़े जॉन को रोकने परन्तु इससे पहले वो जॉन को रोक पते उसने ट्रेन में बम लगा दिया। अब विक्टर और नीलू का एक ही मकसद था की इस हत्यारी ट्रेन को फटने से रोकना और सैकड़ों लोगों की जान बचाना। और फिर.................?
Thursday, March 4, 2010
Wednesday, March 3, 2010
जासूस टोपीचंद और सितारों की फौज
दुनिया भर के वैज्ञानिक चिंतित थे नदियों, समुन्द्रों के पानी में भारी कमी आ जाने की वजह से वही दूसरी और शहर के छोटे बच्चे करने लगे थे अजीबोगरीब बातें की उनसे मिलने के लिए आकाश से तारे आते और उनके साथ खेलते हैं। इन रहस्यों को सुलझाने का बीड़ा उठाया जासूस टोपीचंद ने और उसकी मुठभेड़ हुयी एक बहुत बड़े और रहस्यमयी सितारों की फौज से। और फिर...............?
Tuesday, March 2, 2010
अक्ल की करामात
मगध के प्रधानमंत्री चाणक्य के शिष्य चन्द्रगुप्त की बुद्धि देखकर राजा नन्द प्रसन्न हो उठा। परन्तु अपने पुत्रों के बहकावे में आकर उसने चन्द्रगुप्त को कारागार में डलवा दिया। इधर मगध राज्य में फैला एक भयंकर शेर का आतंक। उस शेर को पकड़ने में नाकाम रहे राज्य के सैनिक, सेनापति और राजकुमार। तब राजा ने भेजा चन्द्रगुप्त को शेर पकड़ने के लिए। और फिर............?
Monday, March 1, 2010
मौत का सफ़र
राजनगर स्टेशन पर चलने के लिए खड़ी राजधानी सुपर डीलक्स एक्सप्रेस जिसके ड्राईवर जॉन को निकाल कर उसके दोस्त विक्टर को उस नयी ट्रेन का ड्राईवर नियुक्त कर दिया गया। इस बात का बदला लेने के लिए जॉन ने ट्रेन को स्पीडो बम से उड़ाने का फैसला किया और चल पड़ा ट्रेन में बम लगाने। इस बात का पता चलने पर जॉन का दोस्त विक्टर और जॉन की बहन नीलू भी निकल पड़े जॉन को रोकने। और फिर.................?
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