Pages

Sunday, May 1, 2011

तिलिस्मदेव और मेढकासुर

कूपमंडूक नगर में मचा था मेढकासुर का आतंक जो अपने मेढकास्त्र से किसी को भी बना देता मेढक। मेढकासुर का अंत करने निकला राजा दमतोड़ सिंह परन्तु मेढकासुर की शक्ति के आगे वो खुद पड़ गया संकट में और संकट में उसने मदद के लिए पुकारा तिलिस्मदेव को। तिलिस्मदेव चल पड़े राजा दमतोड़ सिंह की मदद को परन्तु भगवान शिव ने दी तिलिस्मदेव को सलाह कि वो न करे दमतोड़ सिंह की मदद। परन्तु अपने वचन अनुसार तिलिस्मदेव ने दे दी दमतोड़ सिंह को भूगर्भा शक्ति तब पता चला की राजा दमतोड़ सिंह और कोई नहीं मेढकासुर का ही एक रूप है और तिलिस्मदेव की शक्ति पाने के लिए उसने रचा था यह षड्यंत्र। और अपनी गलती जान तिलिस्मदेव खुद जा पहुंचे मदद के लिए भगवान शिव के पास। और फिर.........?

No comments:

Post a Comment