एक विशाल रेगिस्तान के बीचोंबीच बने किले में रहता था दुष्ट जादूगर होशांग जो अपने किले के पास आने वाले लोगों को मार देता या बन्दी बना लेता। ऐसे ही एक बार वहां से गुजर रही चंदनगढ़ की राजकुमारी रूपलेखा के काफिले पर हमला कर दिया जादूगर होशांग ने जहां चंदनगढ़ का सेनापति दुर्जनसिंह मिल गया जादूगर होशांग से परन्तु राजकुमारी रूपलेखा भाग निकली और उसकी मुलाकात हुई महर्षि विद्यानंद के आश्रम में शस्त्र विद्या सीख रहे सुन्दरनगर के राजकुमार जयराज से जिसने उसको वापिस चंदनगढ़ पहुंचाया। जादूगर होशांग ने चंदनगढ़ से अपहरण कर लिया राजकुमारी रूपलेखा का जिसको वापिस लाने के लिए निकल पड़ा राजकुमार जयराज जादूगर के किले में। और फिर.........?
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