Pages

Friday, May 13, 2011

योद्धा

धरती पर आया एक भूकम्प और भूकम्प से बनी दरार में से निकला एक शूरवीर 'योद्धा' और जा पहुंचा राजनगर शहर जहाँ उसके हथियार पर लगे हीरे पर नज़र पड़ी कुछ उचक्कों की और उन्होंने घेर लिया योद्धा को। हर चीज़ से अनजान योद्धा को उस स्तिथि याद आने लगा अपना अतीत जहाँ वो अकेला टक्कर ले रहा था गुलामों की मल्लिका लोहांगी की खुनी सेना से परन्तु उसको धोखे से बंदी बना लिया उस सेना के सरदार बल्लार ने और ले चला बंदी बनाकर लोहांगी के पास। परन्तु उसके जहाज़ पर हमला कर दिया एक और हमलावर जंजीबार ने। योद्धा के आक्रमण से पहले से ही कमज़ोर बल्लार नहीं टिक पाया इस हमले से तब योद्धा ने ही की मदद बल्लार की और बल्लार बन गया योद्धा का साथी। जंजीबार को हरा योद्धा और बल्लार अब चल दिए लोहांगी से विद्रोह करने इधर जंजीबार भी भाग कर पहुंचा अपनी महारानी शांबरी के पास जो थी लोहांगी की ही बहन और जिसको थी तलाश योद्धा की। और फिर...........?

No comments:

Post a Comment