विशालगढ़ की खोज में कई मुसीबतों का सामना करते हुए बढे चले जा रहे थे बांकेलाल और विक्रम सिंह। विक्रम सिंह भी था परेशान अपने शरीर में असमय होने वाले विकारों से। ऐसे में एक वन में उन्हें दिखाई दिया एक विचित्र वृक्ष जिसपर उगे हुए थे दस्ताने। बांकेलाल ने एक जोड़ी दस्ताने तोड़ पहन लिए अपने हाथों में फलस्वरूप उसके हाथ हो गए गायब। कुछ दूर चलने पर उन्हें दिखाई दिया एक और वैसा ही विचित्र वृक्ष जिसपर उगे थे जूते जिसे तोड़ रहा था एक आदमी। उस आदमी को मुसीबत से बचाने के लिए वो चल पड़े उसके पीछे परन्तु खुद फंस गए मुसीबत में। इधर चमत्कारी वृक्ष से जूती तोड़ने वाले आदमी को प्राप्त हुआ खज़ाना। तब इन चमत्कारी वृक्षों का रहस्य जानने के लिए बांकेलाल और विक्रमसिंह दोबारा चल पड़े उसी वन में। और फिर.............?
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