शंखवटी का राजा शल्यभुज और रानी कंचन जिनके यहां राजकुमार के जन्म लेते ही उस पर लग जाता था शैतान का साया और वह हो शिशु हो जाता था गायब। पिछले पांच पुत्रों को इसी प्रकार खो चुके थे राजा शल्यभुज परंतु इसे रोकने में रहे नाकाम। वास्तव में शल्यभुज के पुत्रों का बलि चढ़ाने के लिए कर लेता था दुष्ट राक्षस केकड़ा अपहरण। इधर राजा के पास पहुंचा एक सन्यासी जिसने राजा का बताया उसके पुत्रों अपहरण के विषय में। तब राजा चल पड़ा दुष्ट केकड़ा से टकराने। और फिर............?
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