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Friday, May 20, 2011

बांकेलाल और चींटाघाटी

मनहूस नगर का राजा ठेंगा सिंह जिसका जंगल में सामना हो गया राक्षस चामुण्डा से। राक्षस से अपनी जान बचाने के लिए ठेंगा सिंह ने किया उससे हर रोज़ एक आदमी भेजने का सौदा। इधर बांकेलाल और विक्रमसिंह विशालगढ़ की खोज करते हुए जा पहुंचे एक विचित्र चींटाघाटी जहाँ थे चींटों के बड़े-बड़े अंडे उन अंडो में से निकला एक विशाल चींटा लग गया बांकेलाल और विक्रमसिंह के पीछे। चींटे से अपनी जान बचाते हुए दोनों ने शरण ली मनहूस नगर के एक नागरिक के घर में। अगले दिन उस घर से बांकेलाल को ही बना कर भेज दिया गया राक्षस चामुण्डा का भोजन बनने। और फिर.............?

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