टर्की का क्रूर सम्राट हलीपा जो बनवाना चाहता था एक अद्भुत महल जिसके आगे संसार के सभी महल फीके लगे इसके लिए उसने सर्वप्रथम विश्व विजय के लिए शुरू किया नरमेघ यज्ञ जिसमे उसने अपना 'नर' चुना शक्तिशाली युवक शुक्राल को। शुक्राल चल पड़ा एक के बाद एक युद्ध जीतता हुआ और जा पहुंचा शुक्र देश जहाँ की सम्राज्ञी पटाखा ने बना लिया शुक्राल को बंदी। इधर हलीपा हो चुका था पटाखा पर मोहित और बनाना चाहता था उसको अपनी रानी। इधर पटाखा को पता चला की शुक्राल है उसी का पति जो कई वर्ष पूर्व उससे विवाह कर उसको सबक सिखाने के लिए मौत के मूंह में कूद गया था। यह जान पटाखा ने शुक्राल को कर दिया आज़ाद परन्तु शुक्राल ने आज़ाद हो पटाखा को ही बंदी बना पेश कर दिया हलीपा के पास। और फिर.........?
No comments:
Post a Comment