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Wednesday, April 6, 2011

शुक्राल और कालूंगा

जेल से भागा हुआ खूनी अपराधी शुक्राल सुन रहा था प्रोफ़ेसर राणा से अपने पिछले जन्मों की दास्तान जब वो था ताकत का देवता। डूंगरा का जंगल जहाँ के कबीले के आदिवासियों पर मचा था आतंक कालूंगा नाम के शैतान का। कालूंगा के अत्याचारों से मुक्ति के लिए कबीले वासियों को था अपने देवता शुक्राल का इंतज़ार। उनका वो इंतज़ार ख़त्म हुआ जब नदी में बहते हुए शुक्राल आ पहुंचा वहां तक। उस युवक को नहीं था अपने बारे में कुछ भी याद कि कौन है वो और कहाँ से आ रहा है बहता हुआ। परन्तु कबीले वासियों से कालूंगा के अत्याचार के बारे में सुन कर लिया उसने निश्चय कालूंगा का अंत करने का। और फिर.............?

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