तांत्रिक कलमुण्डी जो कर रहा था एक विचित्र तंत्र क्रिया जिससे उसने बनायी काली आंधी। उस काली आंधी को वो दुष्ट तांत्रिक प्रतिदिन भेज देता सौरभ नगर में पांच घरों को तबाह करने के लिए। काली आंधी के प्रकोप से बचने के लिए सौरभ नगर वासियों ने लगायी राजा सौरभ सिंह से गुहार। राजा सौरभ सिंह इस समस्या के समाधान के लिए पहुंचे कुलगुरु शिष्टाचार्य के पास जिन्होंने उसे बताया की वो तांत्रिक कलमुण्डी और कोई नहीं उसी जादूगर कंटीला का बेटा है जिसने बरसों पहले राज्य पर अधिकार करने के लिए हमला किया था और सौरभ सिंह ने ही उसका अंत किया था। अब कलमुण्डी लेना चाहता था उसी का बदला तब कुलगुरु शिष्टाचार्य ने बनायी कलमुण्डी और काली आंधी से निबटने की योजना। और फिर...............?
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