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Tuesday, April 26, 2011

तू चल मैं आया

दो भाई 'तू चल' और 'मैं आया' जो थे तो बहुत मेहनती और हिम्मती परन्तु थे बेहद गरीब और अपनी ज़िन्दगी चलाने के लिए रोज़ कुछ न कुछ नया करने की सोचते। तभी उन्हें पता चला एक विचित्र साईकिल रेस प्रतियोगिता का जिसमे जीतने वाले को मिलना था तगड़ा इनाम। इस प्रतियोगिता में भाग लेने की सोच दोनों लग गए एक विचित्र साईकिल बनाने की जुगाड़ में और जा टकराए भूलभुलैया सर्कस के मालिक ऊट-पटांग से वहां चमत्कारी ढंग से किसी रहस्यमय शक्ति ने की तू चल मैं आया की मदद। दोनों को चमत्कार करते देख मि. ऊट-पटांग पड़ गया दोनों के उनको अपनी सर्कस में शामिल करने के लिए। और फिर..........?

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