देवालय नगर में मचा हुआ था एक रहस्यमय चोर का आतंक जो लोगों के सामान के
साथ चुरा लेता था उनकी परछाइयाँ भी. इस रहस्यमय चोर कालभूत ने लोगो की
परछाइयाँ चुरा कर बना ली थी अपनी परछाइयों की सेना जिस पर वार करने का मतलब
था उस परछाई के निर्दोष मालिक पर वार करना. इस परछाइयों के चोर कालभूत ने
मचा दिया देवालय में हाहाकार. तब इससे निबटने के लिए राजा विष्णुव्रत ने
लगायी गुहार बाबा तिलिस्मदेव से. और फिर........?
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