मसानपुर जहाँ बसते थे दरिन्दे, उन दरिंदों के आतंक से अपने राज्य चोल नगरी को बचाने के लिए अपनी अमोध शक्ति से मसानपुर में कहर ढा दिया था राजा प्रकाण्ड चोल ने। उस कहर के कारन 200 वर्षों तक खंडहर बना रहा मसानपुर वहां के दरिंदों की लाशें वैसे की वैसे ही पड़ी थी और इन 200 वर्षों में मसानपुर राजा टकला मसान ने की घोर तपस्या जिससे प्रसन्न हो इष्ट देव ने उसको दी अमोध शक्ति से भी बड़ी मौतांक जिसकी कोई काट नहीं थी तीनों लोकों में। अब उस मौतांक शक्ति को ले 200 वर्ष पूर्व हुयी तबाही का बदला लेने टकला मसान चल पड़ा चोल नगरी जहाँ के वर्तमान राजा प्रकाण्ड चोल के पोते विजेंद्र चोल ने उसको रोकने की की कोशिश परन्तु रहा नाकाम। तब उसने मदद के लिए पुकारा तिलिस्मदेव को। और फिर.............?
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