सूर्यनगर जहां के पहलवान मंगलसिंह को पिछले जन्म की बाते याद आती है जिसमें वह था एक भील चक्रपाणि जिसकी बहन नीलमणि से प्रेम विवाह कर लिया राजा वीरशल्य ने परन्तु एक सन्यासी के श्राप के कारण वीरशल्य भूल बैठा नीलमणि को। यह बात सुनकर नीलमणि ने दे दी अपनी जान तब वीरशल्य से बदला लेने की कसम खाई चन्द्रपाणि ने परन्तु उससे बदला लेने से पहले ही वीरशल्य की हो गई मृत्यु। यह सुन चन्द्रपाणि ने खाई कसम की वो बदला लेकर रहेगा चाहे अगले जन्म में ही। फिर इस जन्म में वह बन गया मंगलसिंह और अब उसको बदला लेना था इस जन्म के राजा सूर्यसिंह से। और फिर............?
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