अश्वलोक में खुशहाली और सुख शांति के लिए अश्वराज ने आयोजन किया अश्वमेध यज्ञ का और अश्वलोक की परिक्रमा करने के लिए छोड़ा घोड़े कल्पतरु को। इधर अश्वलोक के वन में अश्वराज के ताऊ और तारपीडो के बड़े भाई अश्वखब्ती ने अश्व देव को प्रसन्न कर प्राप्त की शक्ति जिससे वो नाश कर सके सूर्यवंशियों का। और जब अश्वखब्ती को पता लगा अश्वराज के अश्वमेध यज्ञ करने का तो उसने पकड़ लिया कल्पतरु को। अश्वराज निकल पड़ा कल्पतरु को छुड़ाकर वापस लाने। इधर नगर पर हमला कर दिया अश्वखब्ती के पुत्र अखोर ने जिसको रोकने पहुंचा अश्वराज परन्तु अखोर ने उसे कर दिया घायल। तब अश्वराज की मदद को पहुंचा रहस्यमय अश्वमेध और उसने अखोर की कर दी हत्या जिससे बौखला गया अश्वखब्ती और उसने अश्वलोक में मच दिया कोहराम। और फिर...........?
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