अपनी मंगेतर कुदुमछुम्बी को बचाने के लिए कारूं का खज़ाना लेने निकले अश्वराज की राह रोकने के लिए अपने शिष्यों के साथ मैदान में डटे थे महर्षि फूंकमसान। इधर कुदुमछुम्बी की पिता चिंतित सिंह चिंतित थे अपनी बेटी के लिए तब महर्षि फूंकमसान ने सुनाई अश्वराज के भूतकाल की कहानी की कैसे अश्वलोक के सूर्यवंशी सम्राट तारपीडो का बेटा अश्वराज और चंद्रवंशी सम्राट अश्वातंक के बेटी अश्वकीर्ती करते थे एक दुसरे से प्रेम पर सूर्यवंशियों और चंद्रवंशियों में थी दुश्मनी। इसलिए अश्वराज ले भागा अश्वकीर्ती को लेकर कारूं की घाटी जिसका पता केवल अश्वराज जी जानता था। परन्तु कारूं के घाटी पहुंचकर अश्वकीर्ति ने दे दिया अश्वराज को धोखा। और फिर............?
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