दिव्योग नगर, जहाँ अपनी माँ के साथ रहता था शमशान में मुर्दे जलाने वाला चांडाल टिंडे उस नगर पर छा गया एक दुष्टात्मा का प्रकोप जिसने टिंडे के शरीर पर कब्ज़ा कर मचा दिया हाहाकार इसलिए नगरवासियों ने दुष्टात्मा को भागने के टिंडे पर किये अत्याचार जिसके सदमे में चली गयी उसकी माँ की जान उसके बाद टिंडे हो गया नगर से गायब। और प्रत्येक वर्ष नगर के एक पर्वत की चोटी पर बनने लगे रहस्यमय शिल्प जो चार वर्ष पश्चात हो गए जीवित और लौट आया चांडाल, तीन अन्य शैतानो के साथ और उन चांडाल चौकड़ी ने मच दिया नगर में कोहराम जिसको रोकने में रहे नाकाम राजकुमार दिव्योगा तब उसने मदद के लिए पुकारा तिलिस्मदेव को। और फिर...........?
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