महानगर का राजा जालिमसिंह जिसके ज़ुल्मों से महानगर को निजात दिलाया एक उल्कापिंड ने। इसी ख़ुशी में नगरवासियों ने उस उल्कापिंड से इस दिन की याद में बनवाया अपनी स्वाधीनता का प्रतीक 'स्टेच्यु ऑफ़ लिबर्टी' जिसके हाथ में थमी थी हीरे जड़ी बेशकीमती मशाल। महानगर के स्वाधीनता दिवस पर मशाल से टकराया एक प्रकाश पुंज और वो मशाल बन गया सोने का। इस घटना से सभी रह गए हैरान। मशाल की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी सौंपी गयी जांबाज़ कैप्टन अंकार को। इधर मशाल को चुराने के फ़िराक में था कुख्यात सरगना कंगोरा। इधर वो प्रकाश पुंज जिससे टकराकर मशाल सोने का बना था उसने धारण किया रेत की इंसान का रूप और बन गया सैंडमैन। उसको भी चाहिए था वही सोने की मशाल। और फिर..........?
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