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Saturday, October 16, 2010

देवता की मणि

विशालगढ़ में चर्चा का विषय बने हुए थे कंकड़ बाबा जो 20 वर्षों से तपस्यारत थे बांकेलाल के शैतानी दिमाग ने राजा विक्रमसिंह द्वारा भंग करवा दिन कंकड़ बाबा की तपस्या। इससे क्रोधित होकर कंकड़ बाबा ने विक्रमसिंह और बांकेलाल को दे दिया शाप की उन्हें प्राणिजगत की 84 लाख योनियों की यात्रा करनी पड़ेगी। कंकड़ बाबा के शाप के कारण बांकेलाल और विक्रमसिंह विशालगढ़ से हो गए गायब और जा पहुंचे राक्षसलोक में जहाँ दोनों बन चुके थे राक्षस। राक्षस लोक में उन दिनों दो राज्यों में छिड़ी हुयी थी दुश्मनी और उस दुश्मनी के बीच में आ फंसे बांकेलाल और विक्रमसिंह। और फिर...........?

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