अनूपनगर का सनकी राजा चतुरसेन जिसने अपने राज्य में घोषणा करवा रखी थी कि जो भी उसको ठग लेगा उसको वो अपना पूरा राज्य सौंप देगा परन्तु कोई भी उसको ठग न पाता। उसी नगर में रहता था एक ठग चम्पतराम जिसने ठान लिया चतुरसेन को ठगने का और उसने बकायदा चतुरसेन को भेज दी चेतावनी। चतुरसेन ने भी कर ली उसको पकड़ने की तैयारी। तभी एक दिन राज्य में दाखिल हुआ एक और राजा चतुरसेन जिसने लगाया गद्दी पर बैठे राजा चतुरसेन पर आरोप की वह है नकली और मैं हूं असली। पूरा राज्य रह गया भौचक्का असली नकली के चक्कर में। और फिर...............?
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