अजीतनगर जहाँ अचानक होने लगी थीं नागरिकों की हत्याएं। हर रात कोई शैतान किसी न किसी इंसान के शरीर का सारा रक्त पी जाता था। उस शैतान को पकड़ने के कई उपाय किये गए पर वो पकड़ा न गया। जब राज्य के निवासी अपनी फरियाद लेकर राजा अजीतपाल के पास पहुंचे तो उन्होंने बढ़ा दी राज्य की सुरक्षा। और तब जाकर पकड़ा गया वो खून का प्यासा शैतान जो और कोई नहीं अजीतनगर के महामंत्री का बेटा तिलकराज था। उसके बाद तिलकराज को दे दी गयी काली मौत की सजा जिसमे उसको एक तहखाने में जिंदा चुनवा दिया गया। पर सजा पाते-पाते भी तिलकराज का एक हाथ बाहर रह गया। और तिलकराज ने कसम खाई की उसकी मौत का बदला उसका हाथ लेगा। और फिर......................?Saturday, July 31, 2010
काली मौत
अजीतनगर जहाँ अचानक होने लगी थीं नागरिकों की हत्याएं। हर रात कोई शैतान किसी न किसी इंसान के शरीर का सारा रक्त पी जाता था। उस शैतान को पकड़ने के कई उपाय किये गए पर वो पकड़ा न गया। जब राज्य के निवासी अपनी फरियाद लेकर राजा अजीतपाल के पास पहुंचे तो उन्होंने बढ़ा दी राज्य की सुरक्षा। और तब जाकर पकड़ा गया वो खून का प्यासा शैतान जो और कोई नहीं अजीतनगर के महामंत्री का बेटा तिलकराज था। उसके बाद तिलकराज को दे दी गयी काली मौत की सजा जिसमे उसको एक तहखाने में जिंदा चुनवा दिया गया। पर सजा पाते-पाते भी तिलकराज का एक हाथ बाहर रह गया। और तिलकराज ने कसम खाई की उसकी मौत का बदला उसका हाथ लेगा। और फिर......................?
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