कंकड़बाबा के शाप के कारण विभिन्न योनियों से होते हुए बांकेलाल और विक्रम सिंह इस बार आ पहुंचे गजलोक जहाँ छाया हुआ था मच्छर दानवों का आतंक जिनके काटने पर होती थी बीमारी मलोरा ज्वर और उस ज्वर से बचने का एकमात्र इलाज तुनैन औषधि। बांकेलाल की शैतानी की वजह से गजलोक को मुक्ति मिली मच्छर दानवों से फिर गजलोक से निकल कर दोनों वापस आ पहुंचे पृथ्वी पर जहाँ पहुँचते ही बांकेलाल और विक्रमसिंह का सामना हुआ खतरनाक नरभक्षी लुटेरों से। और फिर................?
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