राजनगर में कदम रखा एक रहस्यमय बूढ़े ने जो मांग रहा था अपने लिए मौत पर उसे मौत नहीं मिल रही थी, न उस पर गोलियों का असर होता था और न ही बम और अन्य हथियारों का। यह रहस्यमय बूढ़ा लग गया राजनगर में आतंक फैला रही कुछ आतंकवादियों के हाथ और उन्होंने उसे भेज दिया अपने सबसे बड़े दुश्मन सुपर कमांडो ध्रुव को ख़त्म करने के लिए। और फिर..........................?
नमस्कार
ReplyDeleteब्लोगिंग की दुनिया में भरापूरा स्वागत करते हैं.आपके ब्लॉग पर आकर कुछ
सार्थकता लगी है.यूहीं लगातार बने रहें और बाकी के ब्लोगों पर सफ़र करके अपनी
राय जरुर लिखें.यही जीवन है.जो आपको ज्यादा साथियों तक जोड़ पायेगा.
सादर,
माणिक
आकाशवाणी ,स्पिक मैके और अध्यापन से सीधा जुड़ाव साथ ही कई गैर सरकारी मंचों से
अनौपचारिक जुड़ाव
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राज कॉमिक्स के साथ बचपन सरकता चला आया है इस नौजवानी तक ! नागराज और ध्रुव के साहसी कारनामें कल्पनाशीलता में नये रंग भरते थे उन दिनों ! सभी चरित्र जीवंत हैं अभी भी मस्तिष्क में ! यह ब्लॉग देखकर चहक उठा हूँ !
ReplyDeleteखूब सहेजा होगा आपने ! फिर से उसी दुनिया की तरफ लौटने की ख़्वाहिश !
आभार ।
Aur fir? Intezaar hai..jaldi agli kadi likhen!
ReplyDeleteBahut badhiya suruat bro....subhkamnaye
ReplyDeleteAapka Swaagat hai...
ReplyDeleteRaj ke Comicks online dekhkar achchha laga...
Kripya sunischit kar le, ki aap copyright kanoon ke saath bloging kar rahe hain.
Aageka intezaar hai!
ReplyDeleteAnek shubhkamnayen! Agli kadi jald post kar den!
ReplyDeleteइस नए चिट्ठे के साथ हिंदी ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
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