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Wednesday, November 10, 2010

शाप का अंत

परीलोक के सबसे सुन्दर परी स्वर्णनखा जिसको अपनी खूबसूरती पर था बेहद घमंड इसी घमंड की वजह से एक सन्यासी द्वारा उसको मिला कुरूपता का शाप और वह स्वर्णनखा से बन गयी शूलनखा और परीलोक में मचाने लगी हंगामा। परीरानी ने जब उसको रोकने के लिए उठाये कदम तो शूलनखा की मदद को आया राक्षस खूंखार जो उससे करता था प्रेम। फिर दोनों मिलकर चल पड़े पृथ्वी की और जहाँ शूलनखा ने पृथ्वी के मानवों को दिया शाप की पृथ्वी का समस्त जल हो जाये विषैला। जल के विषैले होने के कारण पृथ्वी पर मच गया हाहाकार। और फिर..........?

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