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Thursday, August 19, 2010

परोपकार का मूल्य

सत्यापुर गांव का गरीब मजदूर हरिया जो मेहनत करके अपना व अपनी मां का पेट भरता। एक बार अपने बीमार होने की वजह से मां की तकलीफ न देख पाया तो आत्महत्या के इरादे से नदी में कूद पड़ा जहां से उसकी जान बचाई उदयपुर के राजा उदयसिंह ने जिसने हरिया की जान बचाने के साथसाथ उसको उप सेनापति भी बना दिया। इधर राजा उदयसिंह को भी था एक दुख क्योंकि उसकी पुत्री राजकुमारी उत्तरा को उठा ले गया था शिखण्ड देश का दुष्ट राजा अग्निविजय जिसने अग्निदेव को अपना दास बना रखा था। यह जान राजा उदयसिंह के परोपकार तले दबे हरिया ने ठान लिया अग्निविजय के कैद से राजकुमारी उत्तरा को वापिस लाने का। और फिर...........?

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