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Saturday, May 28, 2011

बलवा

राजनगर में आगमन हो चुका था प्राचीन काल के महारथियों का जहाँ योद्धा और शांबरी वापस अपने काल में जाने के लिए भभूत देव के पास पहुँच चुके थे वहीं इन दोनों की दुश्मन लोहांगी ढूंढ़ रही थी योद्धा को। इधर राजनगर में अपराधों का शहंशाह बलवा ढा रहा था कहर जिसको रोकने में लगा हुआ था योद्धा। बलवा को भी मिल गयी थी लोहांगी के रूप में एक खतरनाक साथिन। वहीं एक और अपराधी डायमंड किलर बनाना चाहता था योद्धा को अपना साथी ताकि वो राजनगर से पत्ता साफ़ कर सके बलवा का इसलिए उसने अपहरण कर लिया योद्धा की साथिन शांबरी का और योद्धा से किया बलवा की जान का सौदा। और फिर...........?

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