Pages

Tuesday, November 23, 2010

अतिक्रूर

भुजंग देश के भोजपुर गाँव में फैली महामारी जिसकी वजह से गाँव छोड़कर नगर आना पड़ा गाँव के शमशान में काम करने वाले चांडाल कपालफोड़ और उसके पुत्र अतिक्रूर को. परन्तु नगर में आकर भी कम नहीं हुयी उनकी मुसीबतें. कपालफोड़ को एक शैतान गजोख ने धोखे से राजा न्यायप्रिय की हत्या के जुर्म में पहुंचवा दिया कारागार में. अतिक्रूर को मिला सहारा शमशान भूमियों के प्रभु मशानराज और गुरु कालकोपडा का जिन्होंने अतिक्रूर को दी असीम ताकत. अब अतिक्रूर को शैतान गजोख को ख़त्म कर छुड़ाना था अपने इत कपालफोड़ को. और गजोख को ख़त्म करने के लिए चाहिए था अमोद्य शस्त्र दंताक जिसकी तलाश में आतिक्रूर आ पहुंचा था तिलिस्मी ओलम्पाक. और फिर............?

No comments:

Post a Comment