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Monday, July 12, 2010

मुझे मौत चाहिए

राजनगर में कदम रखा एक रहस्यमय बूढ़े ने जो मांग रहा था अपने लिए मौत पर उसे मौत नहीं मिल रही थी, न उस पर गोलियों का असर होता था और न ही बम और अन्य हथियारों का। यह रहस्यमय बूढ़ा लग गया राजनगर में आतंक फैला रही कुछ आतंकवादियों के हाथ और उन्होंने उसे भेज दिया अपने सबसे बड़े दुश्मन सुपर कमांडो ध्रुव को ख़त्म करने के लिए। और फिर..........................?

8 comments:

  1. नमस्कार
    ब्लोगिंग की दुनिया में भरापूरा स्वागत करते हैं.आपके ब्लॉग पर आकर कुछ
    सार्थकता लगी है.यूहीं लगातार बने रहें और बाकी के ब्लोगों पर सफ़र करके अपनी
    राय जरुर लिखें.यही जीवन है.जो आपको ज्यादा साथियों तक जोड़ पायेगा.

    सादर,

    माणिक
    आकाशवाणी ,स्पिक मैके और अध्यापन से सीधा जुड़ाव साथ ही कई गैर सरकारी मंचों से
    अनौपचारिक जुड़ाव
    http://apnimaati.blogspot.com
    http://maniknaamaa.blogspot.com

    अपने ब्लॉग / वेबसाइट का मुफ्त में पंजीकरण हेतु यहाँ सफ़र करिएगा.
    http://apnimaati.feedcluster.com/

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  2. राज कॉमिक्स के साथ बचपन सरकता चला आया है इस नौजवानी तक ! नागराज और ध्रुव के साहसी कारनामें कल्पनाशीलता में नये रंग भरते थे उन दिनों ! सभी चरित्र जीवंत हैं अभी भी मस्तिष्क में ! यह ब्लॉग देखकर चहक उठा हूँ !
    खूब सहेजा होगा आपने ! फिर से उसी दुनिया की तरफ लौटने की ख़्वाहिश !
    आभार ।

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  3. Aur fir? Intezaar hai..jaldi agli kadi likhen!

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  4. Bahut badhiya suruat bro....subhkamnaye

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  5. Aapka Swaagat hai...
    Raj ke Comicks online dekhkar achchha laga...
    Kripya sunischit kar le, ki aap copyright kanoon ke saath bloging kar rahe hain.

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  6. Anek shubhkamnayen! Agli kadi jald post kar den!

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  7. इस नए चिट्ठे के साथ हिंदी ब्‍लॉग जगत में आपका स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

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