Pages

Sunday, November 21, 2010

डायन

अपने बेटे बादल को बचाने के लिए सेठ गिरधारी लाल ने पैसों के दम पर अस्पताल में इलाज करवा रहे ब्रजेश का गुर्दा निकलवाकर अपने बेटे को लगवा दिया जिससे ब्रजेश की चली गयी जान, खुद को बचाने के लिए सेठ गिरधारी लाल और उसके बड़े बेटे इंस्पेक्टर गजराज ने ब्रजेश के भाई और बहन की भी कर दी हत्या. जब इस बात का पता चला उनके बड़े भाई तांत्रिक देवराज को तो उसने अपनी शक्ति के बल पर मचा दिया सेठ गिरधारीलाल के परिवार पर खौफनाक कोहराम जिससे बचने के लिए सेठ गिरधारी लाल ने सहारा लिया प्रेत बाधा मिटाने वाली एक डायन का परन्तु देवराज ने उस डायन को भी कर लिया अपने वश में और उसी डायन की मदद से मचा दिया पूरे शहर पर मौत का आतंक. और फिर..........?

No comments:

Post a Comment