अजीतनगर में आतंक मचा रहा था इंसानों का रक्त पीने वाला एक शैतान। जिसे पकड़ा गया तो पाता चला की वो अजीतनगर के महामंत्री का बेटा तिलकराज था। तिलकराज को दे दी गयी काली मौत की सजा पर बाहर रह गया उसका एक कटा हुआ हाथ। तिलकराज की सजा के बाद अजीतनगर में सबकुछ सामान्य हो गया। पर दस वर्षों के बाद एक बार फिर लौट आया तिलकराज का कटा हुआ हाथ और अजीतनगर में एक बार फिर मंडराने लगा खौफ का साया। इस समस्या से निपटने का एक ही तरीका था तहखाने में बंद तिलकराज के शव का नष्ट हो जाना। इधर तिलकराज को शैतान बनाने वाले तांत्रिक कपाली को भी चाहिए था तिलकराज का शव जिससे वो उसे दोबारा जिंदा कर सके। और फिर.............................?
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