Pages

Monday, August 30, 2010

बांकेलाल और तिलिस्मी जाल

विशालगढ़ के राजा विक्रमसिंह के पुत्र को हो गयी जीर्ण-शीर्ण नामक बीमारी जिसका इलाज था सोंपू सांप की लार या मृत संजीवनी बूटी। इस इलाज को ढूंढने के लिए भेजा गया बेचारे बांकेलाल को। इधर विशालगढ़ में आई हुई थी एक नई मुसीबत जादूगर कुक्कड़शाह और उसके तिलिस्मी जाल के कारण जिसके द्वारा वह किसी भी व्यक्ति को पत्थर में बदल सकता था। इधर मृत संजीवनी बूटी की तलाश में निकले बांकेलाल को सूझ गयी एक और शरारत और उसने मृत संजीवनी बूटी की जगह ज़हर की बूटी ले जाने की योजना बनाई। और फिर.......................?

1 comment: