जेल की कैद तोड़कर भागा एक खुनी शुक्राल, उसकी जान बचायी और शरण दी प्रोफ़ेसर राणा ने और उसे सुनाई उसके पिछले जन्म की दास्ताने। शुक्राल को उसकी वीरता का एहसास दिलाने प्रोफ़ेसर राणा ने टाइम मशीन के ज़रिये शुक्राल को पहुंचा दिया उस काल में जहाँ वो था तांत्रिक नरांतक का शिष्य जिसपर नरांतक ने अपनी तांत्रिक प्रक्रिया के ज़रिये एक दुरात्मा का प्रवेश करवाया और भेज दिया उस इंसाफ के पुजारी 'खुदाबाप' को ख़त्म करने जिसका कि खुद शुक्राल बहुत बड़ा भक्त था। दुरात्मा के प्रभाव में शुक्राल चल दिया अपने ही आदर्श खुदाबाप का अंत करने। और फिर..........?
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