अश्वराज ने अश्वलोक में आयोजित किया अश्वमेध यज्ञ परन्तु अश्वराज के ताऊश्री अश्व्खब्ती ने अश्वमेध के घोड़े कल्पतरु का कर लिया अपहरण। अश्वराज निकला कल्पतरु को वापस लाने और टकरा गया अश्व्खब्ती के पुत्र अखोर से जिसमे एक रहस्यमय शक्ति अश्वमेध ने अश्वराज की मदद की और अखोर का खात्मा कर दिया। अखोर की मृत्यु की खबर सुन अश्व्खब्ती ने कर दिया अश्वराज पर आक्रमण और अश्वराज को मरणासन्न छोड़ कल्पतरु की बलि देकर अखोर को पुनः जीवित करने के लिए कल्पतरु को भेज दिया शैतान अश्वनाद के पास और अपने 49 पुत्रों सहित अश्वलोक पर कर दिया आक्रमण। और फिर............?
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