कर्णपुर कस्बे के ज़मींदार का बेटा ठाकुर भीष्मपाल सिंह अमेरिका से शिक्षा प्राप्त कर वापस कर्णपुर आया। कर्णपुर के एक प्राचीन मंदिर में थी एक अनमोल मूर्ति जिस पर बुरी नज़र पड़ गयी ठाकुर भीष्मपाल और उसके विदेशी दोस्तों की और उन्होंने चुरा ली मंदिर से वो मूर्ति। मंदिर के पुजारी ने दी उनको चेतावनी की अगर उन्होंने मूर्ति चुरायी तो वो उन सबका कर देगी सर्वनाश। परन्तु उन लोगो ने पुजारी की हत्या कर चुरा ली वो मूर्ति। और अपने इस जुर्म को छुपाने के लिए करते चले गए हत्या पर हत्या। परन्तु उन सब पर लग चुका था उस अभिशप्त मूर्ति का अभिशाप। और फिर......?
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