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Friday, August 27, 2010

अंगूठी के दीवाने

जादूगर कालचक्र जो एक बहुत बड़ा जादूगर था उसके पास जादू सीखते थे चंद्रनाथ और वृश्चिक। कालचक्र ने दोनों को सिखाए जादूगरी के कई गुर और बताया अपनी एक जादूई अंगूठी के बारे में जिसमें रहता था एक जिन्न जो अंगूठी के मालिक की सभी मनोकामनाएं पूरी कर देता था। उस अंगूठी को पाने के लिए कालचक्र के दोनों शिष्यों ने रची साजिश और कर दिया कालचक्र का कत्ल। परन्तु दोनों आपस में लड़ पड़ें अंगूठी को पाने के लिए। लड़तेलड़ते अंगूठी ले भागा वृश्चिक और छुपा दी वो जादूई अंगूठी एक पेड़ के खोखल में परन्तु वहां से उस अंगूठी को निकाल ले गया गांव का एक युवक रणधीर। जब वृश्चिक और चंद्रनाथ को पता चली अंगूठी के गायब होने की बात तो दोनों चल पड़े अंगूठी चुराने वाले की तलाश में। और फिर...............?

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